Friday 30 June 2017


मिशन परिवार विकास के तहत अब गांवो में आयोजित होंगे सास - बहु सम्मेलन
आशा और एएनएम मिलकर करेंगे आयोजन

राजसमंद, 30 जून। बहू के निर्णय कहीं न कहीं सास से प्रभावित होते है और परिवार नियोजन जैसे मुद्दे पर सास और बहु की आपसी समझ काफी महत्वपुर्ण होती है। इस रिश्ते की परिवार नियोजन में महत्वपुर्ण भुमिका को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पहचाना है। आगामी सितम्बर माह में आयोजित होने वाले जिलें के सभी गांवो में सास - बहू सम्मेलन के आयोजन को लेकर विभाग ने तैयार प्रारम्भ कर दी है।  
नई रणनीती के तहत प्रदेश के उच्च प्रजनन दर वाले 14 जिलो भरतपुर, धोलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, जैसलमेर, पाली, सिरोही, बांरा में मिशन परिवार विकास के तहत गांवो मे सास - बहु सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की सास - बहू सम्मेलन प्रत्येक गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, अटल सेवा केन्द्र या सार्वजनिक भवन पर आयोजित किया जायेगा। प्रत्येक सम्मेलन में एएनएम और आशा का उपस्थित होना अनिवार्य होगा। 
सम्मेलन में कम से कम 10 सास - बहु के जोड़ो को शामिल किया जाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक सम्मेलन की व्यवस्थाओं के लियें 500 रूपयें की राशि का प्रावधान किया गया है। एएनएम व आशा इन सम्मेलनों में उन सास को चिन्हीत करेगी जिन्होंने बहु को परिवार नियोजन के साधनो को अपनाने की जानकारी व प्रेरणा दी हो। सम्मेलन में सास - बहु अपने परिवार नियोजन से संबंधित अनुभव को साझा करेगी। 
एएनएम व आशा सम्मेलन में सीमित परिवार के लाभ , विवाह की सही आयु, विवाह के दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनो के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। वहीं परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई साधन अपनाने हेतु नजदीकी चिकित्सा संस्थानो पर उपलब्घ सेवाओं की जानकारी दें। सम्मेलनो में पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। 


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Monday 26 June 2017

आज से शुरू होगा मोबिलाईजेशन पखवाड़ा, 11 जुलाई से शुरू होगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा
 नयी लहर , नया विश्वास, सम्पूर्ण जिम्मेदारी से परिवार विकास  का नारा गुजेंगा गांव- ढाणीयों में

राजसमंद, 26 जून। आज 27 जून मंगलवार से सम्पूर्ण जिलें के गांव - ढाणियों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने क्षैत्र योग्य दम्पत्तियों से सम्पर्क कर सीमित परिवार के लाभ के बारें में जानकारी दी जायेगी तथा स्थाई व अस्थाई साधनो के बारें जानकारी देकर साधनो के उपयोग के लियें प्रेरीत किया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी। 
        चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के अवसर पर दो चरणों में गतिविधियों का संचालन किया जायेगा। प्रथम चरण आज दिनांक 27 जून से 10 जूलाई 2017 तक मोबिलाईजेशन पखवाड़ा आयोजित किया जायेगा जिसके तहत योग्य दम्पत्तियों से स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर संम्पर्क करेंगे तथा समित परिवार के लाभ सहित विवाह की सही आयु, विवाह के पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दूसरे बच्चें में कम से कम 3 साल का अंतर, प्रसवोत्तर परिवार कल्याण सेवायें, पुरूषो की परिवार नियोजन में सहभागिता, गर्भपात पश्चात परिवार कल्याण सेवाओं के बारें में संपूर्ण जानकारी देकर सेवाओं की उपयोग के लियें प्रेरीत करेगी।  
     मोबिलाईजेशन पखवाडे़ की शुरूआत में गांव स्तर पर कार्यरत एएनएम, जीएनएम  अपने क्षैत्र में अन्तराल साधनो के संभावित जोड़ो की ग्रामवार सूची तैयार कर सभी आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आयुष स्टॉफ, अन्य सहयोगी विभागो के कर्मचारीयों, सामुदायिक मुखिया व स्थानिय जनप्रतिनिधी को उपलब्ध करायेंगे।
     सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता लक्षित जोड़ो से संपर्क कर नसबन्दी व अन्तराल साधन अपनाने के प्रेरीत करेंगे। नसबन्दी व आयूडी निवेशन के लिये नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर आयोजित होने वाले विशेष शिविर के बारें मंे जानकारी देंगे तथा उन्हें साथ लेकर आना सुनिश्चित करेंगे। 
     उन्होंने बताया की सम्पूर्ण जिलें में आयोजित होने वाले मोबिलाईजेशन पखवाडे़ की रिपोर्ट प्रत्येक खंड से प्रतिदिन जिला स्तर पर भिजवाने के लियें खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है। पखवाडे के तहत सभी  स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नसबंदी के लियें लक्षित दम्पत्ति से संपर्क कर उन्हें नसबंदी करवाने के लियें प्रेरीत करना है। आयूडी निवेशन के लियें लक्षित दम्पत्ति को प्रेरीत कर आयुडी निवेशन करना है। महिलाओं को ओरल पिल्स का वितरण करना है तथा दम्पत्तियों को निरोध का वितरण करना है।
    11 जूलाई से शुरू होने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवाडे़ के तहत विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को जिला एवं ब्लॉक स्तर पर परिवार विकास मेले का आयोजन किया जायेगा। मेले में छोटे परिवार के लाभ के बारें में जानकारी दी जायेगी। जिलें के विभिन्न चिकित्सा संस्थानो पर नसबंदी के लियें विशेष परिवार कल्याण शिविरों का आयोजन किया जायेगा। चिकित्सा संस्थानों पर जिसमें नसबंदी , आईयूसीडी एवं पीपीआईयूसीडी निवेशन की सेवाएं दी जायेगी।

