चिकित्सा अधिकारी प्रभारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की मोनिटरिंग करें - श्री पी.सी बैरवाल जिला कलक्टरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमो की हुई विस्तार से समीक्षा
राजसमंद, 25 सितम्बर। चिकित्सा अधिकारी पीएचसी स्तर पर आशा दिवस के दिन आयोजित होने वाली सैक्टर बैठक में अपने क्षैत्र में गर्भवती महिलाओं के शीघ्र रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व जांच, प्रसव पश्चात जांच, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रसूति नियोजन दिवस, मातृ एवं शिशु मृत्यु के कारणों, परिवार कल्याण जैसे विषयों पर निरन्तर समीक्षा करें एवं कम उपलब्धी के कारणों का पता लगायें। यह निर्देश जिला कलक्टर श्री पी.सी. बैरवाल ने जिला स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षता करतें हुयें सभी चिकित्सा अधिकारीयों को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में दियें।
उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को कहा की पीएचसी स्तर पर आयोजित होने वाली बैठक को गुणवत्तापूर्ण आयोजित करें। कम उपलब्धी वाले स्वास्थ्य कार्मिको एएनएम एवं आशा सहयोगिनीयों से न्यून उपलब्धी के कारणों का पता करें तथा असंतोषजनक जवाब होने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु उच्च स्तर पर जानकारी देवें।
उन्होंने कहा की चिकित्सा अधिकारी सभी रिपोर्ट ऑनलाईन होने पहले चैक करें जिससें ऑनलाईन रिपोर्ट में किसी प्रकार की विसंगतियां नहीं रहें।
उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की वे उनके क्षैत्र में संचालित राजकीय जनजाति एवं कस्तूरबां छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करें तथा वहां बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लियें जानकारी दें।
उन्होंने कहा की आगामी बैठक से पूर्व सभी चिकित्सा अधिकारी छात्रावासो में जाकर रिपोर्ट भिजवायेंगे।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा करते हुयंे जिला कलक्टर ने निर्देशित किया की जिला औसत से कम उपलब्धी वाले राजकीय चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को नोटीस देंवे। उन्होंने चिकित्सा अधिकारीयों से कहा की वे स्वास्थ्य मार्गदर्शको के कार्य की सतत समीक्षा करें जिससें योजना के संचालन में किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं हो।
उन्होंने निजी व राजकीय चिकित्सा संस्थान के प्रभारीयों को निर्देशित किया की वे क्लेम रीजेक्शन के प्रकरणों को तत्काल जिला शिकायत निवारण समिति को भिजवायें जिससें भुगतान हेतु राज्य स्तर पर भिजवायें जा सकें।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने जानकारी दी की प्रत्येक चिकित्सा संस्थान की ओपीडी के लगभग 30 प्रतिशत होना चाहियें। इसलियें सभी चिकित्सा संस्थान योजना के क्रियान्वयन को लेकर गम्भीरता बरते।
बैठक में उपमुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की जिलें में मौसमी बिमारीयों की रोकथाम के लियें एन्टीलार्वल गतिविधीयां संचालित की जा रहीं है। जिला कलक्टर ने शहरी क्षैत्र में स्थानिय नगर परिषद् एवं नगर पालिकाओं के माध्यम से फोगिंग सुनिश्चित करे।
बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों को लेकर स्लाईड प्रजेंटेशन के माध्यम से जिलें की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने जिलें में मातृ मृत्यु की समीक्षा को लेकर चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को विस्तार से निर्देश दियें तथा प्रसूता महिला का फॉलोअप सुनिश्चत करने के कहा।
बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल, डॉ बी.पी जैन, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी. बूनकर, डॉ कमलेश मीणा, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू पुरोहित, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, जिला नोडल अधिकारी विनित दवे जिला ईकाई के सभी सदस्यों सहित सीएचसी एवं पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थें।