Tuesday, 30 January 2018

    एक पखवाड़े तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
             जिले भर में होगा डोर - डोर टू सर्वे

राजसमंद, 30 जनवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और से अगामी 13 फरवरी एक पखवाडे़ तक कुष्ठ जागरूकता अभियान का संचालन किया जायेगा। जिसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा डोर टू डोर सर्वे करेगी। सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता रोग के प्रति फैली भ्रान्तियों को दूर करेगी तथा संदेहास्पद कुष्ठ रोगियों का सत्यापन करवाकर एमडीटी दवा शुरू करवायेंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की सभी चिकित्सा संस्थानों पर पखवाडे़ के दौरान कुष्ठ रोग से सम्बन्धित प्रचार प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जायेगा तथा आमजन में कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लियें चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से पम्पलेट्स का वितरण करने के साथ ही ग्रामीण क्षैत्रो में माईकिंग करवाई जायेगी।
पखवाडे़ के दौराना नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थानों एवं शैक्षणिक केन्द्रो में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जाकर कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी। जिससें वे रोग के लक्षणों को पहचान सके तथा अपने आस -‘ पास में ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार दिलवाने में सहयोग कर सकें।
उन्होंने बताया की कुष्ठ रोग की पहचान आसान है चमड़ी के रंग से फिका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन , सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो तो कुष्ठ रोग हो सकता है। जिलें में वर्तमान में 22 रोगीयों का निःशुल्क उपचार चल रहा है और वे कुष्ठ रोग से मुक्त हो रहें है।
उपचार में देरी से कुछ अंगो में अंग विकृति आ सकती है इसलियें आवश्यक है की चमड़ी पर सुन्न दाग धब्बा हो तो अनदेखा नही करें, नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जा कर जांच करवायें , रोग की जांच एवं दवां मुफ्त में उपलब्ध करवायी जा रही है।
कुष्ठ कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की कुष्ठ रोग को लेकर कुछ सामाजिक भ्रान्तियां है की जैसे यह पूर्व जन्म के पाप का फल है यह पूरी तरह निराधार है। यह एक मामूली बिमारी है जो एक जिवाणु लेप्रा बेसिली से होता है। यह कोई छूआछूत का या आनुवांशिक रोग नही है। इसलियें कुष्ठ रोगी के साथ सहज सामान्य व्यवहार करना चाहियें तथा कुष्ठ रोगी के साथ उठना, बैठना, खाना- पीना, रोटी - बेटी व्यवहार सब सहज व सामान्य रूप से किया जाना चाहियें।

Sunday, 28 January 2018




जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल ने पोलियों अभियान का किया शुभारम्भ
बच्चों ने घटकी दो बून्द जिदंगी की
गांव - कस्बों में नौनिहालों को दवा पिलाने को लेकर रहा उत्साह

राजसमंद , 28 जनवरी। जिलें पोलियों महाअभियान का शुभारम्भ जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल ने जलचक्की स्थित चौमुखा महादेव मंदीर पर स्थित पोलियों बूथ पर नौनिहालों को पेालियों रोधी दवा पिलाकर किया। 
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल डंूगरवाल, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेष मीणा, वरिष्ठ षिषु रोग विषेषज्ञ एवं शहर में पोलियों अभियान के प्रभारी डॉ ललित पुरोहित उपस्थित थें। चौमुखा मंदिर स्थित पोलियों बूथ पर विकास अधिकारी रेलमगरा श्रीमती सुमन अजमेरा भी पोलियों बूथ पर अपनी बिटीयां गौरांगी को पोलियों रोधी दवा पिलाने पहंूची जहां जिला कलक्टर ने गौरांगी को दवा पिलायी।  
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने अभियान के तहत लक्षित बच्चों, बूथ की संख्या एवं अपेक्षित बूथ कवरेज के बारें में जानकारी दी। उन्होंने बताया की अभियान तीन दिन के है जिसमें पहले दिन बूथ पर तथा वंचित बच्चों को घर - घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा दवा पिलाई जायेंगी।  
जिला कलक्टर ने बस में चढ कर बच्चों को पिलाई पोलियों रोधी दवा...................
जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल कांकरोली बस स्टेण्ड पर ट्रंाजिट टीम का निरीक्षण किया तथा राजस्थान पथ परिवहन निगम की बस में चढ कर बस में यात्रा कर रहें बच्चों को दवा पिलायी तथा परिजनों को पूछा की ये पोलियों की दवा क्यों पिलातें है। जिला कलक्टर ने अभियान के तहत पोलियों ट्रांजिट टीम को निर्देषित किया की वे परिजनों को पोलियों रोधी दवा के लाभ के बारें में जानकारी देंवें। इसके बाद जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल शहरी कच्ची बस्ती गुड़ली में भी पहूंचे तथा वहां सामुदायिक भवन में संचालित पोलियों बूथ पर बच्चों को दवा पिलायी।  
जिला स्तरीय अधिकारीयों ने किया अभियान का सघन निरीक्षण................
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने अभियान के तहत गुंजोल, मोलेला, बड़ाभाणुजा गांव में स्थित बूथ का निरीक्षण कर आवष्यक निर्देष दियें वहीं जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेष मीणा ने केलवा, देवपूरा, गुगली, सेलागुड़ा, कमेरी, मालाखेड़ा, माद , लिकी गांवो में दौरा कर अभियान के क्रियान्वयन का निरीक्षण किया। उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने मुण्डोल, पूठोल, गजपुर, सांयो का खेड़ा गांवो का दौरा कर पोलियों बूथ का निरीक्षण किया। वहीं जिला औषधी भण्डार के प्रभारी अधिकारी डॉ अनिल जैन ने भीम देवगढ़ में कामली घाट, कामला, कीटो का बाडि़या,हवाला, विजयपुरा,मियांला, मादा की बस्सी, छापली, दिवेर गांवो का दौरा कर पोलियों बूथ का निरीक्षण कर व्यवस्थायें जांची। खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर ने खमनोर क्षैत्र में, डॉ प्रहलाद सिंह सौलंकी ने कुम्भलगढ में डॉ कमलेष मीणा ने भीम, डॉ अनुराग शर्मा ने आमेट, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने रेलमगरा, डॉ मीठालाल मीणा ने राजसमंद ब्लॉक के गांवो में पोलियों बूथ का निरीक्षण किया।  
बच्चों को दवा पिलाने को परिजनों में देखा गया उत्साह..............
अभियान के तहत कस्बों के साथ ही गांव - ढाणियों में भी परिजनों में बच्चों को पोलियों रोधी दवा पिलाने को लेकर उत्साह देखा गया। सुबह - सुबह ही परिजन उत्साह के साथ अपने बच्चों को लेकर पोलियों बूथ पर पहुंचे और बच्चों को पोलियों रोधी दवा पिलवाई।

Saturday, 27 January 2018


आज पोलियों रविवार, नौनिहालों को पिलावें पोलियों रोधी दवा
जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल करेंगे पल्स पोलियों अभियान का शुभारंभ


राजसमंद, 27 जनवरी। आज रविवार 28 जनवरी को समुचे जिले में पल्स पोलियों अभियान आयोजित किया जायेगा। पोलियों अभियान का जिला स्तरीय शुभारंभ जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल जलचक्की स्थित चौमुखा महादेव मंदिर स्थित बूथ से करेंगे वही विभिन्न ब्लॉक खंड व ग्राम स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारीयों द्वारा नोनिहालों को पोलियों रोधी दवा पीलाकर अभियान की शुरूआत की जायेगी।
      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की सम्पुर्ण जिलें में 1145 पोलियों बूथ बनायें गयें है जिनमें से 1072 ग्रामीण क्षैत्रों में एवं शहरी क्षैत्रो में 70 पोलियों बूथ बनायें गयें है। अभियान के तहत जिले में 0 से 5 वर्ष तक के कुल 1 लाख 83 हजार 122 बच्चों को पालियों रोधी दवा पीलाई जावेगी। 
         जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की जिलें में अभियान के तहत 352 हाईरिस्क एरिया जैसे ईंट भट्टो, निर्माणरत ईमारतों, खनन क्षैत्रों में विशेष ध्यान दिया जा कर इन क्षैैत्रों में स्थित बच्चों को पोलियों रोधी दवा पिलाई जायेगी। वहीं घुम्मकड़ जाति वाले क्षैत्रों को विशेषतया चिन्हीत कर अभियान के पहले दिन ही पोलियों रोधी दवा पीलाई जायेगी।
        उन्होंने बताया की बूथ पर बच्चों कों लानें वालें बूलावा टोली के बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप टॉफिया भी वितरीत की जावेंगी। अभियान के सूचारू संचालन के लियें जिले के 50 सेक्टरों में 153 पर्यवेक्षक तथा 3058 वेक्सीनेटर्स नियोजित रहेंगे। जिलें में कोई भी बच्चा न छुटे इसके लिये 8 मोबाईल टीमें व 20 ट्रांजिट टीमें कार्यरत रहेगी। बस स्टेण्ड, चौराहों पर भी बच्चों को पोलियों रोधी दवा पीलाई जायेगी। 
       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में सभी पोलियों बूथ के लिये आवश्यक प्रचार व अन्य सामग्री व पोलियों रोधी दवा पहंुचा दी गई है। अभियान के प्रचार प्रसार के लिये माईंकिंग के माध्यम से आम जन कों जानकारी दी गई है। उन्होंने सभी स्वयं सेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक नागरीकों एवं परिजनों से अभियान में सक्रीय भुमिका निभानें का आग्रह किया है।
      उन्होंने बताया है कि 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे जिन्होने पहले भी दवा पी है उनकों दवा पीलाना आवश्यक है। परिजन अपने घर के नजदीकी पोलियों बूथ पर जा कर बच्चें को पोलियों रोधी दवा पीलावें जिससेें बच्चा की जीवनभर पोलियों जैसी गम्भीर बिमारी से बचा रहे। 