Wednesday 14 June 2017

इन दिनांे परिजन रहे सजग तो बच्चे रहेंगे स्वस्थ
विटामिन ए कार्यक्रम और गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ की गतिविधियांे का आरसीएचओ ने किया निरीक्षण

राजसमंद, 14 जून। बच्चों के स्वास्थ्य के लियें इन दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और से दो महत्वपुर्ण अभियानों का संचालन किया जा रहा है। जिलें में 30 मई से विटामिन ए अभियान का संचालन किया जा रहा है वहीं 12 जून से गहन दस्त नियंत्रण अभियान संचालित है।
    दोनो अभियान की मोनिटरींग के लियें जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने आंगनवाड़ीयों का औचक निरीक्षण किया तथा कार्यरत आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दियें।
मोनिटरींग के दौरान आरसीएचओं डॉ मीणा ने अभियान के तहत गांव में लाभान्वित बच्चों की संख्या एवं लक्ष्यों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी से जानकारी ली एवं सभी बच्चों को विटामिन ए पीलाना सुनिश्चत करनें के लियें निर्देशित किया। साथ आशा सहयोगिनीयों को गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ के तहत 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चो वाले घरों में ओआरएस के पैकिट एवं दस्त से ग्रस्त बच्चों वाले घरों में ओआरएस पैकिट व जिंक गोली देने के लियें कहा।
उन्होंने अभियान के तहत आगामी 30 जून तक 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र सहित सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानो पर विटामिन ए की खुराक पीलायी जा रही है। अभियान के तहत शहरी क्षैत्र में निजी विद्यालयों एवं निजी चिकित्सा संस्थानो पर भी विटामिन ए खुराक पीलाने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया की विटामिन ए की खुराक 6 माह के अन्तराल से बच्चों को पिलायी जाती है। विटामिन ए आंखो की बीमारीयों जैसे रंतौधी अंधता से बचाव के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। बच्चों में दस्त एवं निमोनिया आदि बिमारीयों के घातक प्रभाव में भी विटामिन ए कमी लाता है। जिससें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में कमी होती है।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की अभियान के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को 2 एम.एल की खुराक पिलायी जा रही है, वहीं 9 माह के बच्चों को जिन्हें मिजल्स के साथ विटामिन ए नहीं दी गई है को विटामिन ए की 1 एम.एल की खुराक पिलायी जा रही है। जिन स्थानो पर आंगनबाड़ी नहीं है या जहां पद रिक्त है वहां पर एएनएम बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिला रही है।
विटामिन ए की खुराक 6 माह के अन्तराल से बच्चों को पिलायी जाती है। विटामिन ए आंखो की बीमारीयों जैसे रंतौधी अंधता से बचाव के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। बच्चों में दस्त एवं निमोनिया आदि बिमारीयों के घातक प्रभाव में भी विटामिन ए कमी लाता है। जिससें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में कमी होती है।
उन्होंने बताया की परिजन अपने 5 वर्ष तक के बच्चों को नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र अथवा चिकित्सा संस्थान पर ले जावें जिससें बच्चा आंखो की बिमारीयों के साथ ही दस्त व निमोनिया आदि बिमारीयों से प्रतिरक्षित हो सके।

