बेटी नीतू अब उन्मुक्त होकर बच्चों के साथ खेलेंगी खेल औैर करेगी शरारतें
आरबीएसके के तहत 7 वर्षीय बेटी नीतू के दिल के छेद का हुआ निःशुल्क ऑपरेशन
राजसमंद। सात साल की मासूम नीतू न ज्यादा चल पाती और ही छोटे बच्चों की तरह खेलकूद व शरारते कर पाती। थोड़ा दौड़ती तो सांस फूलने लगती ऐसे में उसके मजदूर पिता पुष्कर जटिया पहले निजी चिकित्सालय में भी उपचार के लियें जांच करवायी तो डॉक्टर ने खर्च दो 2 लाख से अधिक से बताया जो नीतू के पिता पुष्कर के लियें जुटाना असंभव था।
मां सीता बेटी नीतू के स्वास्थ्य की स्थिती देख बच्चों के साथ दौडने, खेल खेलने और शरारते करने से मना करती और खुब डांट भी लगाती। बेटी नीतू करें भी तो क्या मन मसौस कर रह जाती ।
ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बेटी नीतू के लियें उम्मीद की किरण लेकर आया। आरबीएसके की टीम डॉ चन्द्रशेखर के नेेतृत्व में रेलमगरा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुरा में बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने पहंुची।
वहां कक्षा में 1 में अध्यनरत नीतू के असामान्य स्वास्थ्य को देखकर विस्तार से पूछताछ की तो पिता पुष्कर पहलें की चिकित्सकीय जांचो को भी लेकर पहुंचे और टीम को नीतू को सांस की तकलिफ के साथ ही दैनिक कार्याे को करने में आ रही समस्या के बारें में जानकारी दी। डॉ चन्द्रशेखर ने कार्यक्रम के तहत निःशुल्क ऑपरेशन की प्रक्रिया की जानकारी देकर रेफर किया।
कार्यक्रम के तहत बेटी नीतू के दिल के छेद की निःशुल्क सर्जरी उदयपुर स्थिती गीताजंली हॉस्पीटल में सफलता पूर्वक कर दी गई है। आज ही हॉस्पीटल से नीतू को छूट्टी भी मिल गई है। ऑपरेशन के बाद नीतू पूरी तरह से सामान्य बच्चियों की तरह हो गई है वह बिना किसी डांट फटकार के बच्चों के साथ खुल कर खेल सकेगी और शरारते भी।
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