Wednesday, 24 January 2018



बेटीयों के नाम रहा दिन, बेटीयां अनमोल है से गुंजे शिक्षण संस्थान 
डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान के तहत 30 हजार से अधिक युवाओं ने माना बेटीयां अनमोल है
कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें लियें शपथ ली, एक साथ एक समय पर गाया जन-गण-मन
राजसमंद, 24 जनवरी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिलें में 100 से अधिक शिक्षण संस्थाओं में जिला पीसीपीएनडी एवं आईईसी प्रकोष्ठ की और से डॉटर्स आर प्रीसीयस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 30 हजार से युवाओं ने शामिल होकर पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन एवं विडियों फिल्मस के माध्यम से कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम को लेकर विस्तार से जानकारी प्राप्त की और इस विषय पर संवाद कर बेटी अनमोल है अभियान में शामिल हुयें।
आईएएस श्री नवीन जैन के नेतृत्व में पुरें प्रदेश में बालिका दिवस के अवसर पर राज्य के 5 हजार से अधिक शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसकें तहत जिलें के शिक्षण संस्थाओं ने भी इस मुहिम में साथ देते हुयें 100 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। सुबह 10 बजे से 12 बजे के मध्य आयोजित इन कार्यक्रमो में 11.30 बजें सभी स्थानों पर राष्ट्रगान गाया गया। 

अभियान के तहत जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल पहुंचे खमनोर बालिका विद्यालय में ................
बालिका दिवस के अवसर पर जिलें के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में आयोजित कियें जा रहें डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान के तहत जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल खमनोर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे और बालिकाओं को संबोधित करतें हुयें कहा की कन्या भ्रुण हत्या रोकने में आने वाली पीढी की अहम भुमिका होगी और यह पीढी ही बिगड़ते लिंगानुपात को सुधारेगी। उन्होंने कहा की बेटी - बेटे में भेदभाव को मिटाना होगा जिसके लियें स्वयं को ही जागरूक होना होगा। उन्होंने सभी बालिकाओं से पढ़ाई में निरंतरता बनायें रखने के लियें प्रेरीत किया। कार्यक्रम को खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर ने भी संबोधित किया एवं विभाग द्वारा चलायें जा रहंे डॉटर्स आर प्रीसीयस के उद्ेश्य पर विस्तार से जानकारी दी। 

सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ पहुंचे जे.के लक्ष्मीपत सिंहानिया स्कूल में................................... 
लक्ष्मीपत सिंघानिया सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित हो रहें कार्यक्रम में शिरकत करतें हुयंे सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने उपस्थित युवाओं से कहा की बेटी से ही परिवार का अस्तित्व है बिना बेटी स्नेह, प्यार, दुलार जैसे शब्द केवल किताबों में ही रह जायेंगे इसलियें बिना बेटी यह संसार अधूरा है। संस्थान के प्राचार्य डॉ संजय अविशेका ने प्रदेश में कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम को लेकर प्रदेश में कियें जा रहें अभिनव प्रयासों को सराहा। 
कार्यक्रम में युवाओं को प्रदेश में लिंगानुपात की स्थिती की जानकारी देते हुयें, समाज में बेटीयों की सुरक्षा, वंशवाद, पित्तृ सत्तात्मक समाज, धार्मिक कारणों की भ्रान्तियों पर युवाओं से चर्चा कर उन्हें दूर करने के लियें प्रेरीत किया गया। वहीं सोनोग्राफी मशीन के दुरूपयोंग को रोकने, एक्टीव ट्रेकर के संचालन, इम्पेक्ट सॉफ्टवेयर, मुखबिर योजना, राज्य एवं राज्य से बाहर हुयें 101 डिकॉय ऑपरेशन, टोल फ्री नम्बर 104/108 की विस्तार से जानकारी दी गई।  राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बेटी जन्म पर बधाई संदेश एवं राज श्री योजना के बारें में भी बताया गया। कार्यक्रम में विडियों फिल्म के माध्यम से कोख में बेटी को मारनें के अमानवीय तरीको को बताया गया तथा युवाओं से अपील की गई कि वे इस कुप्रथा के विरोध में अपनी आवाज बुलन्द करें तथा अपने परिवार, समाज में बेटी और बेटे में भेदभाव करना छोड़े। 
कार्यक्रमों युवा छात्र - छात्राओं ने बढ-चढ कर कार्यक्रम प्रस्तुत करने पहुंचे डैप रक्षकों से पीसीपीएनडीटी एक्ट, एक्टीव ट्रेकर एवं अभियान को लेकर सवाल पूछे जिनका समाधान किया गया। सभी कार्यक्रमों कुल 30 हजार से अधिक युवा छात्र - छात्रायें शामिल थें जिन्होंने कन्या भ्रुण हत्या ना करने तथा किसी प्रकार से सहयोग नहीं करने के लियें शपथ ली। 
जिलें में इन शिक्षण संस्थाओं में आयोजित हुआ बेटी अनमोल है संवाद.......................
राजकीय बालकृष्ण सी.सै स्कूल कांकरोली, उच्च माध्यमिक विद्यालय राजनगर, सोफिया पब्लिक स्कूल, लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल, गांधी सेवा सदन, गायत्री पब्लिक स्कूल धोइन्दा, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण संस्थान, बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय राजनगर, बालकृष्ण उच्च माध्यमिक विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपरड़ा, पॉलिटेक्निक कॉलेज राजसमंद , सुभाष पब्लिक स्कूल, आलोक पब्लिक स्कूल, संगीता पब्लिक स्कूल, विद्यानिकेतन स्कूल गुड़ली, उच्च माध्यमिक विद्यालय भाणा, केलवा, कुंवारिया, मोही, एमडी, धोईन्दा, पसून्द, भावा, महासतीयों का मादड़ी, राज्यावास, पीपली आचार्यन, गजपुर, थोरिया, बड़गांव, साकरोदा, नवप्रभात एमडी, सुर्योदय, अड़किया, चौकड़ी, हरीता इन्टरनेशनल, धांयला, तासोल, ओरेन्ट काउन्टी, नमाणा, बड़ारड़ा, मॉडल स्कूल आमेट, बालिका विद्यालय आमेट, उच्च माध्यमिक विद्यालय आगरिया, गलवा, जिलोला, सिंयाणा, विद्यानिकेतन आमेट, मित्रमण्डल स्कूल आमेट, केन्द्रीय विद्यालय देवगढ़, स्वामी विवेकानन्द स्कूल देवगढ़, उच्च माध्यमिक विद्यालय ताल, लसानी, बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय देवगढ़, कुन्दवा, कुंवाथल, कांकरोद, सुबोध बाल मन्दिर देवगढ़, केरीयर संस्थान देवगढ़, स्वामी विवेकानन्द स्कूल रेलमगरा, भारती शिशु निकेतन स्कूल रेलमगरा, उच्च माध्यमिक विद्यालय रेलमगरा, पीपली अहिरान, कुरज, धनेरीया, कोटड़ी, गिलुण्ड, बनेडि़या, कुंचोली, समीचा, केलवाड़ा, बालिका केलवाड़ा, चारभुजा, मजेरा, रिछेड़, लाम्बोड़ी, अंटालिया, उच्च माध्यमिक विद्यालय भीम, बालिका भीम, छापली, बली जस्सा खेड़ा, गुरूकुल विद्या मन्दीर भीम, उच्च माध्यमिक विद्यालय बरार, खमनौर, बड़ा भाणुजा, नेड़च, सालोर, बालिका खमनोर, कोठारीया, देलवाड़ा, सलोदा, सगरूण, सेमा, शिशोदा, नाथद्वारा, बालिका नाथद्वारा, श्री जी पब्लिक स्कूल नाथद्वारा, श्री नाम फार्मेसी कॉलेज, श्रीनाथ मैनेजमेंट कॉलेज नाथद्वारा में हुआ ।  

