Monday, 25 September 2017



सोनोग्राफी सेन्टर भी बेटीयां अनमोल है जागरूकता अभियान भागीदार बने - श्री पी.सी बैरवाल जिला कलक्टर 
जिला पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

राजसमंद, 25 सितम्बर। जिला पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुयें जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल ने कहा की लोगो में पीसीपीएनडीटी अधिनियम, मुखबीर योजना को लेकर आमजन में जागरूकता हेतु जिलें  में पंजीकृत सोनोग्राफी सेन्टर को भी भागीदारी निभाना चाहियें। यह निर्देश जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला कलक्टर श्री पी.सी बैरवाल ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक में व्यक्त कियें। 
उन्होंने बताया की प्रत्येक ब्लॉक में बेटीयां अनमोल है जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सोनोग्राफी केन्द्रो की मदद से आयोजित कियें जायें। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने कहा की दीपावली के त्यौहार के दौरान मिठाई के पैकिट पर बेटीयां अनमोल है के स्टीकरर्स सोनोग्राफी केन्द्रो के माध्यम से संपूर्ण जिलें में भिजवायें जायें जिससें आमजन में जागरूक हो सकें। 
बैठक में सभी सोनोग्राफी सेन्टर्स के चिकित्सकों ने बताया की सोनोग्राफी सेन्टर्स पर मुखबीर योजना की जानकारी का प्रदर्शन आमजन हेतु किया गया है। बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजकुमार दक ने लिंगानुपात रोकने को लेकर अपने सुझाव दियें।
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी श्री कपिल भारद्वाज ने पूर्व बैठक में लियें गयें निर्णयों की अनुपालना के संबंध में जानकारी दी। बैठक में उपखंड समुचित प्राधिकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, जिला जनसंपर्क अधिकारी डॉ दीपक आचार्य, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली, जिला सलाहकार समिति के सदस्य एवं सभी सोनोग्राफी केन्द्रो के चिकित्सक उपस्थित थें।


चिकित्सा अधिकारी प्रभारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की मोनिटरिंग करें - श्री पी.सी बैरवाल जिला कलक्टरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमो की हुई विस्तार से समीक्षा

राजसमंद, 25 सितम्बर। चिकित्सा अधिकारी पीएचसी स्तर पर आशा दिवस के दिन आयोजित होने वाली सैक्टर बैठक में अपने क्षैत्र में गर्भवती महिलाओं के शीघ्र रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व जांच, प्रसव पश्चात जांच, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रसूति नियोजन दिवस, मातृ एवं शिशु मृत्यु के कारणों, परिवार कल्याण जैसे विषयों पर निरन्तर समीक्षा करें एवं कम उपलब्धी के कारणों का पता लगायें। यह निर्देश जिला कलक्टर श्री पी.सी. बैरवाल ने जिला स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षता करतें हुयें सभी चिकित्सा अधिकारीयों को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में दियें।
उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को कहा की पीएचसी स्तर पर आयोजित होने वाली बैठक को गुणवत्तापूर्ण आयोजित करें। कम उपलब्धी वाले स्वास्थ्य कार्मिको एएनएम एवं आशा सहयोगिनीयों से न्यून उपलब्धी के कारणों का पता करें तथा असंतोषजनक जवाब होने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु उच्च स्तर पर जानकारी देवें।
उन्होंने कहा की चिकित्सा अधिकारी सभी रिपोर्ट ऑनलाईन होने पहले चैक करें जिससें ऑनलाईन रिपोर्ट में किसी प्रकार की विसंगतियां नहीं रहें।   
उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की वे उनके क्षैत्र में संचालित राजकीय जनजाति एवं कस्तूरबां छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करें तथा वहां बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लियें जानकारी दें।
उन्होंने कहा की आगामी बैठक से पूर्व सभी चिकित्सा अधिकारी छात्रावासो में जाकर रिपोर्ट भिजवायेंगे।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा करते हुयंे जिला कलक्टर ने निर्देशित किया की जिला औसत से कम उपलब्धी वाले राजकीय चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को नोटीस देंवे। उन्होंने चिकित्सा अधिकारीयों से कहा की वे स्वास्थ्य मार्गदर्शको के कार्य की सतत समीक्षा करें जिससें योजना के संचालन में किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं हो।
उन्होंने निजी व राजकीय चिकित्सा संस्थान के प्रभारीयों को निर्देशित किया की वे क्लेम रीजेक्शन के प्रकरणों को तत्काल जिला शिकायत निवारण समिति को भिजवायें जिससें भुगतान हेतु राज्य स्तर पर भिजवायें जा सकें। 
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने जानकारी दी की प्रत्येक चिकित्सा संस्थान की ओपीडी के लगभग 30 प्रतिशत होना चाहियें। इसलियें सभी चिकित्सा संस्थान योजना के क्रियान्वयन को लेकर गम्भीरता बरते। 
बैठक में उपमुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की जिलें में मौसमी बिमारीयों की रोकथाम के लियें एन्टीलार्वल गतिविधीयां संचालित की जा रहीं है। जिला कलक्टर ने शहरी क्षैत्र में स्थानिय नगर परिषद् एवं नगर पालिकाओं के माध्यम से फोगिंग सुनिश्चित करे।
बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों को लेकर स्लाईड प्रजेंटेशन के माध्यम से जिलें की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने जिलें में मातृ मृत्यु की समीक्षा को लेकर चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को विस्तार से निर्देश दियें तथा प्रसूता महिला का फॉलोअप सुनिश्चत करने के कहा। 
बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.एल. डूंगरवाल, डॉ बी.पी जैन, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी. बूनकर, डॉ कमलेश मीणा, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू पुरोहित, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, जिला नोडल अधिकारी विनित दवे जिला ईकाई के सभी सदस्यों सहित सीएचसी एवं पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थें।

