Tuesday 31 October 2017


अपनी पर्यवेक्षण क्षमताओं को बढ़ायें एलएचवी - डॉ पंकज गौड सीएमएचओ
जिला स्तर पर आयोजित हुई नियमित टीकाकरण के साथ ही अन्य विभागीय कार्यक्रमों समीक्षा बैठक 

राजसमंद, 31 अक्टूबर। महिला स्वास्थ्य मार्गदर्शिका चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की महत्वपुर्ण धूरी है और वह क्षैत्र में गांव स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का लगातार सहयोगात्मक पर्यवेक्षण कर विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों की प्रगति में सुधार ला सकती है। लेकीन इसकें लियें विभिन्न कार्यक्रमों की सूचनाओं से अद्यतन रहने व क्षैत्र में नियमित भ्रमण करना आवश्यक है। यह निर्देश मुख्य चिकितसा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित महिला स्वास्थ्य मार्गदर्शिकाओं की समीक्षा में बैठक में दियें। 
डॉ पंकज ने निर्देशित किया की स्थानिय जिला प्रशासन एवं विभाग की और संचालित मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य के तहत संचालित कार्यक्रमों में गुणवत्ता हेतु महिला स्वास्थ्य मार्गदर्शिका को जिम्मेदारी से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पुर्व जांच, संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरीत करने एवं प्रसव पश्चात की जांचो का फोलोअप अनिवार्यतौर पर लिया जायें। 
बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने सभी को नवजात शिशुओं के मृत्यु के कारणों की जानकारी देते हुयें बताया की प्रीमेच्योंर डिलीवरी को करवाने समय आवश्यक सावधानीयों में बारें बताया वहीं 1800 ग्राम से कम वजन के बच्चों को तुरंत जिला चिकित्सालय में रेफर करने के लियें निर्देशित किया। नवजात शिशु को तुरंत रेडियेन्ट वार्मर में रखने तथा जहां रेडियेन्ट वार्मर नहीं है वहां 200 वॉट के बल्ब के नीचे रखने के लियें निर्देशित किया।
डॉ मीणा ने किसी भी हाल में प्रसव दर्द बढाने के लियें इन्जेक्शन अथवा अन्य किसी भी रूप में यूट्रो टोनिक नहीं देने के निर्देशित किया। उन्होंने बताया की इनकें उपयोग से मां व बच्चें दोनो के ही स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। 
बैठक में एलएचवी ने पूर्व में दियें गयें निर्देशों पर फिल्ड विजिट के अनुभव बतायें तथा क्षैत्र में आ रहीं समस्याओं के बारें में बताया। 

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