एक पखवाड़े तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
जिले भर में होगा डोर - डोर टू सर्वे
राजसमंद, 30 जनवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और से अगामी 13 फरवरी एक पखवाडे़ तक कुष्ठ जागरूकता अभियान का संचालन किया जायेगा। जिसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा डोर टू डोर सर्वे करेगी। सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता रोग के प्रति फैली भ्रान्तियों को दूर करेगी तथा संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों का सत्यापन करवाकर एमडीटी दवा शुरू करवायेंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की सभी चिकित्सा संस्थानों पर पखवाडे़ के दौरान कुष्ठ रोग से सम्बन्धित प्रचार प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जायेगा तथा आमजन में कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लियें चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से पम्पलेट्स का वितरण करने के साथ ही ग्रामीण क्षैत्रो में माईकिंग करवाई जायेगी।
पखवाडे़ के दौराना नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थानों एवं शैक्षणिक केन्द्रो में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जाकर कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी। जिससें वे रोग के लक्षणों को पहचान सके तथा अपने आस -‘ पास में ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार दिलवाने में सहयोग कर सकें।
उन्होंने बताया की कुष्ठ रोग की पहचान आसान है चमड़ी के रंग से फिका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन , सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो तो कुष्ठ रोग हो सकता है। जिलें में वर्तमान में 22 रोगीयों का निःशुल्क उपचार चल रहा है और वे कुष्ठ रोग से मुक्त हो रहें है।
उपचार में देरी से कुछ अंगो में अंग विकृति आ सकती है इसलियें आवश्यक है की चमड़ी पर सुन्न दाग धब्बा हो तो अनदेखा नही करें, नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जा कर जांच करवायें , रोग की जांच एवं दवां मुफ्त में उपलब्ध करवायी जा रही है।
कुष्ठ कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की कुष्ठ रोग को लेकर कुछ सामाजिक भ्रान्तियां है की जैसे यह पूर्व जन्म के पाप का फल है यह पूरी तरह निराधार है। यह एक मामूली बिमारी है जो एक जिवाणु लेप्रा बेसिली से होता है। यह कोई छूआछूत का या आनुवांशिक रोग नही है। इसलियें कुष्ठ रोगी के साथ सहज सामान्य व्यवहार करना चाहियें तथा कुष्ठ रोगी के साथ उठना, बैठना, खाना- पीना, रोटी - बेटी व्यवहार सब सहज व सामान्य रूप से किया जाना चाहियें।
जिले भर में होगा डोर - डोर टू सर्वे
राजसमंद, 30 जनवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और से अगामी 13 फरवरी एक पखवाडे़ तक कुष्ठ जागरूकता अभियान का संचालन किया जायेगा। जिसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा डोर टू डोर सर्वे करेगी। सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता रोग के प्रति फैली भ्रान्तियों को दूर करेगी तथा संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों का सत्यापन करवाकर एमडीटी दवा शुरू करवायेंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की सभी चिकित्सा संस्थानों पर पखवाडे़ के दौरान कुष्ठ रोग से सम्बन्धित प्रचार प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जायेगा तथा आमजन में कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लियें चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से पम्पलेट्स का वितरण करने के साथ ही ग्रामीण क्षैत्रो में माईकिंग करवाई जायेगी।
पखवाडे़ के दौराना नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थानों एवं शैक्षणिक केन्द्रो में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जाकर कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी। जिससें वे रोग के लक्षणों को पहचान सके तथा अपने आस -‘ पास में ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार दिलवाने में सहयोग कर सकें।
उन्होंने बताया की कुष्ठ रोग की पहचान आसान है चमड़ी के रंग से फिका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन , सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो तो कुष्ठ रोग हो सकता है। जिलें में वर्तमान में 22 रोगीयों का निःशुल्क उपचार चल रहा है और वे कुष्ठ रोग से मुक्त हो रहें है।
उपचार में देरी से कुछ अंगो में अंग विकृति आ सकती है इसलियें आवश्यक है की चमड़ी पर सुन्न दाग धब्बा हो तो अनदेखा नही करें, नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जा कर जांच करवायें , रोग की जांच एवं दवां मुफ्त में उपलब्ध करवायी जा रही है।
कुष्ठ कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की कुष्ठ रोग को लेकर कुछ सामाजिक भ्रान्तियां है की जैसे यह पूर्व जन्म के पाप का फल है यह पूरी तरह निराधार है। यह एक मामूली बिमारी है जो एक जिवाणु लेप्रा बेसिली से होता है। यह कोई छूआछूत का या आनुवांशिक रोग नही है। इसलियें कुष्ठ रोगी के साथ सहज सामान्य व्यवहार करना चाहियें तथा कुष्ठ रोगी के साथ उठना, बैठना, खाना- पीना, रोटी - बेटी व्यवहार सब सहज व सामान्य रूप से किया जाना चाहियें।
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