Monday 12 June 2017


जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल ने गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया शुभारम्भ
आर.के.राजकीय जिला चिकित्सालय में हुआ शुभारम्भ
राजसमंद, 12 जून। गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ के तहत जिला स्तर पर आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय में स्थित ओ.आर.एस , जंक कॉर्नर का शुभारम्भ प्रातः 9 जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल ने बच्चों के परिजनों को ओ.आर.एस के पैकिट व जिंक की गोलियों का वितरण कर किया। जिला कलक्टर ने वहां उपस्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ओ.आर.एस व जिंक का महत्व परिजनों को बताकर वितरण करने के लियें निर्देशित किया।
 इस अवसर पर पुर्व विधायक बंशीलाल खटीक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल , जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित उपस्थित थें।
सीएमएचओ डॉ पंकज गौड़ एवं पीएमओ डॉ सी.एल. डूंगरवाल ने अतिथीयों का उपरना ओढा कर स्वागत किया। डॉ गौड़ ने अतिथियों को गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ के दौरान विभाग द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरीया नियंत्रण हेतु ओआरएस, जिंक के उपयोग के बारें में जागरूकता बढ़ाने के उदे्श्य से संचालित की जाने वाली गतिविधियों के बारें में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया की सभी चिकित्सा संस्थानों में ओआरएस, जिंक कॉर्नर स्थापित कियें गयें है जहां पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ओआरएस. जिंक का वितरण किया जायेगा। आशा सहयोगिनीयां अपने गांव में 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घर जाकर ओआरएस पैकिट एवं जिंक की गोलियों का वितरण करेंगी। वहीं राजकीय विद्यालयों में पखवाडे़ के दौरान हाथ धोने की सही विधी एवं व्यक्तिगत स्वच्छता को लेकर बच्चों को सजग किया जायेगा।
जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल ने आर.के.राजकीय जिला चिकित्सालय में आमजन को दी जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर रिपोर्ट का अवलोकन किया तथा इंटरवेशन की आवश्यकता जताई। डॉ सी.एल. डंूगरवाल ने जिला चिकित्सालय में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं एवं आमजन को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारें में जानकारी दी।

Sunday 11 June 2017


गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़े का शुभारम्भ आज से
जिला स्तर पर आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय से होगा आगाज  
जिलें में 24 जून तक मनाया जायेगा पखवाड़ा

राजसमंद, 11 जून। जिलें में आज 12 जून सोमवार से आगामी 24 जून तक गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा। जिला स्तर पर आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय में ओ.आर.एस, जिंक कॉर्नर का शुभारम्भ प्रातः 9 बजे किया जायेगा । ओ.आर.एस, जिंक कॉर्नर पर दस्त से ग्रस्त बच्चों को ओआएस पीलाया जायेगा तथा जिंक की गोलियां दी जायेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी। 
 पखवाडे़ के तहत सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओ.आर.एस व जिंक के कॉर्नर स्थापीत किये जायेंगे।  5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले घरों में आशा के माध्यम से ओ.आर.एस पैकिट का निःशुल्क वितरण कियें जायेंगे। स्कूलों में पखवाडे़ के दौरान हाथ धोने की सही विधी का प्रदर्शन किया जायेगा।
अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के साझे सहयोग से स्वास्थ्य केन्द्रो, आंगनवाड़ी केन्द्रो एवं विद्यालयों में गतिविधियों को आयोजित कर व्यक्तिगत स्वच्छता, साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ाई जायेगी। वहीं आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर ओ.आर.एस व जिंक पैकिट का वितरण कर  उपयोग की जानकारी देगी। 
उन्होंने बताया की सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को अपने संस्थान पर ओ.आर.एस, जिंक कॉर्नर स्थापीत करने एवं शुभारम्भ के लियें निर्देशित किया गया है।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण दस्त रोग है। देश में 1 लाख से अधिक बच्चें दस्त रोग के कारण मर जाते है। राज्य में 5 वर्ष से छोटे बच्चों में प्रति वर्ष लगभग 10 हजार बच्चें दस्त या उससे होने वाली जटिलता से मृत्यु के शिकार हो जाते है। 
दस्त एवं निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग के साथ ही पर्याप्त पोषण द्वारा रोका जा सकता है। दस्त की रोकथाम के लियें पीने के लियें साफ पानी का प्रयोग, समय- समय पर हाथ को पानी एवं साबुन से धोना, स्वच्छता, समय पर टीकाकरण, स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है। 
डॉ मीणा ने बताया कि सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओ.आर.एस पैकिट एवं जिंक की गोलियों को समुचित मात्रा में पहुंचा दिया गया है। वहीं अभियान से सम्बन्धित प्रचार प्रसार सामग्री भी सभी चिकित्सा संस्थानों पर पहुंचा दी गई है। पखवाड़े के सघन निरीक्षण के लिये जिला स्तर से टीमो का गठन किया गया है जो चिकित्सा संस्थानों एवं गांवो में जा कर पखवाडे़ तहत आयोजित की जा रहीं गतिविधियांे का अवलोकन करेगी। 

Saturday 10 June 2017


सफलता की कहानी 
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने सँवार दी गीता की जिन्दगी             

