Friday, 12 January 2018



धुम्रपान व तम्बाकू के सेवन में आ रही है कमी - डॉ पंकज गौड़
8 फरवरी को मनाया जायेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 
प्रेस वार्ता में दी जानकारी
राजसमंद, 12 जनवरी। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण गेट्स के अनुसार राज्य में वर्ष 2010 से 2017 के  बीच 7 सालों में धूम्रपान के प्रसार में 5.6 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं धूम्ररहित तम्बाकू के प्रसार में भी 4.8 प्रतिशत की घटत हुई है। जो स्वास्थ्य की दृष्टी से काफी सकारात्मक है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। 
उन्होंने बताया की 50 प्रतिशत सिगरेट पीनेवाले और 47 प्रतिशत बीड़ी पीने वालों ने पाकेट पर चेतावनी के कारण धूम्रपान छोड़ने का विचार किया। वहीं 60 प्रतिशत तम्बाकू सेवन करने वालो ने पाकेट पर चेतावनी के कारण धुम्ररहित तम्बाकू सेवन छोड़ने का विचार किया। 
उन्होंने बताया की सर्वे में यह भी सामने आया है की 94 प्रतिशत पुरूष व महिलाएं यह जानते है कि धूम्रपान के कारण गंभीर बीमारी होती है।
सीएमएचओ डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में आगामी मार्च तक विशेष जनजागरूकता अभियान संचालित किया जायेंगा जिसमें तम्बाकू मुक्त आंगनबाड़ी केन्द्रो, तम्बाकू मुक्त पंचायतों को लेकर कार्य किया जायेगा। विद्यालय/कॉलेज के छात्र - छात्राओं का तम्बाकू नियंत्रण विषय पर आमुखीकरण, प्रतियोगितायें आयोजित की जायेगी। 
उन्होंने बताया की जिलें में कोटपा एक्ट के तहत 2109 चालान बनायें है। माह के अंतिम दिन नो टोबेको डे के रूप में मनानें पर विशेष ध्यान देकर प्रभावी रूप से मनाया जायेगा। वहीं किराणा की दूकानो पर भी नो टोबेकों डे तहत तम्बाकू पदार्थो का विक्रय नहीं हो ऐसे इंतजाम कियें जायेंगे। साथ ही जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर तम्बाकू उत्पादों के बोर्ड, होर्डिंग हटवायें जाने की कार्यवाही की जायेगी।
कृमि मुक्ति हेतु 1 से 19 वर्ष तक बच्चों को खिलाई जायेगी दवा .........................
सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने बताया की मृदा से संचारित कृमि संक्रमण भारत के लियें जनस्वास्थ्य की दृष्टी से एक महत्वपूर्ण विषय है। एक अनुमान के अनुसार देश में 1-14 वर्ष के लगभग 22 करोड़ बच्चों में आंत में कृमि का खतरा है। साक्ष्य बताते है कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, एनिमिया, पोषण और ज्ञान सम्बन्धी विकास के साथ- साथ विद्यालय की उपस्थिती पर भी हानिकारण प्रभाव डालता है। निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त करनें से कृमि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है।  
आगामी 8 फरवरी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से जिलें के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर कृमि मुक्ति हेतु एल्बेंडाजॉल दवा खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया की अभियान की सफलता के लियें नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट गाईड एवं एनसीसी के साथ जागरूकता हेतु समन्वय स्थापित किया जा रहा है जिससें इस दिन अधिक से अधिक बच्चों को दवा खिलाई जा सकें।  
उन्होंने बताया की सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रो में दवा की उपलब्धता की सूनिश्चिता कर ली जायेगी तथा तथा जिला स्तर से विशेष टीमो का गठन कर अभियान का पर्यवेक्षण किया जायेगा। इस अवसर पर उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर भी उपस्थित थें।  

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