सभी चिकित्सा संस्थान हांेगे तम्बाकू मुक्त
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को प्रतिमाह भेजनी होगी रिपोर्ट, संस्थान पर बनेगी निगरानी कमेटी
राजसमंद, 5 जून। जिलें में उपस्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक के चिकित्सा संस्थानो को तम्बाकू मुक्त चिकित्सा संस्थान के रूप में विकसीत करने किया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी चिकित्सा संस्थानो में तम्बाकू युक्त पदार्थो जैसे बिड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान - मसाला, चिलम , हुक्का, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग एवं इन पदार्थो के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागु किया जायेगा।
चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कार्मिको के द्वारा संस्थान में किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थो का सेवन नहीं किया जायेगा तथा जो तम्बाकू उपभोगी है उनका पंजीकरण कर जिला अस्पताल में संचालित तम्बाकू मुक्ति उपचार व परामर्श केन्द्र मंे रेफर किया जायेगा।
सभी चिकित्सा संस्थानो में तम्बाकू मुक्त वातावरण बनाये रखने के लिये एवं उल्लंघनो पर निगरानी रखने के लियें एक निगरानी समिति का गठन किया जायेगा। निगरानी समिति द्वारा प्रतिमाह निगरानी रिपोर्ट चिकित्सा संस्थान के प्रभारी अधिकारी को देनी होगी। उपस्वास्थ्य केन्द्र पर गठीत की जाने वाली निगरानी समिति में ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भी सम्मिलित किया जा सकेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया है कि वे संस्थान पर तम्बाकू मुक्त चिकित्सा संस्थान, धुम्रपान निषेध क्षैत्र तथा तम्बाकू सेवन छोड़ने के सम्बन्ध में आवश्यक साईनेज/बोर्ड प्रदर्शीत किया जाना सुनिश्चित करेंगे। ये बोर्ड संस्थान प्रमुख स्थानों जैसे प्रवेश, निकास,सीढ़ीयों, मिटिंग हॉल एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किये जाने अनिवार्य है।
चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को प्रतिमाह अपने क्षैत्र में स्थित उपस्वास्थ्य केन्द्रो एवं संस्थान की मासिक रिपोर्ट जिसमें चिकित्सा संस्थान में प्रशिक्षणार्थी स्टॉफ, आगन्तुक के द्वारा बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, हुक्क एवं पान मसाला सेवन की वस्तुस्थिती, उपभोगकर्ताओं को तम्बाकु छोड़ने के लिये दी गई जानकारी एवं कियें गयें रेफर की स्थिती, निगरानी समिति के गठन की वस्तुस्थिती, संस्थान में आवश्यक स्थानों पर धुम्रपान निषेध चेतावनी बोर्ड के प्रदर्शन की वस्तुस्थिती को बताना होगा। यह रिपोर्ट खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में संकलित होकर जिला स्तर पर संचालित तम्बाकु प्रकोष्ठ को प्रतिमाह 5 तारीख तक भेजनी होगी।
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