राजमसंद, 10 जून। गरीबों और जरूरतमन्दों के ईलाज तथा उनकी सेहत सँवारने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना राजसमन्द जिले के मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद और जीवनदायिनी सिद्ध हो रही है।  
            

राजसमन्द जिले की देवगढ़ तहसील के तेलीखेड़ा गांव की रहने वाली 45 वर्षीया श्रीमती गीता देवी वैष्णव ऎसी मरीज हैं जिन्हें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने राहत दी है।  उन्हें ‘एम्प्युटेशन एबोव नी’ की बीमारी थी। 
           

गीता के पति श्री शंकरदास बैष्णव ख्ेाती-बाड़ी का काम कर अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। इस काम में उनकी पत्नी गीता देवी भी उनकी मदद करती रही है। श्री शंकरदास वैष्णव बताते हैं कि उनकी पत्नी गीता को दो माह पूर्व अचानक घुटने में तेज दर्द उठा और पैरों में सूजन आ गई। असहनीय दर्द होने पर पड़ोसी उसे पास के अस्पताल में ले गए, जहाँ एक रात रुके, पर दर्द में आराम नहीं हुआ। 
            

उसके बाद गीता देवी को कांकरोली स्थित शर्मा हॉस्पिटल में ले आए जहाँ मरीज की हालत देखकर डॉक्टर ने बोला कि ऑपरेशन कर पैर काटना पड़ेगा। इस पर शंकरदास सोच में डूब गए। इस अन्यमनस्क अवस्था में वे गीता को शर्मा हॉस्पिटल कांकरोली से गीतांजलि हॉस्पिटल उदयपुर ले आए व दिन भर्ती करा दिया। यहाँ उन्हें बताया गया कि 2-4 दिन भर्ती रखना पड़ेगा। 
            

इस अस्पताल मेंं भी दर्द में कोई सुधार नहीं होने पर वहाँ से अहमदाबाद ले गए और सिविल हॉस्पिटल में दिखाया। वहाँ कहा गया कि ऑपरेशन होकर पैर कटेगा और इसके लिए 2-4 दिन भर्ती रखना पड़ेगा। लेकिन शंकरदास ने अकेले होने के कारण वहाँ मना कर दिया और लौट कर शर्मा हॉस्पिटल उदयपुर लाकर गीता को भर्ती करा दिया। 
            

यहाँ भी उन्हें ऑपरेशन की बात ही कही गई। बात जब ईलाज के पैसों की आयी तो उन्हें बताया गया कि राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में यह सारा काम निःशुल्क होगा और उन्हें कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। 
            

शर्मा हॉस्पिटल के डॉ. सूर्यकान्त पुरोहित ने गीता देवी के ईलाज की सारी रिपोर्ट्स देखकर कहा कि ऑपरेशन करके पैर काटना पड़ेगा। शंकरदास द्वारा अनुमति मिलने के दूसरे दिन गीता देवी का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद उन्हें आराम पड़ गया और दर्द से भी राहत मिली।
             

अपनी पत्नी की सेहत से खुश शंकरदास वैष्णव कहते हैें कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की बदौलत उनकी पत्नी गीता देवी को तकलीफ से राहत मिली है और सारा ईलाज  इस योजना में ही हो गया। उन्हें कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ा। यह योजना न होती तो उनके लिए कर्ज और समस्याओं के पहाड़ ही खड़े हो जाते जिन्हें जिन्दगी भर तक ढोते रहते।  भला हो मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे और उनकी सरकार का
, जिन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना चलाकर मरीजों को नई जिन्दगी देने का बीड़ा उठा रखा है।
 

Friday 9 June 2017

प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान के अवसर पर आशाओं की हुई स्वास्थ्य जांच
गर्भवती महिलाओं के साथ ही आशा के लियें भी खास रहा दिन