Thursday, 14 September 2017




बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम का कारवां पहुंचा भावा में 
आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भावा के विद्यार्थीयों ने जाना क्यों हो रहे डिकॉय ऑपरेशन


राजसमंद, 14 सितम्बर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला पीसीपीएनडीटी एवं आईईसी प्रकोष्ठ की और से डॉटर्स आर प्रीसीयस अभियान के तहत गुरूवार को आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भावा में व्याख्यान का आयोजन किया गया। 
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली ने विद्यार्थीयों को  घटते लिगानुपात से समाज में पैदा होने वाली विसंगतियों की जानकारी देते हुयें प्रदेश एवं जिलें में लिंगानुपात की वस्तुस्थिती बताई। 
उन्होंने बताया की समुचे देश मे राजस्थान प्रदेश पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन में मॉडल बना है जिसका मुख्य कारण प्रदेश में मुखबीर योजना का सफलता पुर्वक संचालन एवं क्रियान्वयन है। जिससें लिंग परिक्षण जैसे जघन्य अपराध में शामिल लोगो को 89 डिकॉय ऑपरेशन कर पकड़ा गया है। 
श्रीमाली ने बताया की समाज में बेटे की चाह के पीछे मिथ्या धारणायें बनी हुई जिन्हें स्वयं मानसिकता में परिवर्तन करके बदला जा सकता है। उन्होंने मुखबीर योजना के तहत लिंग परिक्षण की दृष्टी से गांव, आस- पडौस अथवा चिकित्सा संस्थान में कोई संदिग्ध गतिविधी नजर आने पर तुरंत 104/108 पर सूचना देने के लियें कहा तथा मुखबीर योजना के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की जानकारी दी।  
कार्यक्रम में एक मार्मिक फिल्म का प्रदर्शन किया गया जिसमंे गर्भस्थ भ्रुण की विकासशील अवस्था को बतातें हुयें उसका किस अमानविय तरीको से समाप्त किया जाता है, बताया गया। 
जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक कपिल भारद्वाज ने लिंग परिक्षण रोकथाम के लियें कियें पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी देते हुयें बताया की लिंग परिक्षण कानूनी अपराध है। उन्होंने जिला स्तर पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कियें जा कार्यो की जानकारी दी तथा जिलें में संचालित सोनोग्राफी संस्थान तथा उनकी मोनिटरिंग की कार्यव्यवस्था के बारें में जानकारी दी। 
विद्यालय प्राचार्य श्रीमती सीमा गहलोत ने सभी विद्यार्थीयांे एवं शिक्षकों को लिंग परिक्षण रोकथाम की शपथ दिलायी।

Wednesday, 13 September 2017






बेटीयां अनमोल है व्याख्यान सून छात्र - छात्रायें बोले हम नहीं बनेंगे कातिल
राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुआ डाटर्स आर प्रीसीयस कार्यक्रम

