Tuesday, 6 June 2017


गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़े को लेकर तैयारीयां हुई शुरू
संपूर्ण जिलें में 12 से 24 जून तक मनाया जायेगा पखवाड़ा

राजसमंद, 6 जून। संपूर्ण जिलें में दिनांक 12 से 24 जून तक गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा जिसमें आशा 5 वर्ष से छोटे बच्चों वाले सभी घरों में जाकर ओआरएस के पैकिट का निःशुल्क वितरण करेगी। साथ ही 4 से 8 घरो के सदस्यों को इकट्ठा कर ओआरएस घोल को बनाने की विधी समझाएगी। जिलें के सभी स्कूलों में पखवाडे़ के दौरान हाथ धोने की सही विधी का प्रदर्शन किया जायेगा एवं सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस/जिंक कॉर्नर की स्थापना की जायेगी। 
राज्य स्तर से गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे़ को लेकर आज विडियों कान्फ्रेन्स का आयोजन किया गया जिसमें जिला स्तर से जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, प्रभारी अधिकारी जिला औषधी भण्डार डॉ अनिल जैन, जिला आशा समन्वयक हरिशंकर शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली उपस्थित थें। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के साझे सहयोग से पखवाडे़ का आयोजन किया जायेगा। 
विडियों कॉन्फ्रेन्स में राज्य स्तर से परियोजना निदेशक बाल स्वास्थ्य डॉ रोमिल सिंह ने विगत वर्षो में जिलों मंे आयोजित कियें गयें गहन दस्त पखवाडे़ की प्रगति और गांव स्तर पर पखवाड़े के आयोजन मंे रही कमीयों को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला इस वर्ष सफल क्रियान्वयन के लियें निर्देशित किया।  
राज्य स्तर से जिलों में पखवाडे़ के आयोजन की तैयारीयों की समीक्षा के साथ ही ओआरएस एवं जिंक की आपुर्ति की स्थिती एवं पखवाडे़ के दौरान चिकित्सा संस्थानों एवं स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो के साथ ही समुदाय मंे ओआरएस, जिंक के उपयोग को लेकर प्रचार प्रसार करने को लेकर निर्देशित किया।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण दस्त रोग है। देश में 1 लाख से अधिक बच्चें दस्त रोग के कारण मर जाते है। राज्य में 5 वर्ष से छोटे बच्चों में प्रति वर्ष लगभग 10 हजार बच्चें दस्त या उससे होने वाली जटिलता से मृत्यु के शिकार हो जाते है। 
दस्त एवं निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग के साथ ही पर्याप्त पोषण द्वारा रोका जा सकता है। दस्त की रोकथाम के लियें पीने के लियें साफ पानी का प्रयोग, समय- समय पर हाथ को पानी एवं साबुन से धोना, स्वच्छता, समय पर टीकाकरण, स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है। 
डॉ मीणा ने बताया कि सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को खंड स्तर पर पखवाडे़ के सफल संचालन हेतु प्रशिक्षण बैठकों का आयोजन हेतु निर्देशित कर दिया गया है। वहीं पर्याप्त मात्रा मंे सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस पैकिट एवं जिंक की गोलियों की आपुर्ति की जा रही है। 

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