राजमसंद, 9 जून। हर माह की 9 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बड़ी संख्या में चिकित्सा संस्थानों पर गर्भवती महिलाओं ने गुणवत्तायुक्त प्रसव पुर्व जांच करवायी। इस बार सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजन के दिन आशाओं के लियें भी खास रहा। आशा सहयोगिनी का ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, हिमोग्लोबिन एवं कैंसर स्क्रिीनिंग की गई।  
गांव स्तर पर स्वास्थ्य सेंवाओं को आमजन तक पहुंचाने में महत्वपुर्ण भुमिका निभाने वाली आशा सहयोगिनी जो प्रत्येक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा संस्थान पर जाकर प्रसव पुर्व जांच करवाने के लियें प्रेरीत करती है। इस बार आशा सहयोगिनी के स्वास्थ्य की भी जांच की गई।
गांव प्रतापपुरा में कार्यरत आशा सहयोगिनी निर्मला सालवी ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ की सरकार ने पहल करते हुयें हम सभी आशाओ की जांच करवाई। भावा में कार्यरत आशा सहयोगिनी सीमा ने खुशी व्यक्त करतें हुयें बताया की हम गांव में प्रतिदिन 10 घरों में जाकर परिवार में गर्भवती महिलाओं, बच्चों, प्रसुताओं के स्वास्थ्य के लियें जानकारी देते है तथा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच ग्रामीणो तक हो तथा मातृत्व शिशु स्वास्थ्य योजनाओं एवं सुविधाओं का पुरा लाभ मिले तथा राष्ट्रीय कार्य इसके लियें कार्य रहे है। आशा सहयोगिनी सीमा के शब्दों में  ”आज लगा की सरकार हमारी भी केअर करती है ”।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिन आशा सहयोगिनियों किसी कारण जांच नहीं हो पाई है या जो अभियान के तहत अनुपस्थित रही है, वे आगामी तीन दिनों में चिकित्सा संस्थान पर जाकर अपनी जांच करवा सकेगी। 

Thursday 8 June 2017


21 जून की ग्राम सभाओं में होगा आशा का चयन
55 गांवो मंे होगा आशा का चयन 

राजसमंद, 8 जून। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली विशेष ग्राम सभाओं में आशा का चयन किया जायेगा जिलें के 55 गांवो में आशा का पद रिक्त है।  आशा गांव में क्षैत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की सेवाओं से समुदाय को जोड़ने एवं सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपुर्ण भुमिका का निर्वहन करती है।
         मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की आमेट ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र जेवेलिया, ढुगा खेड़ा, रावियो का खेड़ा, गोलेरा कुआ, कोला खेड़ा, भीम ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र जेलवा, देवगढ़ ब्लॉक में आंगनवाड़ी केन्द्र माद, दुदालिया, भुण्डवास, वानिया हाटड़ी, ताल तृतीय, फुथिया का थड़, तपालो का खेड़ा, कालागुन, खमनोर ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र कागमदारड़ा, उपली ओड़न, मोलेला तृतीय, कुंठवा, कोठारिया चक अ, पीपलवास, कालीवास, कुण्डा उषाण, केलवाड़ा ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र उदावड़, सिया, आंतरी, झीलवाड़ा,  सावला की माची, नाथेला, सुथारो की भागल, भवानी की भागल, केसर, कोड़ाकड़ा, आमली का गुड़ा, जस्सा जी का गुड़ा, जवारिया, बौरी, हटा जी गुड़ा, वागुन्दा, पुठिया, रेलमगरा ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र सांवलिया खेड़ा, कोटड़ी प्रथम, ओड़ा द्वितीय, राजसमंद ब्लॉक में आंगनवाड़ी क्षैत्र झांझर, आत्मा, करेड़ा, पड़ासली, मादड़ी, रेबारी की ढाणी, बिनोल तृतीय, फियावड़ी प्रथम, कुंवारिया प्रथम, लालपुर, मोरवड़, दोवड़, काना देव का गुड़ा में आशाओं के पद रिक्त है जिन पर 21 जून को होने वाली ग्राम सभाओं के माध्यम से महिलाओं का चयन किया जायेगा।  
         डॉ गौड़ ने बताया की आशा पर पर चयन के लियें अभ्यर्थी महिला, युवती की उम्र न्यूनतम 21 वर्ष होनी चाहियें, उसी गांव की निवासी होनी चाहियें तथा न्यूनतम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होनी चाहियें। 
         उन्होने बताया की आशा चयन के लियें सम्बन्धित गांव में एएनएम सर्वे कर रहीं तथा योग्य अभ्यर्थीयों की सूची तैयार कर रही है। आशा चयन हेतु महिला अथवा युवती सम्बन्धित क्षैत्र की एएनएम, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकती है। 

Wednesday 7 June 2017



जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी ने भीम सीएचसी का किया औचक निरीक्षण
कमीयों को लेकर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं कार्मिको को दियें निर्देश