राजसमंद, 13 सितम्बर। विद्यालयी छात्र - छात्राओं में कन्या भ्रुण हत्या को लेकर सजग करने के उदे्श्य से विभाग के पीसीपीएनडीटी एवं आईईसी प्रकोष्ठ की ओर से राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपरड़ा में डाटर्स आर प्रीसीयस अभियान कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य महेश श्रीमाली के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता जिला आईईसी समन्वय दिलीप श्रीमाली ने प्रदेश में लिंगानुपात की वस्तुस्थिती बताते हुयें कहा की प्रदेश सरकार की दृढइच्छाशक्ति एवं  राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी श्री नवीन जैन के कुशल नेतृत्व में मुखबिर योजना को प्रभावी बनाकर लगातार एक के बाद 89 डिकॉय आपरेशन कर लिंग परिक्षण में शामिल लोगो को बेनकाब कर जेल के सीखचों के पीछे भिजवायें गयें है। 
श्रीमाली ने अपने व्याख्यान में बताया की बेटीयों का कोख में कत्ल करना भविष्य के समाज के लियें घातक होगा, समाज में कई विसंगतियां पैदा हो जायेगी। इसलियें समय रहते सजग होना जरूरी है। आज जो छात्र - छात्राये वे ही कल के परिजन होंगे और उनको भी ऐसे दौर से गुजरना होगा जहां उन्हें बेटे - बेटी में भेदभाव को मन से निकाल ऐसे घिनौने कार्य से बचना होगा। 
इस दौरान कार्यक्रम में प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाने मुहिम की फिल्म बताई गई तथा किस प्रकार डिकॉय ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी दी गई। मुखबीर योजना के तहत मिलने वाली राशि 2 लाख 50 तथा टोल फ्री नम्बर 104/108 पर मुखबीर योजना के तहत शिकायत करने के लियें आव्हान किया गया जिससें ऐसे लिंग परिक्षण में शामिल लोगो को बेनकाब किया जा सकेें। 
कार्यक्रम के दौरान पेट में पल रहे गर्भस्थ शिशु को विकसीत होने एवं उनको निर्दयता पूर्वक कोख में मारने की प्रक्रिया की फिल्म प्रदर्शीत की गई। जिसको देख छात्र - छात्रायें बोल उठे की हम ऐसे शर्मनाक कृकृत्य में कभी भी भागीदार नहीं बनेंगे और जहां कही भी ऐसा नजर आया तुरंत 104/108 टोल फ्री नम्बर पर सूचना करेंगे। 
कार्यक्रम में जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक कपिल भारद्वाज ने लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के बारें में विस्तार से जानकारी देते हुयें जिलें में पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा कियें जा रहें कार्यो एवं जिलें में रजिस्टर्ड सोनोग्राफी संस्थानों के बारें में बताया उन्होंने सोनोग्राफी मशीन एवं एक्टीव ट्रेकर के बारें में भी जानकारी दी। 
उन्होंने बताया की वर्तमान समय में कई अयोग्य बेवकुफ बनाकर ऐसे ही किसी लेपटॉप पर फिल्म दिखाकर लिंग चयन की गलत सूचना दे रहें है जिससें लोगो को बचना होगा। उन्होंने कहा की लिंग चयन करना और करवाना और सहयोग करना भी कानूनी अपराध है, जिसके लियंे कड़ी सजा का प्रावधान है। 
कार्यक्रम में प्राचार्य महेश श्रीमाली ने विभाग के इस सजगता कार्यक्रम की सराहना करते हुयंे कहा की यह कार्यक्रम छात्र - छात्राओं के लियें कन्या भ्रुण हत्या की रोकथाम जैसे विषय की संवेदनशीलता को महसूस करने में  कारगर है। 
कार्यक्रम में पीटीआई हेमंत नाथ ने वर्तमान समय में इस मुद्दे को काफी गंभीर बताया तथा छात्र - छात्राओ को अपने घर व आस - पडौस में लोगो को जागरूक करने के लियंे कहा। अंत में सभी शिक्षको एवं छात्र - छात्राओं को प्राचार्य ने कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम की शपथ दिलवायी। 

Tuesday, 12 September 2017











कोख में बेटीयों को मारने के तरीको की फिल्म को देख नम हुई आंखे

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ारड़ा में आयोजित हुआ डॉटर्स आर प्रिसीयस 

