Monday 15 May 2017


नवजात शिशु स्वास्थ्य पर केन्द्रीत होकर तैयार करें कार्ययोजना - डॉ तरूण चौधरी
चिरायू कार्यक्रम की कार्ययोजना को लेकर जिला स्तरीय व खंड स्तरीय अधिकारयों ने किया मंथन   
राजसमंद, 15 मई। शिशु मृत्यु दर कम करने के लियें संस्थान एवं समुदाय स्तर पर नवजात शिशु देखभाल सेवाओं पर ध्यान केन्द्रीत करते हुयें जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार करनी है। जिसके लियें संस्थान एवं समुदाय स्तर पर नवजात शिशु को मिलने वाली सेवाओं में आ रहीं बाधाओं एवं कमीयों के कारणो का चिन्हीकरण कर, उन्हें दूर करने के स्थानिय उपायों को एक निश्चित समय सीमा में पुरा करना होगा। यह विचार राज्य परियोजना निदेशक मातृत्व स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी ने जिला स्तर पर चिरायू कार्यक्रम की कार्ययोजना तैयार करने हेतु आयोजित बैठक में व्यक्त कियें। 
बैठक में उन्होंने बताया कि जिले में 80 प्रतिशत से अधिक प्रसव 18 चिकित्सा संस्थानो पर होते है। हमें उन चिकित्सा संस्थानो पर विशेष ध्यान देकर वहां दी जा रहीं प्रसव सेवाओं को गुणवत्तायुक्त देने सुनिश्चितता करनी होगी। साथ वहां होने वाले प्रसवों को समुदाय में आशा सहयोगिनीयों के माध्यम सेे ट्रेक करना चाहियें की नवजात के स्वास्थ्य की स्थिती कैसी है। वहीं संस्थान स्तर से रेफर कियें गयें नवजात शिशुओं का रेफर करने वाले चिकित्सा संस्थान पर फॉलोअप करने तथा घर पर आशा द्वारा की जाने वाली नवजात शिशु देखभाल गुणवत्तापुर्ण हो इस पर ध्यान देना होगा। 
उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान स्तर पर नवजात शिशु देखभाल के लियें तीन स्तर पर सुविधांये न्यूबोर्न केअर कोर्नर, न्यूबोर्न स्टेबलाईजेशन यूनिट एवं स्पेशल न्यूबोर्न केअर यूनिट इन तीनो स्तर पर सुविधाओं को मजबूत करने के लियें वहां प्रशिक्षित स्टॉफ की उपलब्धता, उपकरणों की उपलब्धता के साथ अकार्यशील उपकरणों की सूची तैयार करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अनावश्यक अनुपयोगी उपकरण पडे़ हुयें है उनको जहां अधिक नवजात भर्ती हो रहें है वहां पंहुचाया जायें। नवजात के लियें रेफर सुविधाओं के समुचित उपयोग एवं प्रबंधन से भी शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी इसलियें इस पर भी ध्यान केन्द्रीत कर कार्य करना होगा। अवांछीत रेफरल कम हो तथा आवश्यक रेफरल केस की सूचना अग्रीम उच्च चिकित्सा संस्थान पर मिलें ताकी शिघ्र व त्वरीत उपचार संभव हो सकें। 
उन्होंने कहा की शिशु स्वास्थ्य के लियें समुदाय स्तर पर गांव स्तर पर आयोजित कियें जा रहें मातृत्व, शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस को सुनियोजित तरीके से आयोजित करना, ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिती का सुव्यवस्थित आयोजन भी सुनिश्चित करना होगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर, डॉ प्रहलाद सिंह सौलंकी, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ कमलेश मीणा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, डॉ आर.पी. शर्मा सहित जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच सहित जिला व खंड कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थें।  
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