Tuesday, 23 January 2018

जिलें में 25 हजार से अधिक युवा आज जानेंगे और मानेंगे बेटीया अनमोल है
कार्यक्रम में मध्य में सब मिलकर गायेंगे जन-गण-मन
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 100 से शिक्षण संस्थाओं में आयोजित होगा डॉटर्स आर प्रीसीयस

राजसमंद, 23 जनवरी। प्रदेशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ की ओर से डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान के अन्तर्गत जागरूकता हेतु 4 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षित डैप रक्षकों द्वारा एक दिन एक साथ एक समय में लगभग 8 लाख से अधिक युवाओं को बेटी बचाओं का संदेश दिया जायेगा। 
अभियान के तहत जिलें में 100 से अधिक शिक्षण संस्थाओं में आज 24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस पर डॉटर्स आर प्रीसीयस कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसमें लगभग 25 हजार से अधिक युवाओं से बेटीयां अनमोल है विषय पर संवाद किया जायेगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में शामिल सभी लोग मिलकर राष्ट्रगान जन- गण-मन का गायन करेंगे जो एक नया रिकॉर्ड बनेंगा। 
अभियान के तहत प्रशिक्षित वॉलेन्टीयर्स सम्बन्धित शिक्षण संस्थाओं में जायंेगे तथा युवाओं से संवाद करेंगे तथा कन्या भु्रण हत्या की रोकथाम हेतु विभिन्न फिल्मों एवं पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से युवाओं से संवाद कर उन्हें इस कुरीति के खिलाफ जागरूक करेंगे।  
संवाद में राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा अब तक राज्य व राज्य से बाहर कियें गयें 101 डिकॉय ऑपरेशन में कानून की सहायता से जैल भिजवायें गयें गुनहगारों की कहानियों, समाज में बेटीयों के जन्म को लेकर फैली भ्रान्तियों के निवारण के साथ ही राज्य सरकार द्वारा बेटीयों के हितार्थ संचालित योजनाओं एवं शिकायत के लियें टोल फ्रि नम्बर 104/108 के बारें में जानकारी दी जायेगी। 
जिलें में ब्लॉक राजसमंद में 34, खमनोर में 17, कुम्भलगढ़ में 13, रेलमगरा में 11, देवगढ़ में 11, आमेट में 10 व भीम में 6 शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रम का आयोजन होगा। प्रदेश व जिलें के लियें यह दिन ऐतिहासिक होगा की जब इतने बड़े स्तर पर एक साथ बेटी बचानें के लियें संवाद आयोजित होगा। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में शिक्षण संस्थाओं एवं वॉलेन्टीयर्स ने आगे आकर कार्यक्रमों के आयोजन में अपनी रूचि दिखाई है जो बेटीयों के लियें युवाओं की बदलती सोच का परिचायक है। 

Monday, 22 January 2018



प्रशिक्षण , परिणाम में बदले तभी उपादेयता - श्री पी.सी बेरवाल जिला कलक्टर 
तीन दिवसीय क्वालिटी एश्योरंस प्रशिक्षण समन्पन्न

राजसमंद, 22 जनवरी। प्रशिक्षण का मुल उदे्श्य हमारें कार्य करने के तरीकों में परिवर्तन के साथ ही टीम भावना के साथ किन्ही लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है। चिकित्सा संस्थान में कार्य करने वाले विभिन्न स्तर के कार्मिक जब  टीम भावना के साथ जुड़ कर आने वालें मरीजों को बेहतर सेवायें प्रदान करेंगे तभी हमारी सेवाओं में गुणवत्ता आयेंगी।  
उन्होंने कहा की इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में आपकों विभिन्न स्तरों के चिकित्सा संस्थानो में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के मानक एवं उन मानकों को प्राप्त करने के लियें रणनितीयों को साझा किया गया है। 
उन्होंने कहा की चिकित्सा का आधारभूत ढांचा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से मजबूत किया गया है। अब गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लियें आप सभी को इस प्रशिक्षण के बाद मिलकर अपने चिकित्सा संस्थान में कार्य करना होगा। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने सभी प्रशिक्षण में शामिल सभी चिकित्सा अधिकारीयों एवं प्रभारी कार्मिको को निर्देशित किया वे अपने चिकित्सा संस्थानों में छोटी- छोटी कमीयों को दूर करना शुरू करें तथा फिर बड़ी कमीयों की और बढ़े। प्रतिदिन सुबह बैठक कर तैयार योजना पर चर्चा करें और उनकों दूर करने में लग जायें। 
कार्यशाला में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल , राज्य स्तर से आये प्रशिक्षक डॉ प्रदीप सिनसिनवार, हैल्थ मेनेजर ज्योति मीणा एवं सभी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थें। 


डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान में जुड़ना ही हमारे लियें गौरव - डॉ पंकज गौड़ 
स्वास्थ्य भवन में आयोजित हुई डेप रक्षकों का प्रशिक्षण 

राजसमंद, 22 जनवरी। डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान में जुड़ना हमारें लियें गौरव की बात है। यह अभियान ऐसा अभियान है जिसमें हम कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें विस्तार से यूवाओं को जानकारी देंगे। समाज बालिका जन्म को लेकर जो भ्रान्तियां है उसका निवारण करेंगे और बेटीयां गर्भ में नहीं मारी जायें इसकें लियें प्रत्येक युवा को जागरूक करेंगे।  
ये विचार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने स्वास्थ्य भवन में जिलें भर से आयें डेप रक्षकों के प्रशिक्षण में व्यक्त कियें। 
उन्होंने बताया की मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन आईएएस के निर्देशन में अन्तराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के शिक्षण संस्थाओं में युवाओं को कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के लियें जागरूक करनें के उदे्ेश्य से बेटियां अनमोल है संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। 
उन्होंने इस कार्यक्रम मंे सहभागिता को लेकर खासा उत्साह इसी से जाना जा सकता है कि जिलें 100 से अधिक डेप रक्षक बने है और वें 24 जनवरी को बालिका दिवस के अवसर पर अपने नजदीकी शिक्षण संस्थाओं में जाकर बेटीयां अनमोल है विषय पर संवाद देंगे। 
पुरें जिलें में सुबह 10 बजे से 12 तक बेटीयां है अनमोल अभियान कार्यक्रमो का आयोजन विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में होगा जिसमें पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन, विभिन्न विडियों फिल्मस के माध्यम से ये वॉलिएन्टर्स हजारों युवाओं से संवाद कर लिंगानुपात, पीसीपीएनडीटी कानून, डीकॉय ऑपरेशन, समाज में बेटियों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करेंगे। 
प्रशिक्षण में जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक श्री कपिल भारद्वाज, जिला आशा समन्वयक श्री हरिशंकर शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक श्री दिलीप श्रीमाली ने विस्तार से इस अभियान के क्रियान्वयन को लेकर जिलें भर के डॉटर्स आर प्रीसीयस रक्षकों को जानकारी दी। 
प्रशिक्षण में डॉटर्स आर प्रीसीयस पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन की विस्तार से जानकारी दी गई साथ ही किस समय किस फिल्म का प्रदर्शन किया जाना है।   

Sunday, 21 January 2018



कोशीवाड़ा में आयोजित हुआ विशाल चिकित्सा शिविर एवं निःशुल्क दवाईंयो का वितरण
ग्रामीणों विशेषज्ञों से मिला निःशुल्क ईलाज एवं परामर्श