राजसमंद, 12 सितम्बर।  बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में छात्र - छात्राओं को लिंग परिक्षण रोकथाम के विषय पर सजग करने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी एवं आईईसी प्रकोष्ठ की ओर से आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बडारड़ा में प्राचार्य संतोष शर्मा की अध्यक्षता में डाटर्स आर प्रीसीयस का आयोजन किया गया।  

राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं सचिव चिकित्सा विभाग श्री नवीन जैन के निर्देशो पर संपूर्ण प्रदेश में बेटीयां अनमोल है कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया संपूर्ण जिलें के स्कूलों एवं कॉलेज में बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता जिला आईईसी समन्वयक श्री दिलीप श्रीमाली ने प्रदेश में बेटीयों को कोख में बचाने के लियें कियें जा रहें प्रयासों के बारें में विस्तार से जानकारी देते हुयें बताया की प्रदेश में अब तक 88 डिकॉय ऑपरेशन हुयें जिसमें बड़ी संख्या में लिंग परिक्षण जैसे कृकृत्य में शामिल चिकित्सकों, दलालों को जेल भिजवाया गया है। 

श्रीमाली ने प्रदेश व जिलें में घटते लिंगानुपात पर प्रकाश डालतें हुयें भविष्य में समाज में पैदा होने वाली विसंगतियों के बारें में जानकारी दी। उन्होंने सरकार द्वारा मुखबिर योजना की जानकारी देते हुये बताया की 104/108 निःशुल्क टोल फी्र नम्बर पर लिंग परिक्षण में शामिल लोगो एवं संस्थानो की जानकारी दी जा सकती है। 

कार्यक्रम में जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक श्री कपिल भारद्वाज ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुयें जिलें में विभाग द्वारा एक्ट के क्रियान्वयन के बारें में बताया तथा मुखबीर योजना में पुरस्कार राशि के बारें में विस्तार से प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम मे बेटीयों को कोख में मारने के विभिन्न अमानवीय तरीको को प्रदर्शीत किया गया। डॉ दीपिका दाधीच ने इन अमानवीय तरीको को विस्तार से बताते हुयें कहा की सोनोग्राफी में लिंग परिक्षण के समय भ्रुण पूरी तरीके विकसीत होता है तथा बच्चें में धड़कन आंख, नाक, कान सहित महसूस करने की क्षमता होती है। जिसकों अमानवीय तरीको से मारना हद्य विदारक है। 

कार्यक्रम में व्याख्याता श्री प्रमोद सिंह चारण ने छात्र - छात्राओं का आव्हान करते हुयें घर व आस पडौस में बेटीयों के महत्व के बारें में बताने तथा लिंग परिक्षण रोकथाम की चर्चा करने के लियें कहा जिससें लिंगानुपात में सुधार हो सकें। 

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्राचार्य श्रीमती संतोष शर्मा ने विद्यालय के छात्र - छात्राओं एवं अध्यापकों को बेटी बचाओ की शपथ दिलवायी। 


Monday, 11 September 2017


सास बहू सम्मेलन में जाना परिवार के खुशी का मंतर
मिशन परिवार विकास के तहत गांव - ढाणी में आयोजित हुए सास - बहू सम्मेलन


राजसमंद, 11 सितम्बर। मिशन परिवार विकास के तहत जिले की गांव - ढाणियों में विभाग द्वारा सास - बहू सम्मेलन का आयोजन कर ज्ञानवर्द्धक खेल एवं गतिविधियों के माध्यम से परिवार नियोजन, स्वास्थ्य कार्यक्रमों व योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही भ्रांतियों को दुर करने के कार्य का आयोजन किया जा रहा है। जिससें वे छोटे परिवार के महत्व एवं लाभ के बारें मे जान सकें तथा छोटे परिवार का अपनायें। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की आगामी 30 सितम्बर तक जिलें की 969 गांव- ढाणियों में सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सम्बन्धित गांव की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा योग्य दम्पत्तियों में से बहू व सास को आमंत्रित कर सम्मेलन का आयोजन कर रही है। सम्मेलन में नई शादी शुदा बहूएं एवं उनकी सास, गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली बहूंए एवं उनकी सास भाग ले रही है।इन सम्मेलनों में सास - बहू अपने परिवार नियोजन से संबंधित अनुभव को साझा कर रही है। 
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने बताया की सास - बहू सम्मेलन का उद्ेश्य बेहतर संचार की सुविधा प्रदान करना है। सभी गांवो में आयोजित होने वाले सम्मेलनों की कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। 
सम्मेलन में  महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा  के माध्यम से सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चें में कम से कम 3 साल का अंतर , परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनो के बारें में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है। 

