Friday 24 August 2018




जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कुपोषण के खिलाफ मिलकर लडे़गे
पोषण कार्यक्रम को लेकर जनप्रतिनिधियों की जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
राजसमंद, 24 अगस्त। बच्चों में कुपोषण रोकथाम के लियें जिलें में 40 ग्राम पंचायतो में संचालित समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम की सम्बन्धित ग्राम पंचायतो के सरपंचो को विस्तार से जानकारी देने एवं कुपोषण की रोकथाम में उनकी भुमिका सुनिश्चित करने के उदे्श्य से जिला स्तर पर जिला परिषद् सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं एक्शन अगंेस्ट हंगर/ फाईट हंगर फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।  
कार्यशाला में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने जिलें में इन चयनित 40 ग्राम पंचायतो में समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम के संचालन की पुरी जानकारी देते हुयें बताया की यह कार्यक्रम जिले में पुर्व में भी संचालित किया गया है। जिसके तहत बच्चों को पुर्णतः कुपोषण से मुक्ति दिलाई गई है। 
कार्यक्रम के तहत इन ग्राम पंचायतो में 6 से 59 माह के बच्चों की कुपोषण की दृष्टी से स्क्रीनिंग कर ली गई है तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रो के माध्यम से अति कुपोषित बच्चों को एक निश्चित चिकित्सकीय आहार दिया जायेंगा तथा इन बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच एएनएम के माध्यम से एवं आशा एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से घर पर भ्रमण कर निगरानी की जायेगी। 
उन्हांेने बताया की कुपोषण की रोकथाम महिला के गर्भवती होने से बच्चें के दो वर्ष होने तक पुरी देखभाल, सही पोषण से हो सकती है अत: हमे इस दौरान प्रत्येक स्तर पर सजगता बनायें रखनी होगी। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व पचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासो की महती आवश्यकता होगी। जनप्रतिनिधी अपने ग्राम पंचायत में विभिन्न आयोजनों, अवसरों एवं कार्यक्रम की नियमित मोनिटरिंग कर कुपोषण मुक्त पंचायत बनाने में अपनी अहम भुमिका निभा सकते है। 
  एक्शन अगंेस्ट हंगर/ फाईट हंगर फाउन्डेशन की मौसमी गुप्ता ने संस्थान का परिचय देते हुयें बताया की केन्द्र, राज्य एवं जिला स्तर पर सरकार एवं डवलपमेंट पार्टनर्स के साथ मिलकर प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लियें सतत प्रयास कियें जा रहें है। उन्होंने बताया की राजस्थान से ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरूआत पुरे देश में की है इसलियें हमारी विशेष जिम्मेदारी बनती है की हम अपने बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर एक स्वस्थ प्रदेश बनायें। 
  कार्यशाला में एक्शन अगंेस्ट हंगर/ फाईट हंगर फाउन्डेशन के संजय कुमार ने विभिन्न मनोरंजक विडियों के माध्यम से कुपोषण क्या है, कुपोषण के कारण, कुपोषण रोकथाम के उपाय के बारें में जनप्रतिनिधियों से विस्तार से चर्चा की तथा उनसे घर में छोटे - छोटे उपायों के माध्यम से कुपोषण रोकथाम के प्रभावी उपायों के बारें में जानकारी दी। 
उन्होंने जन्म के तुरंत बाद पहले घंटे में ही बच्चें को मां का पीला गाढा दूध पिलाने, 6 माह तक केवल मां का दूध ही पिलाने एवं 6 माह के बाद उपरी आहार के साथ - साथ  2 वर्ष तक स्तनपान करवाने की जानकारी देते हुयें बताय की बच्चों में कुपोषण रोकने का यह एक महत्वपूर्ण उपाय है। इसके साथ ही उन्होंने गर्भवती महिला के पोषण एवं आहार की जानकारी भी दी तथा गर्भावस्था के दौरान आयरन की गोलियों के महत्व के बारें भी चर्चा की। 
कार्यशाला में विभिन्न ग्राम पंचायतो से सरपंचो ने भाग लिया तथा पोषण कार्यक्रम को लेकर अपने विचार व्यक्त कियें। उन्होंने कहा की इस कार्यशाला के बाद हम ग्राम पंचायतो में व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ माहौल तैयार करेंगे तथा पोषण कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत पर कार्यरत फ्रंटलाईन वर्कर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम को जहां भी आवश्यकता होगी वहां तत्काल सहयोग प्रदान करेंगे तथा अपनी पंचायत को कुपोषण मुक्त बनायेंगे।
कार्यशाला में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, डॉ मीठालाल मीणा, चिकित्सा अधिकारी डॉ लोकेश यादव के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ,एनएचएम के खंड कार्यक्रम प्रबंधक जिला स्तरीय अधिकारी एवं एक्शन अगंेस्ट हंगर/ फाईट हंगर फाउन्डेशन के कार्मिक उपस्थित थें। 

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