उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव प्रबंधन सुनश्चित करें - जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी
राजसमंद, 4 जुलाई। सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी अपने क्षैत्र की उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सूची अपने पास रखें एवं एएनएम के माध्यम से लगातार फॉलोअप कर उनके प्रसव का प्रबंधन सुनिश्चत करें जिसमें समय पर गर्भवती महिला को उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर करने के साथ ही सोनोग्राफी सहित सभी जांचे, ब्लड की कमी होने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन और सिजेरीयन की आवश्यकता होने पर ऑपरेशन समय पर हो जायें और मां और बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहें। यह निर्देश जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति बैठक की अध्यक्षता करतें हुयें दियें।
जिला कलक्टर ने निर्देशित किया की चिकित्सा अधिकारी जिस गर्भवती महिला का सिजेरीयन होना है उसे समय रहते ही उच्च चिकित्सा संस्थान पर भेजे जिससें सही समय पर महिला की सोनोग्राफी सहित सभी आवश्यक जांचे हो सकें तथा सिजेरीयन के लियें तारीख मिल सकें और उस अनुरूप तैयारी की जा सकें।
जिला कलक्टर ने आर.के राजकीय जिला चिकित्सालय में कार्यरत स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ श्रीमती मंजू पुरोहित, ब्लड बेंक प्रभारी को भी निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षैत्रो से आने वाली गर्भवती महिलाओ के ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लियें रेडक्रॉस सोसायटी के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें की आगे से कोई भी गर्भवती महिला बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जिला चिकित्सा से नहीं जायें ।
वहीं चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया कि वे उच्च जोखिम वाली महिलाओं को उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर करने के वक्त आशा सहयोगिनी को गर्भवती महिला के साथ अनिवार्य रूप से भेजे। उन्होंने इसके लियें एक वाट्सऐप ग्रुप बनाने के लियें निर्देशित किया जिसमें जिला चिकित्सालय के स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ, जिलें के सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, ब्लड बेंक के प्रभारी एवं रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव, जिला आशा समन्वयक सदस्य होंगे।
बैठक में विभाग द्वारा मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी सेवाओं के रिकार्ड संधारण हेतु एएनएम द्वारा उपयोग में लियें जा रहें आरसीएच रजिस्टर के बारें में विस्तार से पॉवर पोइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से चिकित्सा अधिकारीयों को अपने क्षैत्र में कार्यक्रमों की मोनिटरिंग के लियें एक बेहतरीन टूल के रूप में उपयोग करने के लियें निर्देशित किया गया।
आरसीएच रजिस्टर के माध्यम से योग्य दम्पत्तियों की सूची, नसबंदी केसेज का चयन, गर्भवती महिलाओं का शिघ्र पंजीयन, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सूची, गर्भवती महिलाओं की शेष रही प्रसव पूर्व जांच का पता करने, मिसींग डिलिवरी का पता करने सहित नियमित टीकाकरण के लियें सूची तैयार करावें।
उन्होंने कहा की जिलें मंे गर्भवती महिलाओं के शत प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित तभी होगा जब चिकित्सा अधिकारी आरसीएच रजिस्टर को मोनिटर करेंगे। गर्भवती महिलाओं के शिघ्र पंजीयन से कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें भी एक पुख्ता निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।
बैठक में जिला कलक्टर ने सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रो एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर प्रसव सुनिश्चित करने के लियें निर्देशित किया। उन्होंने कहा की जिस भी संस्थान पर बिजली, पानी के साथ ही प्रसव हेतु अन्य आधारभुत सुविधायें नही है । चिकित्सा संस्थान वार सूची बनावें जिससें कमीयों को दूर कर प्रसव सुनिश्चित किया जा सकें तथा एएनएम के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकें।
इससें पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने जिलें में राज श्री योजना, जननी सुरक्षा योजना, शुभलक्ष्मी योजना के लाभार्थीयांे के भुगतान एवं बकाया कैसेज, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राजसंगम सहित मौसबी बिमारीयों के प्रबंधन को लेकर आवश्यक जानकारी दी एवं समीक्षा की चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया।
बैठक में सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों ने खंड में उच्च गर्भवती महिलाओं की वस्तुस्थिती, ग्राम स्वास्थ्य एंव स्वच्छता समिति, डिलवरी पोइन्ट, चिकित्सा संस्थानो पर मिलने वाले अनटाईड फंड की स्थिती, प्रसव पूर्व जांचे, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, नसबंदी, पीपीआईयूसीडी के सम्बन्द्ध में विस्तार से पॉवर पोइन्ट प्रजेंटेशन दिया। जिस पर जिला कलक्टर से आवश्यक निर्देश दियें।
इससें पूर्व जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की पोषण कार्यक्रम के तहत चयनित खंड के चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की वे आशा के माध्यम से 6 माह से 59 माह के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण स्क्रीनिंग आशा के माध्यम से सुनिश्चित करवातें हुयें सूची जिला स्तर पर अतिशिघ्र भिजवायें।
बैठक में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने जिलें में मौसमी बिमारीयों के संबंध मंे निर्देशित करते सैक्टर वाईज ब्लड स्लाईड कलेक्शन, पेयजल नमुनो, हैचरीज की स्थिती से अवगत कराया। उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण मीठालाल मीणा ने जिलें में नसबंदी, पीपीआईयूसीडी एवं अंतरा मंे अब तक की प्रगति से अवगत कराया तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम में उपलब्धी के लियें विशेष प्रयास करने के लियें निर्देशित किया। प्रभारी अधिकारी जिला औषधी भण्डार डॉ अनिल जैन ने पॉवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिलें के चिकित्सा संस्थानो पर दवाईयों की उपलब्धता एवं वितरण के प्रबंधन को राज्य स्तर पर बेहतरीन रेकिंग के लियंे बधाई दी तथा लगातार सुधार के लियें कहा।
बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी.पी जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रहलाद सिंह सौलंकी, डॉ जे.पी बूनकर, डॉ कमलेश मीणा, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, डॉ गौरव सहित सभी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थें।