राजसमंद, 21 जनवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से उदयपु सेवा समिति, तुलसी साधना शिखर राजसमंद, अणुव्रत समिति उदयपुर, नाथद्वारा समाज उदयपुर, विजेराज रेबारी परिवार कोशीवाड़ा की और से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोशीवाड़ा में विशाल चिकित्सा शिविर एवं निःशुल्क दवॉईंयों का वितरण किया गया। कोशीवाड़ा एवं आसपास के गांवो के 500 से अधिक मरीजों ने निःशुल्क शिविर का लाभ लिया। 
शिविर में चिकित्सा के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध विशेषज्ञ फिजिशियन मेडिसन प्रो. डॉ .डी.पी.सिंह, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ अरूण गुप्ता, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ लाखन पोसवाल, वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग तलेसरा, चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ गरिमा भारती, वरिष्ठ कान नाक गला रोग विशेषज्ञ डॉ भानु प्रकाश वर्मा, डॉ अरविन्दर सिंह अर्थ डायग्नोस्टिक, डॉ दिव्यांशु एवं डॉ प्राची शर्मा ने अपनी सेवायें दी। शिविर में सेवायें देने वालें चिकित्सा अधिकारीयों एवं सहयोगियों का गणेश डागलिया ने सम्मानित किया। 
शिविर में शुगर की जांच, ई.सी.जी जांच के साथ ही सम्पूर्ण शरीर की जांच की सेवायें उपलब्ध करवायी गई। शिविर में सहयोग देने वाले वरिष्ठ चिकित्सकों का आयोजन समिति द्वारा सम्मान किया गया एवं इस तरह के शिविर प्रतिवर्ष आयोजित करने के लियें प्रतिबद्धता जताई।
शिविर के दौरान नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक एवं पद्म श्री पुरूस्कार प्राप्त डॉ कैलाश मानव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार दक उपस्थित थें। 
सम्मान समारोह के दौरान सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने दूरस्थ ग्रामीण क्षैत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाओं की कमी को देखतें हुयें ऐसे शिविरों को ग्रामीण जनों के लियें वरदान बताया तथा वरिष्ठ चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया की वे उन्होंने इस शिविर में अपनी सेवायें देकर वास्तव में नर सेवा ही नारायण सेवा की संकल्पना को सार्थक किया है।

Saturday, 20 January 2018



चिकित्सा सेवाओं में गुणवत्ता के लियें क्वालिटी एशयोरंस प्रशिक्षण शुरू
चिकित्सा अधिकारीयों एवं चिकित्सालयों में विभिन्न विभागों के प्रभारी ले रहें प्रशिक्षण

राजमसंद, 20 जनवरी। चिकित्सा संस्थाओं में आमजन को गुणवत्तापूर्ण सेवायें मिलें इसकें लियें प्रत्येक स्तर जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दी जा रहीं विभिन्न चिकित्सकीय सेवाओं को लेकर मानक तय कियें और उन मानकों पुरा करनें के लियें कमीयों का पहचान कर उन्हें दूर करनें के लियें जिला स्तर पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।  
प्रशिक्षण के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा उपस्थित थें।  
प्रशिक्षण में भाग ले रहें चिकित्सा अधिकारीयों, चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न विभागों के प्रभारी, नर्सिंग स्टॉफ को राज्य सलाहकार डॉ प्रदीप सिनसिनवार, हैल्थ मेनेजर ज्योति मीणा प्रशिक्षण दे रहीं है। 
प्रशिक्षण में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लियें सतत सजग रह कर चिंिकत्सा संस्थानों में विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी एवं कार्मिक, कमीयों को चिन्हीत कर उनकों दूर करने के लियें प्राथमिकता तय करें और सतत प्रयासों से सेवाओं के मानकों के अनुरूप बनाने के बारें में जानकारी दी जा रही है। 
जिससें टीम भावना के साथ चिकित्सा संस्थान की प्रत्येक चिकित्सकीय सेवा निर्धारित मानकों पर खरा उतर सकें और आमजन को गुणवत्तापूर्ण सेवायें मिल सकें। 
यह प्रशिक्षण तीन दिवस तक चलेगा जिसमें चिकित्सा संस्थान में लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी, आईसीयू, मेटरनिटी वार्ड, नवजात शिशु देखभाल यूनिट सहित विभिन्न विभागों से सम्बन्धित मानकों की जानकारी देकर उनमें दी जा रहीं सेवाओं को गुणवत्ता सुनिश्चित करनें के लियें मानक परिक्षण सूचियों के बारें में विस्तार से जानकारी दी जायेगी।

Friday, 19 January 2018


कुपोषण उपचार के लियें समुदाय में कार्य करना जरूरी - श्री पी.सी बेरवाल
पोषण को लेकर एक्शन अगेंस्ट हंगर इंडिया, फाइट हंगर फाउंडेशन की कार्यशाला सम्पन्न 

राजसमंद, 19 जनवरी। बच्चों को कुपोषण से निजात दिलानंे के लियें समुदाय में कार्य करना जरूरी है। बच्चा कुपोषण से ग्रस्त नहीं हो इसकें लियें गर्भवती महिला को पोषण की जानकारी हो, कुपोषण से ग्रस्त बच्चों के परिजनों को कुपोषण के लक्षणों की जानकारी हो और बच्चों में कुपोषण उपचार के लियें समुदाय में कार्य करनेें की आवश्यकता है। 
यह विचार जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल ने जिला स्तर पर पोषण को लेकर एक्शन अगेंस्ट हंगर इंडिया, फाइट हंगर फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कार्यशाला में व्यक्त कियें। 
उन्होंने कहा की गांव स्तर पर कार्य करने वाली एएनएम, आशा पोषण के बारें में गर्भवती महिला , प्रसूता महिला एवं परिजनों को जानकारी दे यह आवश्यक है। 
कार्यशाला में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने जिलें में पूर्व में संचालित समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम की सफलता के बारें में जानकारी दी एवं बताया की 80 गांवो में कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया गया एवं 534 से अधिक बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर स्वस्थ किया गया।
पोषण को लेकर एक्शन अगेंस्ट हंगर इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताय गया कि राजसमंद में एनएफएचएस 4 2015-16 के आंकड़ो के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में नाटेपन की दर 38.6 प्रतिशल और सुखेपन की दर क्रमानुसार 28.9 प्रतिशत है। समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम हेतु चुने गए 20 जिलों में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के आंकड़ो के अनुसार राजसमंद 7 वे स्थान पर है। आंकडे़े बताते है की पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 11.8 प्रतिशत तीव्र कुपोषण से पीडि़त है। 38.8 प्रतीशत बच्चों का वनज सामान्य से कम है। इसी रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रजनन के लियें सक्षम महिलाओं में 62 प्रतिशत को खून की कमी है, इसलियें इनके बच्चें भी कुपोषण का शिकार है। इसलियें प्रदेश सरकार ने इसे पोषण कार्यक्रम के लियें चुना है। राजस्थान भारत का पहला ऐसा राज्य है, जहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने विकास सहयोगियों के सहयोग से समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम सफलता पूर्वक पूरा किया। राजसमंद में कुपोषण की स्थिती में सुधार हेतु एक नियमित पोषण कार्यक्रम की आवश्यक है। 
कार्यशाला में बताया गया की आम तौर पर 80 प्रतिशत कुपोषित बच्चों का सामुदायिक स्तर पर उपचार संभव है और केवल शेष 20 प्रतिशत बच्चे जिनमें शारीरिक समस्याएं पाई जाती है उन्हें कुपोषण उपचार केन्द्र में उपचार की आवश्यकता होती है। यदि यह कार्यक्रम लगातार चलाया जाता है तो समुदाय स्तर पर ही कुपोषण की स्थिती में सुधार लाया जा सकता है। यह अत्यंत आवश्यक है की राज्य में इस तरह का कार्यक्रम लगातार संचालित हो जिससें बच्चों की स्वास्थ्य स्थिती और उसकी प्रगति पर निगरानी रखी जा सकें। 
कार्यशाला में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक इंदाराम मेघवंशी, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, बाल परियोजना अधिकारी राजेश शर्मा ने विचार व्यक्त कियें एवं कुपोषण के विरूद्ध क्रियाशील होने का संदेश दिया। 
कार्यशाला के प्रारम्भ में कार्यक्रम प्रबंधक एडवोकेसी संजय कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उदे्श्य पर विस्तार से चर्चा की। 
कार्यशाला में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधन के प्रतिनिधीगण उपस्थित थें। 


एचबीएनसी वॉउचर स्कीम के क्रियान्वयन को जांचने राजसमंद पहुंची टीम 
चिकित्सा संस्थानों पर जाकर जांचा रिकार्ड 

