Monday, 7 January 2019


चिकित्सा के मंदिर में मिले सम्पुर्ण उपचार - डॉ समीत शर्मा विशिष्ठ शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
चिकित्सा़ विभाग के अधिकारीयों एवं कार्मिको को विडियों कॉन्फ्रेन्स में दिये निर्देश

राजसमंद, 7 जनवरी। प्रत्येक स्तर के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में संस्थान के स्तर के अनुरूप मरीज की भावना के अनुसार सम्पूर्ण उपचार मिलें। चिकित्सा संस्थान में मरीज बेहतर उपचार के साथ स्वस्थ होने की कामना लेकर आता है जिसें हम एक बेहतर प्रबंधन, अनुशासन और व्यवहार के द्वारा ही पुरा कर सकतें है। यह निर्देश विशिष्ठ शासन सचिव डॉ समीत शर्मा ने विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला स्तर के आला अधिकारीयों एवं चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों एवं कार्मिको को दियें।
उन्होंने निर्देशित किया की निःशुल्क दवा योजना के तहत निर्धारीत आवश्यक दवाईयां समुचित मात्रा में उपलब्ध हो और दवाईयां चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध होने के साथ ही मरीज को मिले यह सुनिश्चित करें।
उन्होंने विडियो कॉन्फ्रेस में सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को बताया की निःशुल्क योजना के तहत चिकित्सा संस्थान पर भिजवाई जा रही दवाईयां अर्न्तराष्ट्रीय मानको पर जांची परखी है और ये श्रेष्ठ गुणवत्ता की है। इसलियें सभी डॉक्टर्स यह सुनिश्चत करें की मरीजो को निःशुल्क दवाईयां लेने के लियें ही सलाह देंवे, अतिआवश्यक हो तभी बाहर की दवाओं की सलाह देवें।
उन्होनंे विडियो कॉन्फ्रेन्स में बताया की वर्तमान में उपस्वास्थ्य केन्द्र पर 33 तरह की, पीएचसी पर 245 तरह की , सीएचसी पर 447 तरह की, जिला चिकित्सालय में 563 तरह की एवं मेडिकल कॉलेज स्तर पर 608 तरह की निःशुल्क दवॉयें उपलब्ध करवाई जा रही है जो मरीजों को मिलनी चाहियें। 
उन्होंने योजना के तहत सभी चिकित्सा संस्थानों में नियोजित फॉर्मासिस्ट को निर्देशित किया की यह सुनिश्चित करें की अस्पताल में दवॉयें उपलब्ध होने पर कोई भी मरीज बिना दवाईयों के अस्पताल से नही जाना चाहियें। उन्होंने कहा की फार्मासिस्ट प्रति सोमवार अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर्स को उपलब्ध दवाओं की लिस्ट देवे जिससें डॉक्टरर्स को दवा लिखने में आसानी हो।
उन्होनेें निःशुल्क जांच योजना के बारें में जानकारी देते हुयें बताया की पीएचसी स्तर पर 15, सीएचसी स्तर पर 37, जिला चिकित्सालय स्तर पर 56 एवं मेडिकल कॉलेज स्तर पर 70 तरह की जांचे मरीज को निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने योजना के तहत पीएचसी स्तर एवं सीएचसी स्तर पर जांचो की संख्या बढ़ाने को लेकर भी चिकित्सा अधिकारीयों से सुझााव मांगे।
उन्होंने कहा की चिकित्सा संस्थानो में जांच के उपकरण हर हाल में कार्यशील होने चाहियें। उपकरणो के खराब होने पर तत्काल सूचना करें जिससें 7 दिन भीतर उपकरणों को सही किया जा सकें। 
उन्होंने बताया की औचक निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है की बिना किसी लिखीत सूचना के चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य स्टॉफ अनुपस्थित रहते है जिसको बर्दाश्त नही किया जायेगा तथा उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। इससें पहले अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथूर ने स्वाईन फ्लू रोकथाम एवं उपचार एवं जागरूकता के लियें चिकित्सा अधिकारीयों को आवश्यक निर्देश दियें। 
विडियों कॉन्फ्रेन्स में जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र पालीवाल, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एम एल मीणा, जिला औषधी भण्डार के प्रभारी अधिकारी डॉ अनिल जैन, जिले के सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं निःशुल्क दवा एवं जांच योजना से जुड़े कार्मिक उपस्थित थें। 

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