कोख में बेटीयों को मारने के तरीको की फिल्म को देख नम हुई आंखे
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ारड़ा में आयोजित हुआ डॉटर्स आर प्रिसीयस
राजसमंद, 12 सितम्बर। बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में छात्र - छात्राओं को लिंग परिक्षण रोकथाम के विषय पर सजग करने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी एवं आईईसी प्रकोष्ठ की ओर से आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बडारड़ा में प्राचार्य संतोष शर्मा की अध्यक्षता में डाटर्स आर प्रीसीयस का आयोजन किया गया।
राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं सचिव चिकित्सा विभाग श्री नवीन जैन के निर्देशो पर संपूर्ण प्रदेश में बेटीयां अनमोल है कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया संपूर्ण जिलें के स्कूलों एवं कॉलेज में बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता जिला आईईसी समन्वयक श्री दिलीप श्रीमाली ने प्रदेश में बेटीयों को कोख में बचाने के लियें कियें जा रहें प्रयासों के बारें में विस्तार से जानकारी देते हुयें बताया की प्रदेश में अब तक 88 डिकॉय ऑपरेशन हुयें जिसमें बड़ी संख्या में लिंग परिक्षण जैसे कृकृत्य में शामिल चिकित्सकों, दलालों को जेल भिजवाया गया है।
श्रीमाली ने प्रदेश व जिलें में घटते लिंगानुपात पर प्रकाश डालतें हुयें भविष्य में समाज में पैदा होने वाली विसंगतियों के बारें में जानकारी दी। उन्होंने सरकार द्वारा मुखबिर योजना की जानकारी देते हुये बताया की 104/108 निःशुल्क टोल फी्र नम्बर पर लिंग परिक्षण में शामिल लोगो एवं संस्थानो की जानकारी दी जा सकती है।
कार्यक्रम में जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक श्री कपिल भारद्वाज ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुयें जिलें में विभाग द्वारा एक्ट के क्रियान्वयन के बारें में बताया तथा मुखबीर योजना में पुरस्कार राशि के बारें में विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम मे बेटीयों को कोख में मारने के विभिन्न अमानवीय तरीको को प्रदर्शीत किया गया। डॉ दीपिका दाधीच ने इन अमानवीय तरीको को विस्तार से बताते हुयें कहा की सोनोग्राफी में लिंग परिक्षण के समय भ्रुण पूरी तरीके विकसीत होता है तथा बच्चें में धड़कन आंख, नाक, कान सहित महसूस करने की क्षमता होती है। जिसकों अमानवीय तरीको से मारना हद्य विदारक है।
कार्यक्रम में व्याख्याता श्री प्रमोद सिंह चारण ने छात्र - छात्राओं का आव्हान करते हुयें घर व आस पडौस में बेटीयों के महत्व के बारें में बताने तथा लिंग परिक्षण रोकथाम की चर्चा करने के लियें कहा जिससें लिंगानुपात में सुधार हो सकें।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्राचार्य श्रीमती संतोष शर्मा ने विद्यालय के छात्र - छात्राओं एवं अध्यापकों को बेटी बचाओ की शपथ दिलवायी।
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