राजसमंद, 19 जनवरी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु स्वास्थ्य हेतु प्रसव पश्चात शिशु की घर पर 45 दिनों तक गुणवत्तापूर्ण देखभाल हेतु राजसमंद जिलें बतौर पायलट के रूप में संचालित एचबीएनसी वॉउचर स्कीम के तहत आज जयपुर से आई विभागीय टीम ने चिकित्सा संस्थानों पर जाकर योजना के क्रियान्वयन को लेकर विजिट की।  
टीम में राज्य सलाहकार शिशु स्वास्थ्य पूनम श्रीवास्तव, अदिति जैन सलाहकार गेन एवं टीम लीडर गेन परमजीत कौर एवं यूनीसेफ कम्यूनिकेशन फॉर डवलपमेंट शामिल थी।
टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेड़च, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देलवाड़ा, आर.के.राजकीय जिला चिकित्सालय एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र सांगावास का निरीक्षण कर एचबीएनसी वॉउचर स्कीम के क्रियान्वयन का पर्यवेक्षण किया। 
टीम ने जिलें के विभागीय अधिकारीयों, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों से योजना के क्रियान्वयन को लेकर गहन विमर्श किया। 
राज्य सलाहकार शिशु स्वास्थ्य पूनम श्रीवास्तव ने बताया की योजना के क्रियान्वयन में पीएचसी स्तर पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारीयों का शामिल होना आवश्यक है । एचबीएनसी वॉउचर स्कीम का मुख्य उदे्श्य गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल को गुणवत्तापूर्ण बनाना है। जिससें नवजात शिशु को घर पर ही सामान्य जांच स्वास्थ्य हो सकें तथा उच्च जोखिम वाले बच्चों का समय पर रेफर हो सकें। टीम ने बताया की जिलें में राज्य स्तर से जारी योजना की गाईड लाईन का अनुसरण अच्छें से किया जा रहा है।  
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने टीम को बताया की अब तक 1038 प्रसव हुयंे जिसमें से अभी तक 924 वॉउचर जारी कियें गयें है। उन्होंने बताया की जिलें में योजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। 
जिला आशा समन्वयक श्री हरिशंकर शर्मा ने बताया की आने वाली सैक्टर बैठकों में आशाओं को योजना के क्रियान्वयन में गहनता के साथ विमर्श किया जायेगा तथा घर पर शिशु की गुणवत्तापूर्ण देखभाल हो यह सुनिश्चत किया जायेगा। 

Wednesday, 17 January 2018




मरीजों को टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ मिलें यह सुनिश्चित करें - श्री नवीन जैन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 
चयनित चिकित्सा संस्थाओं में संचालित टेलीमेडिसीन सेवा को लेकर हुई समीक्षा


राजमसंद, 17 जनवरी। प्रदेश में ऐसे चयनित 100 चिकित्सा संस्थान जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी रहती है और मरीजो को विशेषज्ञ सेवाओं के लियें बडे़ शहरों में जाना पड़ता है वहां टेलीमेडिसीन सेवा की शुरूआत की गई है। टेलीमेडिसीन परियोजना का लाभ मरीजों को मिले इसके लियें आवश्यक है की संस्थान पर कार्यरत चिकित्सक संवेदनशील होकर मरीजों को टेलीमेडिसीन सेवा के लियें रेफर करें। यह निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री नवीन जैन ने विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से प्रदेश भर के सीएमएचओं एवं पीएमओं एवं चिकित्सा अधिकारीयों को संबोधित करतें हुयें दियें।  
उन्होंने कहा की टेलीमेडिसीन परियोजना के तहत जयपुर में सेन्ट्रल साईट स्थापित किया गया है। साईट पर विशेषज्ञों की टीम स्थापित की गई है जो की प्रदेश के 30 जिला चिकित्सालयों, 17 सब डिविजन अस्पताल, 4 सेटेलाईट अस्पताल व 49 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर विडियों कॉन्फ्रेन्स, टेलिमेडिसीन सॉफ्टवेयर , चिकित्सकीय एवं कम्प्यूटर उपकरण के माध्यम से विशेषज्ञ सेवाओं को उपलब्ध करवाते हुए मरीजों को लाभान्वित कर रहें है। 
उन्होंने कहा की टेलीमेडिसीन परियोजना के माध्यम से मरीजों को अपने कस्बों और छोटे शहरों में ही बिना किसी शुल्क विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से उपचार मिलने से मरीज को होने वाले अन्य खर्चे जैसे बडे़ शहरों में ईलाज के लियें जाने के लियें परिवहन शुल्क, डॉक्टर की फिस, होटल व धर्मशाला में रूकने का किराया जैसे खर्च बचेंगे।
जिलें में टलीमेडिसीन परियोजना का संचालन आर.के.राजकीय जिला चिकित्सालय, सामान्य चिकित्सालय नाथद्वारा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवगढ में किया जा रहा है। जहां मरीजों को इस परियोजना के माध्यम से निःशुल्क विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है। परियोजना के तहत जनरल फिजिशियन, गायनी, पीडीयाट्रिक,ऑर्थो, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, एन्डोक्राईलॉजी, स्कीन, कॉर्डीयोलॉजी, मेडिसीन, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी की विशेषज्ञ सेवायें उपलब्ध करवायी जा रही है। 
उन्होंने कहा मरीजों की जानकारी के लियें चिकित्सा संस्थान के प्रमुख स्थानों पर टेलीमेडिसीन सेवा के तहत विशेषज्ञ सुविधा उपलब्धि के फ्लेक्स भी लगवायें जायें तथा पम्लेट्स भी वितरीत करवायें जायें। 
जिला स्तर से विडियो कॉन्फ्रेन्स में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल.डूंगरवाल, डॉ बी.पी.जैन, डॉ नरेन्द्र पालीवाल, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री आशीष दाधिच, हैल्थ मैनेजर ज्योति मीणा, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली उपस्थित थें। 

Tuesday, 16 January 2018



भगवती देवी ने घर बेच कर कमला नेहरू हॉस्पिटल में किया धर्मशाला का निर्माण किया
सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने किया लोकार्पण 

राजसमंद, 16 जनवरी। भामाशाह की पूण्य धरा मेवाड़ पर यू ंतो समय समय पर ऐसे उदाहरण मिल जाते है जिन्होंने अपना धन समाज की सेवा में अर्पण कर दिया। लेकिन एक महिला होकर अपना र्स्वस्व समाज के लियें न्यौछावर करने का मिसाल बनाई है श्रीमती भगवती देवी ने। 
 जिन्होंने अपना सब कूछ यहां तक की अपना घर बैच कर अपने पति स्वर्गीय श्री चुन्नीलाल स्वर्णकार की स्मृति में कमला नेहरू चिकित्सालय में 60 लाख की लागत से धर्मशाला का निर्माण किया। अभी वे किरायें के घर में रह रहीें है।  
सेवानिवृत शिक्षिका श्रीमती भगवती देवी ने बताया की उपचार के लियें समय - समय पर वे कमला नेहरू हॉस्पीटल में आती रहती है और बड़ी संख्या में दूर - दराज से मरीज यहां आतें है जिनके परिजनों को रहने के लियें उपयुक्त आश्रय नहीं मिलना अपनी आंखो से देखती थी। मरीजों के परिजन सर्दी, गर्मी, बरसात में ईधर - उधर भटकतें पैड़ो के नीचें आश्रय का सहारा ढूंढते तभी से यह विचार आया की हॉस्पीटल में एक स्तरीय धर्मशाला होनी चाहियें जहां दूर - दराज से आने वाले गरीबों को छत नसीब हो तथा परिवार में मरीज जब तक हॉस्पीटल में रहें उनकों रहने के लियें कोई समस्या नहीं हो। 
उन्होंने बताया की धर्मशाला के संचालन सुव्यस्थित संचालन के लियें एक ट्रस्ट का गठन किया गया है जिसमें में आमजन की सहभागिता से इसकें रखरखाव के साथ ही मरीजों व परिजनों को निःशुल्क खाने की व्यवस्था करना चाहती है। 
भगवती देवी ने बताया की धर्मशाला के निर्माण के उनके दो भाईयों ने खुब पसीना बहाया और मेरे इस स्वप्न को साकार किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ एवं कमला नेहरू चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ भुपेश परतानी को विशेष आभार जताया जिन्होंने इस पुनित कार्य में हर समय सहयोग किया। हॉस्पीटल परिसर में धर्मशाला के लियें उपयुक्त स्थान प्रदान किया जिससें बहूत ही कम समय एक वर्ष के भीतर यह धर्मशाला बनकर खड़ी हो गई। जिसमें पांच बड़े कमरें, एक हॉल और रसोई है। 
धर्मशाला का लोकार्पण सांसद श्री हरिऔम सिंह राठौड़ ने किया और धर्मशाला का अवलोकर कर श्रीमती भगवती देवी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस अवसर पर उपस्थित जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल ने एक महिला होकर समाज हित में बड़ा निर्णय लेनें को एक अनुपम उदाहरण बताया और इससें आने वाली पीढ़ीयों को प्रेरणा पाने के लियें एक स्मारक बताया।  
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने श्रीमती भगवती देवी का विभाग की और से उपरणा ओढ़ा कर अभिनन्दन किया और समाज हित में इस कार्य को कर अपना स्वर्स्व न्यौछावर करने वाली श्रीमती भगवती देवी को अप्रतिम उदाहरण बताया। उन्होंने बताया की धर्मशाला के संचालन में विभाग पूरी तरह से हर स्तर पर अपना सहयोग देगा। 