राजसमंद, 7 जून। चिकित्सा संस्थानो पर दी जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीम का औचक निरीक्षण किया। 
निरीक्षण में चिकित्सा संस्थान में साफ - सफाई, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के रिकार्ड संधारण की गुणवत्ता तथा चिकित्सकीय उपकरणों एवं सामग्री के समुचित उपयोग का अभाव सामने आया। 
आरसीएचओ डॉ सुरेश मीणा ने लेबर रूम में प्रोटोकॉल की पालना, रिकार्ड का संधारण, लेबर रूम में आवश्यक उपकरण, दवाईयॉ,डिस्चार्ज टीकट के संधारण का गहनता से अवलोकन किया तथा लेबर रूम ईंचार्ज को कार्य में सुधार के लियें निर्देशित किया। 
उन्होंने चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ नरेन्द्र दुलारा को शिघ्र ही नवजात शिशु स्थिरीकरण ईकाई को कार्यशील करनें के लियें निर्देशित किया तथा प्रोटोकॉल के अनुसार नवजात शिशु स्थिरीकरण ईकाइ में रेडियेन्ट वार्मर एवं अन्य उपकरणों को व्यवस्थित कर सूचारू संचालित करनें एवं आईईसी सामग्री के  प्रदर्शन को तुरंत व्यवस्थित करनें के निर्देशित किया। 
उन्होंने सीएचसी में कई दिनों से बंद कमरों को खुलवाया तथा उनमें हाथो- हाथ सफाई कर्मियों को निर्देशित कर सफाई करवायी तथा उनमें पड़ी अनुपयोगी सामग्री के तुरंत निस्तारण के लियें कार्मिकों को निर्देशित किया। विभिन्न वार्ड में साफ धुले चद्दरों के उपयोग एवं जननी वार्ड में प्रत्येक दिन अलग कलर के चद्दरों के उपयोग के निर्देश दियें।
उन्होंने सीएचसी में स्थित खंड कार्यालय के स्टोर में साफ - सफाई तथा प्रबंधन को लेकर नाराजगी जताई तथा खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कमलेश मीणा को शिघ्र स्टोर को दुरूस्त करने के लियें निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान चिकित्सा संस्थान में प्रबंधन तथा चिकित्सा अधिकारीयों तथा कार्मिको में कही भी समन्वय नहीं नजर आया।उन्होंने जननी वार्ड में प्रसूता महिलाओं से विभागीय सेवाओं एवं योजनाओं की जानकारी के संबंध में फिडबैक भी लिया।  
उन्होंने बताया कि पुरी निरीक्षण रिपोर्ट को उच्च अधिकारीयों के साथ साझा कर आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही की जायेगी जिससें चिकित्सा संस्थान में आने वाले आमजन को गुणवत्तापुर्ण चिकित्सा संेवायें मिलें। 
निरीक्षण में सहयोग के लियें जिला नोडल अधिकारी मोनिटरींग एण्ड एवोल्यूशन विनित दवे, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली एवं जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक कपील भारद्वाज साथ थें। 


Tuesday 6 June 2017


गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़े को लेकर तैयारीयां हुई शुरू
संपूर्ण जिलें में 12 से 24 जून तक मनाया जायेगा पखवाड़ा

राजसमंद, 6 जून। संपूर्ण जिलें में दिनांक 12 से 24 जून तक गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा जिसमें आशा 5 वर्ष से छोटे बच्चों वाले सभी घरों में जाकर ओआरएस के पैकिट का निःशुल्क वितरण करेगी। साथ ही 4 से 8 घरो के सदस्यों को इकट्ठा कर ओआरएस घोल को बनाने की विधी समझाएगी। जिलें के सभी स्कूलों में पखवाडे़ के दौरान हाथ धोने की सही विधी का प्रदर्शन किया जायेगा एवं सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस/जिंक कॉर्नर की स्थापना की जायेगी। 
राज्य स्तर से गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ को लेकर आज विडियों कान्फ्रेन्स का आयोजन किया गया जिसमें जिला स्तर से जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, प्रभारी अधिकारी जिला औषधी भण्डार डॉ अनिल जैन, जिला आशा समन्वयक हरिशंकर शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली उपस्थित थें। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के साझे सहयोग से पखवाडे़ का आयोजन किया जायेगा। 
विडियों कॉन्फ्रेन्स में राज्य स्तर से परियोजना निदेशक बाल स्वास्थ्य डॉ रोमिल सिंह ने विगत वर्षो में जिलों मंे आयोजित कियें गयें गहन दस्त पखवाडे़ की प्रगति और गांव स्तर पर पखवाड़े के आयोजन मंे रही कमीयों को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला इस वर्ष सफल क्रियान्वयन के लियें निर्देशित किया।  
राज्य स्तर से जिलों में पखवाडे़ के आयोजन की तैयारीयों की समीक्षा के साथ ही ओआरएस एवं जिंक की आपुर्ति की स्थिती एवं पखवाडे़ के दौरान चिकित्सा संस्थानों एवं स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो के साथ ही समुदाय मंे ओआरएस, जिंक के उपयोग को लेकर प्रचार प्रसार करने को लेकर निर्देशित किया।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण दस्त रोग है। देश में 1 लाख से अधिक बच्चें दस्त रोग के कारण मर जाते है। राज्य में 5 वर्ष से छोटे बच्चों में प्रति वर्ष लगभग 10 हजार बच्चें दस्त या उससे होने वाली जटिलता से मृत्यु के शिकार हो जाते है। 
दस्त एवं निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग के साथ ही पर्याप्त पोषण द्वारा रोका जा सकता है। दस्त की रोकथाम के लियें पीने के लियें साफ पानी का प्रयोग, समय- समय पर हाथ को पानी एवं साबुन से धोना, स्वच्छता, समय पर टीकाकरण, स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है। 
डॉ मीणा ने बताया कि सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को खंड स्तर पर पखवाडे़ के सफल संचालन हेतु प्रशिक्षण बैठकों का आयोजन हेतु निर्देशित कर दिया गया है। वहीं पर्याप्त मात्रा मंे सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस पैकिट एवं जिंक की गोलियों की आपुर्ति की जा रही है। 