Saturday, 9 September 2017


उत्साह से गर्भवती महिलाओं ने चिकित्सा संस्थानो पर आकर करवायी गुणवत्तापूर्ण जांच
जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान

राजसमंद, 9 सितम्बर। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बड़ी संख्या में उत्साह से गर्भवती महिलायें चिकित्सा संस्थान पर आकर प्रसव पूर्व जांच करवा रहीं है। जिलें के सभी चिकित्सा संस्थानों पर प्रत्येक माह की 9 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की चिकित्सा अधिकारी द्वारा गुणवत्तापुर्ण जांच कर आवश्यक चिकित्सकीय सेवायें एवं परामर्श दिया जाता है। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की अभियान के तहत 9 सितम्बर शनिवार को जिलें में 1487 गर्भवती महिलाओं ने राजकीय चिकित्सा संस्थानो में पहुंच प्रसव पूर्व गुणवत्तापूर्ण जांचे करवायी एवं चिकित्सा अधिकारी से परामर्श लिया। 
उन्होंने बताया की अभियान के शुरू होने के बाद अब तक जिलें में  17 हजार 844 महिलाओं ने राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर आकर गुणवत्तापूर्ण जांच एवं चिकित्सा संेवाओं का लाभ लिया है। जिसमें हाई रिस्क प्रेगनेन्सी की दृष्टी से 3 हजार 334 गर्भवती महिलाओं को चिन्हीत कर निःशुल्क रेफर सुविधा 104 के माध्यम से उच्च चिकित्सा संस्थानो पर भेज कर स्त्री रोगी विशेषज्ञ की सेवायें उपलब्ध करवातें हुयें जांच एवं चिकित्सा सेवायें उपलब्ध करवायी गई है।
डॉ गौड़ ने बताया की जिलें में 14 निजी चिकित्सक एवं विशेषज्ञ अभियान के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थान में आकर निःशुल्क चिकित्सा सेंवायें दे रहें है। जिससें अभियान का सुगमता से संचालन हो रहा है तथा ग्रामीण क्षैत्र में गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों की सेवायें मिल रहीं है। 
उन्होनें बताया की अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के तहत एचआईवी ,सिफलिस, ब्लड, यूरीन, ब्लड प्रेशर, बच्चे के हद्य स्पंदन की जांच के साथ ही प्रसव पूर्व इतिहास की जानकारी ली जा रही है। गर्भवती महिलाओं के लियें आवश्यक आईएफए की गोलियां, टीटी के इन्जेक्शन, कैल्शियम की गोली तथा हीमोग्लोबीन कम होने पर आईवी आयरन सुक्रोज निःशुल्क दिया जा रहा है। 
खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रहलाद सिंह सोंलकी, डॉ जे.पी. बूनकर, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ कमलेश मीणा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, डॉ राजेन्द्र शर्मा ने अपने ब्लॉक के चिकित्सा संस्थानो निरीक्षण कर चिकित्सा संस्थानों में मनायें जा रहे अभियान का पर्यवेक्षण किया। 


उत्साह से गर्भवती महिलाओं ने चिकित्सा संस्थानो पर आकर करवायी गुणवत्तापूर्ण जांच
जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान


राजसमंद, 9 सितम्बर। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बड़ी संख्या में उत्साह से गर्भवती महिलायें चिकित्सा संस्थान पर आकर प्रसव पूर्व जांच करवा रहीं है। जिलें के सभी चिकित्सा संस्थानों पर प्रत्येक माह की 9 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की चिकित्सा अधिकारी द्वारा गुणवत्तापुर्ण जांच कर आवश्यक चिकित्सकीय सेवायें एवं परामर्श दिया जाता है। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की अभियान के तहत 9 सितम्बर शनिवार को जिलें में 1487 गर्भवती महिलाओं ने राजकीय चिकित्सा संस्थानो में पहुंच प्रसव पूर्व गुणवत्तापूर्ण जांचे करवायी एवं चिकित्सा अधिकारी से परामर्श लिया। 
उन्होंने बताया की अभियान के शुरू होने के बाद अब तक जिलें में  17 हजार 844 महिलाओं ने राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर आकर गुणवत्तापूर्ण जांच एवं चिकित्सा संेवाओं का लाभ लिया है। जिसमें हाई रिस्क प्रेगनेन्सी की दृष्टी से 3 हजार 334 गर्भवती महिलाओं को चिन्हीत कर निःशुल्क रेफर सुविधा 104 के माध्यम से उच्च चिकित्सा संस्थानो पर भेज कर स्त्री रोगी विशेषज्ञ की सेवायें उपलब्ध करवातें हुयें जांच एवं चिकित्सा सेवायें उपलब्ध करवायी गई है।
डॉ गौड़ ने बताया की जिलें में 14 निजी चिकित्सक एवं विशेषज्ञ अभियान के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थान में आकर निःशुल्क चिकित्सा सेंवायें दे रहें है। जिससें अभियान का सुगमता से संचालन हो रहा है तथा ग्रामीण क्षैत्र में गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों की सेवायें मिल रहीं है। 
उन्होनें बताया की अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के तहत एचआईवी ,सिफलिस, ब्लड, यूरीन, ब्लड प्रेशर, बच्चे के हद्य स्पंदन की जांच के साथ ही प्रसव पूर्व इतिहास की जानकारी ली जा रही है। गर्भवती महिलाओं के लियें आवश्यक आईएफए की गोलियां, टीटी के इन्जेक्शन, कैल्शियम की गोली तथा हीमोग्लोबीन कम होने पर आईवी आयरन सुक्रोज निःशुल्क दिया जा रहा है। 
खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रहलाद सिंह सोंलकी, डॉ जे.पी. बूनकर, डॉ अनुराग शर्मा, डॉ कमलेश मीणा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, डॉ राजेन्द्र शर्मा ने अपने ब्लॉक के चिकित्सा संस्थानो निरीक्षण कर चिकित्सा संस्थानों में मनायें जा रहे अभियान का पर्यवेक्षण किया। 

Thursday, 7 September 2017


जिलें के 1036 आंगनबाड़ी केन्द्र होंगे तम्बाकू मुक्तआंगनबाड़ी के आस . पास के 100 वर्गगज के दायरे में तम्बाकु बेचने पर होगा प्रतिबन्ध


राजसमंदए 7 सितम्बर। बच्चों तथा गर्भवती धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य की दृष्टी से महत्वपुर्ण आंगनबाड़ी केन्द्र पर स्वास्थ्यकर एवं स्वच्छ वातावरण के लियें आंगनबाड़ी केन्द्रो को तम्बाकु मुक्त क्षैत्र घोषित किया गया है।  आंगनबाड़ी केन्द्रो पर किसी लाभार्थीए आगुन्तक एवं कार्मिक के द्वारा किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ एवं पान . मसाले का उपयोग नहीं किया जायेंगा तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रो पर तय प्रारूप में निर्धारीत साईज वाला तम्बाकू मूक्त आंगनवाड़ी केन्द्र का साईनेज प्रदर्शित करना होगा।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की आंगनबाड़ी केन्द्रो को तम्बाकु मुक्त क्षैत्र के रूप में विकसीत करनें के लियें जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ एवं जिला महिला एवं बाल विकास विभाग संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने बताया की आंगनबाड़ी केन्द्र के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थो का विक्रय पाये जाने पर शिकायत निःशुल्क टोल फ्रि नम्बर 104 पर की जा सकती है। वहीं जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की टीम को निर्देशित किया गया है कि वह संपूर्ण जिलें की आंगनबाड़ी केन्द्रो पर जाकर कार्मिको को सजग करें तथा कोटपा अधिनियम की पालना सुनिश्चित करावें। 


Tuesday, 5 September 2017


अब शहरी आशाओं को भी मिलेगा ऑनलाईन भुगतान
27 गतिविधियों में दी जा रहीं प्रोत्साहन राशि का भुगतान सीधे शहरी आशा के बैंक खाते में