Monday, 15 January 2018



अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केन्द्रो पर रेफर करें - श्री पी.सी.बेरवाल जिला कलक्टर
खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों सहित जिला स्तरीय अधिकारीयों की ली बैठक


राजसमंद, 15 जनवरी। चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें की आशाओं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अतिकुपोषित बच्चें कुपोषण उपचार केन्द्रो में रेफर हो और उन बच्चों का उपचार हो। यह निर्देश जिला कलक्टर श्री पी.सी बेरवाल ने स्वास्थ्य भवन में आयेाजित खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों सहित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारीयों को संबोधित करतें हुयें कहें। 
उन्होंने कहा की चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यक्रम की मोनिटरींग करे तभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दी जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। 
उन्होंने कहा की खंड स्तरीय समीक्षा एवं सैक्टर स्तर पर आयोजित की जाने वाली बैठकों में प्रत्येक योजना व कार्यक्रमों की समीक्षा गांव वाईज की जावें। साथ ही प्रत्येक एएनएम, आशा को अपने लक्ष्यों की जानकारी होने के साथ ही कार्य नहीं करने वाले स्वास्थ्य कार्मिको के विरूद्ध कार्यवाही करें। 
उन्होंने राज श्री योजना के तहत सभी लाभार्थीयों को तत्काल भुगतान करने के लियें निर्देशित किया। उन्होंनंे दीन दयाल उपाध्याय दिव्यांग शिविरों के तहत शेष रहें लाभार्थीयों को शिघ्र प्रमाण पत्र बनाकर कर देने के लियें निर्देशित किया। 
  भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत चिकित्सा संस्थान में भर्ती होने वाले मरीजों को योजना का पुरा लाभ देने तथा आवश्यक दस्तावेज साथ लाने के लियें जानकारी देने के लियें निर्देशित किया। 
जिला कलक्टर ने सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को चिकित्सा संस्थानो के दवा स्टोर, प्रसवकक्ष एवं वार्डो का समय समय पर निरीक्षण करने के लियें निर्देशित किया तथा चिकित्सा संस्थानों में नियमित साफ सफाई के लियें निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की खंडवार प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को आगामी 7 दिवस में योग्य दम्पत्तियों की सूची ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज करवानें के लियें निर्देशित किया। 
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने मातृ मृत्यु की सूचना एवं मातृ मृत्यु की समीक्षा करनें के लियें निर्देशित किया जिससें मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाया जा सकें। 
बैठक में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ प्रहलाद सिंह सौलंकी, डॉ कमलेश मीणा, डॉ धमेन्द्र शर्मा , डॉ मीठालाल मीणा उपस्थित थें।  

Friday, 12 January 2018



धुम्रपान व तम्बाकू के सेवन में आ रही है कमी - डॉ पंकज गौड़
8 फरवरी को मनाया जायेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 
प्रेस वार्ता में दी जानकारी
राजसमंद, 12 जनवरी। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण गेट्स के अनुसार राज्य में वर्ष 2010 से 2017 के  बीच 7 सालों में धूम्रपान के प्रसार में 5.6 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं धूम्ररहित तम्बाकू के प्रसार में भी 4.8 प्रतिशत की घटत हुई है। जो स्वास्थ्य की दृष्टी से काफी सकारात्मक है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। 
उन्होंने बताया की 50 प्रतिशत सिगरेट पीनेवाले और 47 प्रतिशत बीड़ी पीने वालों ने पाकेट पर चेतावनी के कारण धूम्रपान छोड़ने का विचार किया। वहीं 60 प्रतिशत तम्बाकू सेवन करने वालो ने पाकेट पर चेतावनी के कारण धुम्ररहित तम्बाकू सेवन छोड़ने का विचार किया। 
उन्होंने बताया की सर्वे में यह भी सामने आया है की 94 प्रतिशत पुरूष व महिलाएं यह जानते है कि धूम्रपान के कारण गंभीर बीमारी होती है।
सीएमएचओ डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में आगामी मार्च तक विशेष जनजागरूकता अभियान संचालित किया जायेंगा जिसमें तम्बाकू मुक्त आंगनबाड़ी केन्द्रो, तम्बाकू मुक्त पंचायतों को लेकर कार्य किया जायेगा। विद्यालय/कॉलेज के छात्र - छात्राओं का तम्बाकू नियंत्रण विषय पर आमुखीकरण, प्रतियोगितायें आयोजित की जायेगी। 
उन्होंने बताया की जिलें में कोटपा एक्ट के तहत 2109 चालान बनायें है। माह के अंतिम दिन नो टोबेको डे के रूप में मनानें पर विशेष ध्यान देकर प्रभावी रूप से मनाया जायेगा। वहीं किराणा की दूकानो पर भी नो टोबेकों डे तहत तम्बाकू पदार्थो का विक्रय नहीं हो ऐसे इंतजाम कियें जायेंगे। साथ ही जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर तम्बाकू उत्पादों के बोर्ड, होर्डिंग हटवायें जाने की कार्यवाही की जायेगी।
कृमि मुक्ति हेतु 1 से 19 वर्ष तक बच्चों को खिलाई जायेगी दवा .........................
सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने बताया की मृदा से संचारित कृमि संक्रमण भारत के लियें जनस्वास्थ्य की दृष्टी से एक महत्वपूर्ण विषय है। एक अनुमान के अनुसार देश में 1-14 वर्ष के लगभग 22 करोड़ बच्चों में आंत में कृमि का खतरा है। साक्ष्य बताते है कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, एनिमिया, पोषण और ज्ञान सम्बन्धी विकास के साथ- साथ विद्यालय की उपस्थिती पर भी हानिकारण प्रभाव डालता है। निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त करनें से कृमि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है।  
आगामी 8 फरवरी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से जिलें के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर कृमि मुक्ति हेतु एल्बेंडाजॉल दवा खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया की अभियान की सफलता के लियें नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट गाईड एवं एनसीसी के साथ जागरूकता हेतु समन्वय स्थापित किया जा रहा है जिससें इस दिन अधिक से अधिक बच्चों को दवा खिलाई जा सकें।  
उन्होंने बताया की सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रो में दवा की उपलब्धता की सूनिश्चिता कर ली जायेगी तथा तथा जिला स्तर से विशेष टीमो का गठन कर अभियान का पर्यवेक्षण किया जायेगा। इस अवसर पर उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर भी उपस्थित थें।  

Wednesday, 10 January 2018



गरीब बच्चों की सेवा करने की नौकरी मिलना सौभाग्य - डॉ पंकज गौड़
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू


राजसमंद, 10 जनवरी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयुष चिकित्सकों, फार्मासिस्ट एवं नर्सिंग कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण तुलसी साधना शिखर पर प्रारम्भ हुआ। शुभारंभ अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने कहा की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में लगा हर व्यक्ति सौभाग्यशाली है जो गरीब बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर उनकों आरोग्य प्रदान करनें में सहायता कर रहा है। 
उन्होंने कहा की जिलें में इस कार्यक्रम के माध्यम से कई बच्चों में विभिन्न प्रकार की जन्मजात विकृतियों से मुक्ति दिलायी गई है। जिसमें मंहगी हार्ट सर्जरी के साथ ही कई कटे -फटे होठ व तालु सहित अन्य कई मंहगे ऑपरेशन कियें गयें है जो इस कार्यक्रम के अभाव में संभव नहीं है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने कहा की कार्यक्रम के तहत प्रत्येक ब्लॉक में दौ - दौ हैल्थ मोबाईल टीमे कार्यरत है जो विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रो एवं मदरसों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। स्वास्थ्य जांच के दौरान जन्मजात विकृतियों के साथ ही 38 मुख्य बिमारीयों, शारिरीक कमीयों की पहचान कर उपचार हेतु उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर कर रहें है। उन्होंने सभी आयुष चिकित्सा अधिकारीयों को स्वास्थ्य जांच के साथ ही समय पर फॉलोअप के लियें निर्देशित किया जिससें बच्चों का समय पर उपचार संभव हो सकें। 
प्रशिक्षण में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने कहा की अपने कार्य को समर्पण और सेवा के भाव से करेंगे तो कार्य का बोझ नहीं लगेगा। उन्होंने प्रशिक्षण को पुरें लगन के साथ पुरा कर कार्य करने के लियें प्रेरीत किया। 
इस अवसर पर अतिरिक्त नोडल अधिकारी डॉ दीपिका दाधीच के साथ सभी मोबाईल हैल्थ टीमों के चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं नर्सिंगकर्मी उपस्थित थें। 


आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के समन्वय से मिलेंगी अच्छी स्वास्थ्य सेंवायें
राजसंगम की अवधारणा के तहत आयोजित हुई विडियों कॉन्फ्रेन्स 

राजसमंद, 10 जनवरी। आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के साथ मिलकर गांव मंे कार्य करनें संे गर्भवती महिलाओं, प्रसूता महिलाओं के साथ बच्चों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेंवायें अच्छी मिलेंगी और प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांको में वृद्धि होगी। यह विचार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने राजसंगम की अवधारणा के तहत आयोजित की जा रही विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से प्रदेश की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम को संबोधित करतें हुयें व्यक्त कियेें।  
उन्होंने बताया की प्रदेश में महिलाओ एवं बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य सेवायें देने में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम की महत्वपूर्ण भुमिका होती है। इसीलियें प्रदेश की मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा राजसंगम अवधारणा का शुभारम्भ किया गया है। जिसके तहत अब गांव स्तर पर कार्य करनें वाली तीनों प्रमुख कार्मिक एक साथ टीम भावना से कार्य करेंगी।
विडियों कॉन्फ्रेन्स में एनएचएम राजस्थान के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने स्वास्थ्य के क्षैत्र में गांव स्तर पर कार्य करने वाली आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम को संबोधित करते हुयें कहा की आपके क्षैत्र में प्रत्येक गर्भवती महिला, नवजात शिशु, कुपोषित बच्चों एवं अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हीत करना एवं स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी समय समय पर मिलने वाली सभी सेवायें मिले इसके लियें आवश्यक है की सभी साथ मिलकर कार्य करें, सभी के सेवा रजिस्टर में लाभार्थीयों का इन्द्राज होना और सेवाओं में सामन्जस्य होना जरूरी है। 
विडियों कॉन्फ्रेन्स में एक विडियों के माध्यम से अवधारणा को विस्तार से समझाया गया। तीनों कार्मिको द्वारा सबसें पहलें गांव का नक्शा बनानें, तीनो कार्मिको के रजिस्टरों में समानता होने, लाभार्थियांे के घरों को बिंदियों से नक्शे पर दिखाना एवं तीनो द्वारा बैठक कर प्रत्येक लाभार्थी कों स्वास्थ्य एवं पोषण सेवायें उपलब्ध करवाना है। 
नक्शा बनातें समय प्रत्येक घर को नक्शें में अंकीत करना है तथा घर पर अलग - अलग रंग की बिन्दीयों से लाभार्थी को दर्शाना होगा। नीली बिंदी गर्भवती महिला का संकेत होगा, लाल बिन्दी अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिला, गुलाबी बिन्दी नवजात शिशु, पीली बिंदी कुपोषित बच्चें तथा पीली के उपर छोटी लाल बिंदी अतिकुपोषित बच्चे की पहचान होगी। जिससें तीनों कार्मिक को कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी तथा किस घर में आशा को कब संपर्क करना है तथा कौनसी स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवानी है यह तय हो जायेगा। 
मिशन निदेशक श्री नवीन जैन निर्देशित किया की यह प्रत्येक आंगनबाड़ी क्षैत्र का यह नक्शा आगामी 10 फरवरी तक बन जाना चाहियें जिससें ग्रामीण जन को इस अवधारणा का लाभ शिघ्रता से मिलने लग जायें। विडियों कॉन्फ्रेन्स राज्य परियोजना निदेशक डॉ तरूण चौधरी ने भी संबोधित किया। इस तरह की 21 विडियों कॉन्फ्रेन्स कर प्रदेश में कार्यरत 16 हजार एएनएम, 62 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 49 हजार आशा सहयोगिनीयों को ट्रीपल ए अवधारणा का प्रशिक्षण दिया जायेंगा। जिले से जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों, जिला आशा समन्वयक श्री हरिशंकर शर्मा, खंड कार्यक्रम प्रबंधको, आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थी। 

Monday, 8 January 2018



उदयपुर में डैप रक्षको का संभाग स्तरीय प्रशिक्षण मंगलवार को
मिशन निदेशक आईएएस श्री नवीन जैन देंगे प्रशिक्षण

राजसमंद, 8 जनवरी। डाटर्स आर प्रीसीयस अभियान के तहत राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी के अवसर पर प्रदेशभर में अब तक का सबसे वृहद ऐतिहासिक जन - जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर एक साथ 2 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षत डैप रक्षकों द्वारा 3 लाख से अधिक युवाओं को बेटी बचाओं का संदेश दिया जायेगा।  
अभियान के तहत उदयपुर संभाग के शैक्षणिक संस्थानों पर आयोजित होने वाले डॉटर्स आर प्रीसीयस संवाद कार्यक्रम के डैप रक्षकों को प्रशिक्षण देने के लियें मंगलवार को दोपहर दो बजे से गीताजंली मेडिकल कॉलेज सभागार में विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण में कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त कर अभियान से जुड़ सकता है। 
श्री जैन ने बताया कि राज्य स्तरीय डैप प्रशिक्षण 6 जनवरी को आयोजित कर 600 से अधिक डैप रक्षक प्रशिक्षित किये गये है। उदयपुर संभाग व कोटा संभाग के जिलो में विशेष प्रशिक्षण आयोजित कर डैप रक्षक बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया की इस दौरान उन्हें आवश्यक प्रजेंटेशन एवं बेटी बचाओं संबंधी वीडियों भी उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने बताया की इसके बाद 13 एवं 20 जनवरी को जयपुर में दो और राज्य स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित कर युवाओं को जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया की प्रशिक्षण प्राप्त डैप रक्षक 24 जनवरी के महा जागरूकता अभियान में भागीदारी कर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बेटी बचाओं का संदेश देंगे। 
मिशन निदेशक स्वयं देंगे प्रशिक्षण 
मिशन निदेशक श्री नवीन जैन मंगलवार को गीतांजलि मेडिकल कॉलेज सभागार में स्वयं डैप रक्षक प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण में प्रजेंटेशन के माध्यम से स्पीच एवं कम्युनिकेशन स्किल एवं राजस्थान पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा की जा रही पीसीपीएनडीटी अधिनियम की प्रभावी क्रियान्विती, डिकॉय ऑपरेशन सहित वर्तमान लिंगानुपात जैसे विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें से सैकड़ो वॉलिएन्टर्स डैप रक्षक का प्रशिक्षण लेने उदयपुर जायेंगे। डैप रक्षक बननें के लियें कोई भी इच्छूक व्यक्ति सीधे गीतांजली मेडिकल कॉलेज के ऑडिटेरीयम में आ सकता है। 
उल्लेखनीय है की गत 17 नवम्बर को प्रदेशभर में 773 केन्द्रो पर डैप संवाद कार्यक्रम आयोजित कर एक दिन , एक समय में 1 लाख 58 हजार से अधिक युवाओं को डैप रक्षकों ने बेटी बचाओं का संदेश दिया, जो काफी प्रभावी रहा। इस आयोजन को विश्व रिकार्ड में भी शामिल किया गया है। इसी अवधारणा पर डैप संवाद 2 कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 
कार्यक्रम की अधिक जानकारी एवं डेप रक्षक बनने के इच्छूक व्यक्ति daughtersareprecious@gmail.com एवं फोंन नम्बर 9462944843 व 9549999451 पर सम्पर्क कर सकते है। 