Monday 5 June 2017


सभी चिकित्सा संस्थान हांेगे तम्बाकू मुक्त
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को प्रतिमाह भेजनी होगी रिपोर्ट, संस्थान पर बनेगी निगरानी कमेटी

राजसमंद, 5 जून। जिलें में उपस्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक के चिकित्सा संस्थानो को तम्बाकू मुक्त चिकित्सा संस्थान के रूप में विकसीत करने किया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी। 
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी चिकित्सा संस्थानो में तम्बाकू युक्त पदार्थो जैसे बिड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान - मसाला, चिलम , हुक्का, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग एवं इन पदार्थो के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागु किया जायेगा। 
चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कार्मिको के द्वारा संस्थान में किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थो का सेवन नहीं किया जायेगा तथा जो तम्बाकू उपभोगी है उनका पंजीकरण कर जिला अस्पताल में संचालित तम्बाकू मुक्ति उपचार व परामर्श केन्द्र मंे रेफर किया जायेगा।
सभी चिकित्सा संस्थानो में तम्बाकू मुक्त वातावरण बनाये रखने के लिये एवं उल्लंघनो पर निगरानी रखने के लियें एक निगरानी समिति का गठन किया जायेगा। निगरानी समिति द्वारा प्रतिमाह निगरानी रिपोर्ट चिकित्सा संस्थान के प्रभारी अधिकारी को देनी होगी। उपस्वास्थ्य केन्द्र पर गठीत की जाने वाली निगरानी समिति में ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भी सम्मिलित किया जा सकेगा। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया है कि वे संस्थान पर तम्बाकू मुक्त चिकित्सा संस्थान, धुम्रपान निषेध क्षैत्र तथा तम्बाकू सेवन छोड़ने के सम्बन्ध में आवश्यक साईनेज/बोर्ड प्रदर्शीत किया जाना सुनिश्चित करेंगे। ये बोर्ड संस्थान प्रमुख स्थानों जैसे प्रवेश, निकास,सीढ़ीयों, मिटिंग हॉल एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किये जाने अनिवार्य है।
चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को प्रतिमाह अपने क्षैत्र में स्थित उपस्वास्थ्य केन्द्रो एवं संस्थान की मासिक रिपोर्ट जिसमें चिकित्सा संस्थान में प्रशिक्षणार्थी स्टॉफ, आगन्तुक के द्वारा बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, हुक्क एवं पान मसाला सेवन की वस्तुस्थिती, उपभोगकर्ताओं को तम्बाकु छोड़ने के लिये दी गई जानकारी एवं कियें गयें रेफर की स्थिती, निगरानी समिति के गठन की वस्तुस्थिती, संस्थान में आवश्यक स्थानों पर धुम्रपान निषेध चेतावनी बोर्ड के प्रदर्शन की वस्तुस्थिती को बताना होगा। यह रिपोर्ट खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में संकलित होकर जिला स्तर पर संचालित तम्बाकु प्रकोष्ठ को प्रतिमाह 5 तारीख तक भेजनी होगी। 



गंभीर बिमारी में भैरूलाल का साथ दे रही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

राजसमंद, 5 जून। आज से करीब दो वर्ष पूर्व भैरूलाल के पेट में दर्द होने पर डॉक्टर को बताने पर डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवायी और भैरूलाल को कहा कि उसकी एक किडनी फैल है तो भैरूलाल के पैरो के तले जमीन खिसकी गई। ऐसी गंभीर बिमारी के उपचार में राज्य सरकार द्वारा संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना भैरूलाल का साथ दे रही है।  
मार्बल उद्योग में कार्य करने वाला भैरूलाल दो बच्चों का पिता है और पुरे परिवार की जिम्मेदारी भैरूलाल पर है, एक बार तो वह हताश हो गया। गंभीर बिमारी के ईलाज के लियें शुरू मंे तो भैरूलाल ने इधर -उधर से पैसा का इंतजाम कर डायलिसस करवाया । लेकिन हर माह लगभग नौ बार डायलिसिस करवाना यानी प्रतिमाह लगभग 15 हजार का खर्चा उठाना भैरूलाल गुर्जर के बूतें के बाहर था। ऐसे में भैरूलाल को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना सहारा मिला और उसका डायलिसिस बिल्कुल निःशुल्क हो रहा है। 
शर्मा हॉस्पीटल कांकरोली में उपचाररत 35 वर्षीय भैरूलाल गुर्जर निवासी गांव दोवड़ा ने बताया की घर में कमाने वाला एकमात्र वहीं है, तीन बीघा जमीन है पर पानी नहीं होने से किसी काम की नही है।  ऐसे हालातो में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के बूतें ही वह इस गंभीर बिमारी से लड़ रहा है। वह बताता है कि उपचार के लियें उसकों माह मे करीब 9 बार भर्ती रहकर डायलिसीस करवाना पड़ता और हर बार लगभग 1700 रूपयें की खर्चा आता है जो अब बिल्कुल निःशुल्क हो रहा है। वही बतातें है कि उपचार के लियें किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ रहें है यह क्या कम बात है। 



