गुणवत्तापुर्ण प्रसव के लियें सजगता जरूरी - आरसीएचओं डॉ सुरेश मीणा
चिकित्सा अधिकारीयों एवं स्वास्थ्य कार्मिको का दक्षता प्रशिक्षण
राजसमंद, 18 जुलाई। आपके लियें महिला का प्रसव करवाना रोजमर्रा का दैनिक कार्य हो सकता है लेकिन प्रसुता महिला एवं बच्चें और उनके परिवार वालों के लियें प्रसव का समय काफी महत्वपुर्ण होता है। इसलियें यह हमारी महत्वपुर्ण जिम्मेदारी है की पुरी सजगता ,संवेदनशीलता और गुणवत्ता के साथ प्रसव करवायें।
यह विचार जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने जिलें के अधिक प्रसव भार वाले राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी , एएनएम, जीएनएम के लियें गुणवत्तापुर्ण प्रसव हेतु तुलसी साधना शिखर पर आयोजित 5 दिवसीय दक्षता प्रशिक्षण में व्यक्त कियें।
उन्होंने कहा की कुल प्रसव में 40 फिसदी मातृ मृत्यु प्रसव पश्चात अत्यधिक रक्त स्त्राव के कारण होती है इसलियें प्रसव का सही समय पर प्रबंधन किया जाना आवश्यक है। प्रसव के सभी प्रोटोकॉल को हम प्रसव के दौरान व्यवहार में लाना शुरू करें तो धीरे - धीरे यह हमारी आदत हो जायेगी और मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने में लाभ होगा।
उन्होंने बताया की लेबर रूम में प्रोटोकॉल के अनुसार आवश्यक दवाईयां, सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही पार्टोग्राफ भरना व लेबर रूम का संक्रमण मुक्त होना काफी आवश्यक है। शिशु स्वास्थ्य के लियें आवश्यक रेडियन्ट वार्मर का उपयोग सुनिश्चित करना, कम वजन वाले बच्चों की विशेष देखभाल सुनिश्चित करना, प्रसव पश्चात शिघ्रातिशिध्र स्तनपान करवाना जैसे छोटे - छोटे उपाय मां व बच्चें के जीवन के लियें काफी महत्वपुर्ण है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण में बतौर प्रशिक्षक डॉ अंकुर माली चिकित्सा अधिकारीयों, एएनएम, जीएनएम को प्रसव के दौरान अपनायें जाने वाली महत्वपुर्ण तकनिको एवं प्रोटोकॉल के बारें में जानकारी दे रहें है।
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