राजसमंद, 5 सितम्बर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण का भुमिका का निर्वहन करने वाली शहरी आशाओं को भी अब आगामी अक्टूबर माह से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का ऑनलाईन भुगतान किया जायेगा। 
स्वास्थ्य भवन में शहरी क्षैत्र के चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी अधिकारीयों एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की बैठक को संबोधित करतें हुयें जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की पूर्व में ही जिलें के ग्रामीण क्षैत्र में कार्यरत  895 आशाओं को भुगतान आशा सॉफ्ट के माध्यम से किया जा रहा है। अब शहरी क्षैत्र की आशाओं का भुगतान भी आशा सॉफ्ट के माध्यम से किया जायेगा। 
  आशा सॉॅफ्ट के माध्यम से आशाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लियें देय प्रोत्साहन राशि सीधे उनके बैंक खाते में निश्चित तिथि को स्थानान्तरित होगी तथा भुगतान सुगम, नियत समय पर पारदर्शी होगा। 
 बैठक में डीएनओं श्री विनित दवे नें सभी चिकित्सा अधिकारीयों से कहा की वे अपने क्षैत्र की सभी आशाओं की जानकारी जैसे बैंक खाता संख्या, आधार आईडी नम्बर एवं भामाशाह नम्बर अनिवार्य तौर पर सॉफ्टवेयर में दर्ज करनें के लियें कहा। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने कहा की चिकित्सा संस्थान पर आशाओं की बैठक कर भुगतान की प्रक्रिया की जानकारी देने एवं आशाओं से सम्बन्धित दस्तावेज लेने के लियें कहा।
बैठक में सभी चिकित्सा अधिकारीयों एवं कम्प्यूटर ऑपरेटरर्स को आशा सॉफ्ट सॉॅफ्टवेयर के बारें में विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सामान्य चिकित्सालय नाथद्वारा डॉ बी.पी. जैन, आमेट सीएचसी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ अनुराग शर्मा, हैल्थ मेनेजर आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय ज्योति मीणा, नेशनल अरबल हैल्थ मिशन सलाहकार कृष्णकांत वसीटा एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर उपस्थित थें। 



Saturday, 2 September 2017



उच्च जोखिम वाली महिलाओं के रिकॉर्ड का गुणवत्तापुर्ण संधारण करें - डॉ तरूण चौधरी राज्य परियोजना निदेशक  
स्वास्थ्य भवन में कुशल मंगल कार्यक्रम के तहत हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के रिकार्ड को जांचा 

राजसमंद, 2 सितम्बर। प्रसव पुर्व जांच के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हीत कर उनका नियमित फॉलोअप करने, योजनाबद्ध संस्थागत प्रसव करवानें एवं माता व शिशु की प्रसवोत्तर देखभाल से मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। लेकिन इसकें लियें चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को गम्भीरता से रिकॉर्ड संधारित करना होगा वहीं खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सतत पर्यवेक्षण करना होगा। यह निर्देश राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी ने स्वास्थ्य भवन में कुशल मंगल कार्यक्रम के तहत खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों की आयोजित बैठक में दियें। 
उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के उदे्श्य से संचालित कुशल मंगल कार्यक्रम के तहत हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की लाईन लिस्टिंग व फॉलोअप हेतु सूचनाओं को गुणवत्ता पूर्वक संधारीत करनें से ही परिणाम प्राप्त कियें जा सकेंगे। 
स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को अपने अधिन चिकित्सा संस्थानों से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं संे संबंधित सूचना संधारण रजिस्टर को लेकर उपस्थित होने के लियें निर्देशित किया। 
बैठक में सभी चिकित्सा संस्थानों के रजिस्टर का अवलोकन राज्य परियोजना निदेशक डॉ तरूण चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सूरेश मीणा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, डीएनओं विनीत दवे ने किया तथा प्रविष्ठीयों को ऑनलाईन सोफ्टवेयर पीसीटीएस से जांचा। 
सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों ने भी दूसरें ब्लॉक के रजिस्टरर्स का अवलोकन कर परीक्षण किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं से फोन पर बात कर विभाग द्वारा दी जा रहीं सेवाओं के बारें में जानकारी ली तथा गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली कैल्शीयम व आयरन की गोलियों के साथ ही प्रसव पुर्व जांच के बारें में विस्तार से फिड बैक लिया।
राज्य परियोजना निदेशक ने ब्लॉक चिकित्सा अधिकारीयों को सैक्टर बैठक में जाकर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के फोलोअप को लेकर एएनएम व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से चर्चा करनें के साथ ही ब्लॉक स्तरीय समीक्षा बैठक में चिकित्सा अधिकारीयों को इस विषय पर सजग करनें के लियें कहा। 
बैठक में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर , डॉ अनुराग शर्मा, डॉ कमलेश मीणा, डॉ राजेन्द्र शर्मा, डॉ राजकुमार खोलिया, डॉ शैलेन्द्र सिंह उपस्थित थें।