Thursday 1 June 2017


सीएचसी केलवाड़ा और पीएचसी मजेरा का सीएमएचओं ने किया निरीक्षण
स्टोर, विभिन्न वार्ड, लेबर रूम सहित पुरे चिकित्सालय परिसरों का अवलोकन कर आवश्यक निर्देश दियें

राजसमंद, 1 जून। केलवाड़ा सीएचसी के स्टोर, लेबर रूम, जननी वार्ड, एनबीएसयू, जननी वार्ड एवं अन्य महिला - पुरूष वार्ड सहित पुरे चिकित्सालय के चप्पे - चप्पे का निरीक्षण कर डॉ पंकज गौड़ ने पुरा दिन सुबह 9 बजे से 4 बजें तक वहां रहकर व्यवस्थाओं को सुचारू करनें को लेकर आवश्यक निर्देश दियें तथा अस्पताल के प्रबंधन को लेकर रही समस्याओं का हाथो- हाथ निराकरण किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने चिकित्सा संस्थान पर दी जा रहीं मातृ - शिशु स्वास्थ्य सेंवाओं, परिवार कल्याण सेवाओं, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राज श्री योजना, निःशुल्क दवा योजना सहित विभिन्न कार्यक्रमों से सम्बन्धित रिकार्ड का अवलोकन कर समीक्षा की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने वहां कार्यरत स्टॉफ को कार्य का आवंटन कर जिम्मेदारी निर्धारित की तथा लेबर रूम में साफ- सफाई की व्यवस्थाओं, जननी वार्ड में नियमित अलग - अलग रंग की चद्दरों के उपयोग करनें, स्टोंर में पड़ी सामग्री के समुचित उपयोग, निःशुल्क दवा योजना अन्तर्गत प्राप्त दवाईयों के वितरण एवं प्रबंधन, प्रसुता डिस्चार्ज टिकट का सही से संधारण करनें जैसे कई विषयों पर एक - एक कर विस्तार से चर्चा कर इनमें रहीं कमीयों को तुरंत ठीक करनें की हिदायत दी। 
उन्होंने चिकित्सा संस्थान पर दी जा रहीं मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, परिवार कल्याण सेवाओं की उपलब्धी ऑनलाईन पोर्टल पर अद्यतन नहीं होने को लेकर सीएचसी पर कार्यरत स्टॉफ चिकित्सा अधिकारी, मेलनर्स, वार्ड बॉय, अकाउटेंट, डाटा एन्टी ऑपरेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर को प्रत्येक कार्य के लियें प्रभारी नियुक्त कर जिम्मेदारी दी तथा आगे से सूचना के सही संधारण एवं ऑन लाईन पोर्टल पर समय से डेटा फिड करने के लियें निर्देशित किया।
उन्होंने समय समय पर राज्य स्तर एवं जिला स्तर से विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों से सम्बन्धित भेजी जाने वाली आईईसी सामग्री को व्यवस्थित एवं त्वरीत प्रदर्शन के लियें भी निर्देशित किया साथ ही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राज श्री योजना एवं जीवन वाहिनी सेवा के प्रचार प्रसार के लियें चिकित्सा संस्थान की बाउन्ड्री पर तत्काल वॉल पेन्टींग करवानें के लियें निर्देशित किया। 

उन्होंने मजेरा आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया जहां चिकित्सा भवन की साफ सफाई, लेबर रूम में साफ - सफाई एवं प्रबंधन, समुचित एवं आकर्षक तरीके से आईईसी सामग्री के प्रदर्शन, लेबर रूम को लेकर खुशी व्यक्त की तथा वहां कार्यरत स्टॉफ की प्रशंसा की। निरीक्षण के दौरान उनके साथ खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रहलाद सिंह सौलंकी, डीएनओं श्री विनीत दवे, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली साथ थें।