Wednesday 21 February 2018



प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त स्त्राव की रोकथाम के लियें अब मीजोप्रोस्टॉल गोली
पूरी तरह समझाकर, सावधानी के साथ देवे गोलियां - डॉ सुरेश मीणा आरसीएचओं
राजसमंद, 21 फरवरी। देश एवं प्रदेश में होने वाली कुल मातृ मृत्यु की 40 प्रतिशत मृत्यु प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण होती है। इसलियें मातृ मृत्यु को रोकने के लियें मीजोप्रोस्टॉल गोली का वितरण आशा द्वारा किया जायेगा। यह जानकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने केलवाड़ा सीएचसी पर आयोजित एएनएम एवं आशाओं को इस संबंध में आयोजित कियें गयें प्रशिक्षण में दियें। 
उन्होंने बताया की यह कार्यक्रम जिलें में केवल कुम्भलगढ ब्लॉक के तीन सैक्टर मझेरा, रीछेड़ व केलवाड़ा में चयनित 14 गांवो में संचालित किया जायेगा जो सुदूर, अतिदुर्गम है जिसके कारण घर पर प्रसव होते है। 
आरसीएचओं डॉ सुरेश मीणा ने प्रशिक्षण में बताया की आशा एवं एएनएम को भरसक यह प्रयास करना चाहियें की प्रत्येक गर्भवती महिला का प्रसव चिकित्सा संस्थान पर ही हो फिर भी ऐसी परिस्थितियों में जहां महिला प्रसव के समय स्वास्थ्य केन्द्र पर नहीं पहुंच पाती है और प्रसव घर पर होना निश्चित है ऐसे में प्रसव पश्चात अत्यधिक रक्त स्वात्र से बचाव के लियें मीजोप्रोस्टॉल तीन गोली के एक पैकिट का वितरण गर्भावस्था के आठवें माह में करना है। 
उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान बताया की घर पर प्रसव होने पर शिशु जन्म के तुरंत बाद और यदि प्रसव और शिशु जन्म रास्ते में हो जायें ऐसी परिस्थिती में यह तीनो गोलियां , एक बार में पानी के साथ शिशु जन्म के तुरंत बाद और आंवल निकलने से पहले गर्भवती महिला को लेनी होगी। गोली लेने से पहले यह सुनिश्चित करना है की गर्भ में दूसरा बच्चा नहीं है। 
मुख्य प्रशिक्षक डॉ कमलकांत शर्मा ने बताया की मीजोप्रोस्टॉल गोली को गर्भावस्था के दौरान, बच्चा होने से पहले नहीं लेना है। गोली को गर्भावस्था के दौरान और बच्चा होने से पहले लेने पर मां और बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है। आशा को यह सुनिश्चित करना होगा की गर्भवती महिला के साथ ही घर के अन्य सदस्यों को गोलियों के उपयोग के बारें मंे विस्तार से जानकारी देवे तथा गोली को घर पर सुरक्षित सूखे स्थान पर नमी, गर्मी और बच्चो से दूर रखने के लियें कहें। साथ ही ऐसी गर्भवती महिलाओं जिनके गर्भ में जुड़वा बच्चा हो, पहले ऑपरेशन से बच्चा हुआ हो, बच्चेदानी का कोई ऑपरेशन, बच्चा उल्टा या आड़ा हो, खुन की कमी एनिमिया हो, दिल की बिमारी हो या उक्त रक्तचाप हो को ये गोली का पैकिट नही देना है।
उन्होंने बताया की इन गोलियों के कोई बड़े दूष्प्रभाव नहीं है। कुछ सामान्य दुष्प्रभाव होते है बुखार, मितली, उल्टी, पेट के उपरी हिस्से में दर्द जो कुछ घंटो में समाप्त हो जाते है। प्रशिक्षण में खंड कार्यक्रम प्रबंधक सुरेश सैनी ,संबंधित क्षैत्र की एएनएम, आशा उपस्थित थी। 

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