राज श्री का बकाया भुगतान आगामी 7 दिन में करें - जिला कलक्टर श्री पी.सी. बेरवाल
जिला स्वास्थ्य समिति में हुई विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा
राजसमंद, 8 जनवरी। राज श्री योजना का लाभ तत्काल सम्बन्धित लाभार्थी को करें, जिन लाभार्थीयों के पास भामाशाह कार्ड नहीं है, उनसें एएनएम, आशा के माध्यम से व्यक्तिगत संपर्क कर लाभार्थीयांे को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जा कर भामाशाह कार्ड बनवाने के लियें प्रेरीत करें। वहीं जिन बालिका शिशुओं का टीकाकरण पुरा नहीं हुआ है उनका टीकाकरण कर द्वितिय किश्त का भी तत्काल भुगतान करें। यह निर्देश जिला कलक्टर श्री पी.सी.बेरवाल ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करतें हुयें सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को दियें। 
जिला कलक्टर ने संस्थान वार राज श्री योजना के तहत लाभार्थीयों को मिलने वाली प्रथम व द्वितिय किश्त के बकाया भुगतान की स्थिती की विस्तार से समीक्षा की एवं कहा की चिकित्सा अधिकारी प्रभारी अपने क्षैत्र में योजना के लाभार्थीयों को ट्रेक करें तथा ऑनलाईन पोर्टल में आवश्यक दस्तावेजों के लियें लाभार्थी से आशाओं एवं एएनएम के माध्यम से संपर्क करनें के लियें निर्देशित करें।  
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा करतें हुयें जिला कलक्टर श्री पी.सी.बेरवाल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की वे योजना में अधिक से अधिक लाभान्वित करनें के लियें आमजन को अस्पताल में आते समय भामाशाह कार्ड एवं अन्य कोई एक पहचान पत्र अवश्य साथ में लाने के लियें प्रेरीत करें। जिससें आमजन इस योजना का अधिक से अधिक से लाभ प्राप्त कर सकें। 
इससें पुर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने विभाग अन्तर्गत मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य हेतु संचालित संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत आईयूसीडी निवेशन, नसबंदी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति के बारें में विस्तार से अवगत कराया। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने स्वाईन फ्लू के रोकथाम के संबंध में सभी चिकित्सको को सजग रहनें के लियें निर्देशित किया तथा पॉजिटीव केस आने पर तत्काल गाईडलाईन के अनुसार कार्यवाही करनें के लियें निर्देशित किया। वहीं गैर संचारी रोगों के संबंध में प्रतिदिन चिकित्सा संस्थानों से रिपोर्ट भिजवानें के लियें निर्देशित किया। 
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने जिलें में मौसमी बिमारीयों के संबंध में वस्तुस्थिती की जानकारी दी तथा लोगो को आशा, एएनएम के माध्यम से आमजन को जागरूक करें।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की आगामी पल्स पोलियों अभियान दिनांक 28 जनवरी को आयोजित किया जायेगा। जिसमें विशेषतया ईंट भट्टो, निर्माणाधीन ईमारतों एवं खनन क्षैत्रों को विशेषरूप से कार्ययोजना में लेकर पोलियों अभियान का क्रियान्वयन करें। उन्होंने आगामी 8 फरवरी को कृमि मुक्ति दिवस के क्रियान्वयन के बारें में भी जानकारी दी। 

Saturday, 6 January 2018




बेटी नीतू अब उन्मुक्त होकर बच्चों के साथ खेलेंगी खेल औैर करेगी शरारतें  
आरबीएसके के तहत 7 वर्षीय बेटी नीतू के दिल के छेद का हुआ निःशुल्क ऑपरेशन 

राजसमंद। सात साल की मासूम नीतू न ज्यादा चल पाती और ही छोटे बच्चों की तरह खेलकूद व शरारते कर पाती। थोड़ा दौड़ती तो सांस फूलने लगती ऐसे में उसके मजदूर पिता पुष्कर जटिया पहले निजी चिकित्सालय में भी उपचार के लियें जांच करवायी तो डॉक्टर ने खर्च दो 2 लाख से अधिक से बताया जो नीतू के पिता पुष्कर के लियें जुटाना असंभव था। 
मां सीता बेटी नीतू के स्वास्थ्य की स्थिती देख बच्चों के साथ दौडने, खेल खेलने और शरारते करने से मना करती और खुब डांट भी लगाती। बेटी नीतू करें भी तो क्या मन मसौस कर रह जाती ।
ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बेटी नीतू के लियें उम्मीद की किरण लेकर आया। आरबीएसके की टीम डॉ चन्द्रशेखर के नेेतृत्व में रेलमगरा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुरा में बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने पहंुची।
 वहां कक्षा में 1 में अध्यनरत नीतू के असामान्य स्वास्थ्य को देखकर विस्तार से पूछताछ की तो पिता पुष्कर पहलें की चिकित्सकीय जांचो को भी लेकर पहुंचे और टीम को नीतू को सांस की तकलिफ के साथ ही दैनिक कार्याे को करने में आ रही समस्या के बारें में जानकारी दी। डॉ चन्द्रशेखर ने कार्यक्रम के तहत निःशुल्क ऑपरेशन की प्रक्रिया की जानकारी देकर रेफर किया। 
कार्यक्रम के तहत बेटी नीतू के दिल के छेद की निःशुल्क सर्जरी उदयपुर स्थिती गीताजंली हॉस्पीटल में सफलता पूर्वक कर दी गई है। आज ही हॉस्पीटल से नीतू को छूट्टी भी मिल गई है। ऑपरेशन के बाद नीतू पूरी तरह से सामान्य बच्चियों की तरह हो गई है वह बिना किसी डांट फटकार के बच्चों के साथ खुल कर खेल सकेगी और शरारते भी।  

Friday, 5 January 2018



शिशु के स्वास्थ्य देखभाल हेतु गांव-ढाणी में आशा पहुंची द्वारे - द्वारे
एचबीएनसी वॉउचर स्कीम के तहत आशा प्रसूता महिलाओं के घरो में पहुंची


राजसमंद, 5 जनवरी। प्रसूता महिलाओं को अस्पताल से डिस्चार्ज के समय एचबीएनसी वॉउचर देने के बाद शिशु स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिये गांव - ढाणी में आशा प्रसूता महिलाओं के नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल हेतु उनके घरों पर जा रही है। 
  जन्म के बाद 45 दिनों तक नवजात शिशु स्वास्थ्य की देखभाल काफी महत्वपुर्ण होती है और इन्ही दिनों में लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उदे्ेश्य से ही एचबीएनसी वॉउचर स्कीम की शुरूआत राजसमंद और डूंगरपूर जिलें पालयट स्कीम के रूप में की गई है। 
योजना से उच्च जोखिम वाले ऐसे शिशु जिनका जन्म के समय वजन 2 किलो से कम होना, समय पूर्व जन्म एवं पहले दिन दूध नहीं पीने वाले शिशुओं को काफी लाभ होगा और आशा घर के परिजनों को शिशु स्वास्थ्य को लेकर आवश्यक परामर्श दे रही है। 
प्रसव के बाद अस्पताल से छूट्टी देने के बाद भी आशा नवजात शिशु के घर पर आगामी 45 दिनों में 7 बार आशा प्रसूता महिला के घर जाकर मां व शिशु के स्वास्थ्य की देखरेख करेगी और नवजात शिशु द्वारा हाथ -पैर सामान्य रूप से नहीं हिला पाना , स्तनपाल नहीं कर पाना, पेट फूलना तथा उल्टियां होना, शरीर का ठंडा पड़ना या बुखार होना, छाती धसना, नाभी से पस आना, दौरे पड़ना जैसे खतरे के चिन्ह होने पर शिशु को उच्च चिकित्सा संस्थान पर तत्काल रेफर करेगी। वहीं माता को बुखार होने, अत्यधिक रक्त स्त्राव होने, दौरे आने पर तत्काल आशा उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर करेगी।
चिकित्सा संस्था पर कार्मिक प्रसूता महिला को वॉउचर के बारें में जानकारी देकर डिस्चार्ज कर रहें है जिससें प्रसूता महिला आशा के प्रत्येक विजिट पर एक स्टीकर आशा को देवे। जिससें यह सुनिश्चित हो सकेगा की आशा प्रसूता के घर गई तथा मां तथा शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल की। 
योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिला आशा समन्वयक श्री हरीशंकर शर्मा और एनयूएचएम जिला सलाहकार कृष्णकांत वसीटा ने आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय पहुंच कर योजना से सम्बन्धित रिकार्ड संधारण एवं वॉउचर वितरण की स्थिती का जायजा लिया।