Thursday, 3 January 2019



 देवांश के दिल में छेद की हुई निःशुल्क सर्जरी
आरबीएसके ने फिर एक गरीब परिवार को खूशीयों की सौगात

राजसमंद, 3 जनवरी।  देवांश थोड़ा चलता तो सांस फूलने लगती, बार - बार बीमार होना और शरीर में कमजोरी ने तो जैसे देवांश को घर में ही कैद करके रख दिया न तो वो खेल पाता और न ही स्कूल में मन लगता। इन सब का कारण देवांश के दिल में जन्म से ही छेद होना था, लेकिन परिवार गरीबी के कारण सर्जरी करवाने में लाचार था। सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत देवांश के दिल में छेद की निःशुल्क सर्जरी हो गई तथा वह अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसका खोया बचपन वापस लौट आया है।  
  देवांश के माता - पिता उसमें बचपन की शरारते, चंचलता और उसकी मस्तीयां ढूंढते लेकिन देवांश तो हर समय सुस्त और निढाल सा रहता। एक दिन अचानक देवांश के सीने  में दर्द हुआ और उल्टीयां हुई, परिजन उदयपुर स्थित निजी हॉस्पीटल लेकर गयंे जहां जांच के बाद पता लगा की देवांश के दिल में छेद है। हार्ट की सर्जरी के लिये करीब ढाई लाख रूपयों का खर्च बताया गया जो एक गरीब परिवार के लिये खर्च कर पाना नामुमकिन था इसलिये कुछ दवाईयां लेकर परिवार जन देवांश को वापस घर ले आए। 
  इसी बीच देवांश के स्कूल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंचोली में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मोबाईल हैल्थ टीम पहुंची और बच्चों की स्वास्थ्य जांच के दौरान देवांश के दिल में असामान्य धड़कनो की पहचान कर टीम ने मां लीला देवी को स्कूल में बुला कर पुछताछ की तो लीला देवी ने बताया की बिमारी तो है लेकिन ऑपरेशन के लिए रूपयों का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है देवांश के पिता ऑपरेशन के लिए खेती की जमीन भी बेचने की कोशिश में लगे हुए है। 
मोबाईल हैल्थ टीम में आयुष चिकित्सक डॉ निशांत शर्मा और राजेश मित्तल ने देवांश की मां लीला देवी को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया की देवांश के हार्ट की सर्जरी बिल्कुल निःशुल्क हो जायेगी तथा देवांश को उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर कर दिया। 
अतिरिक्त जिला नोडल अधिकारी डॉ दीपिका दाधीच ने बताया की कार्यक्रम के तहत देवांश के हार्ट की निःशुल्क सर्जरी उदयपुर स्थित एक निजी हॉस्पीटल में बिल्कुल निःशुल्क हो गई है तथा देवांश को हॉस्पीटल से छुट्टी दे दी गई है। 
देवांश के पिता शांतिलाल ने बताया की वह एक टायर पंक्चर की दूकान पर नौकरी करते है तथा जैसे तैसे घर का गुजारा कर रहें है ऑपरेशन में लगने वाले इतने रूपयों का प्रबंध वह पुश्तेनी खेत को बेच कर करने की जुगत मे थें। लेकिन सरकार के इस कार्यक्रम के कारण उनका एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ और बेटे देंवाश की हार्ट सर्जरी भी हो गई।  

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