Monday, 28 January 2019



 एनिमिया मुक्त एवं नशा मुक्त अभियान का होगा आगाज 
सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने प्रेस वार्ता मंे दी जानकारी

राजसमंद, 28 जनवरी। राज्य भर में आगामी 30 जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहीदी दिवस पर एनिमिया मुक्त एवं नशा मुक्त राजस्थान अभियान का शुभारंभ किया जायेगा । जिसके तहत जिलें भर में आंगनबाड़ी केन्द्रो, स्कूलो एवं चिकित्सा संस्थान पर आयरन की गोलियां खिलाई जायेगी वहीं स्कूलो एवं राजकीय कार्यलयों को तम्बाकु मुक्त बनाने एवं जीवन के लियें प्रतिज्ञा दी जायेगी। यह जानकारी सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में विभिन्न मिडिया समुहो से आयें मिडिया प्रतिनिधियों को दी।  
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में एनिमिया मुक्त एवं नशा राजस्थान अभियान का जिला स्तरीय आगाज जिला मुख्यालय पर स्थित विद्यालय से जिला कलक्टर महोदय द्वारा किशोर किशोरीयों को आयरन की गोलियां खिलाकर एवं नशा मुक्ति हेतु प्रतिज्ञा दिला कर किया जायंेगा। 
एनिमिया मुक्त राजस्थान के तहत  जिलें में 6 माह के बच्चों से लेकर धात्री माताओं में आयरन की कमी को पुरी करने के लियें सिरप एवं टेबलेट दी जायेगी। वहीं नशा मुक्त राजस्थान के लियें सभी राजकीय परिसरों को तम्बाकू मुक्त एवं नशा मुक्त बनाने के साथ ही टोबेको फ्रि जोन के बोर्ड प्रदर्शित कियें जायंेगे। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में अभियान के सुगम संचालन के लियें सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानो, स्कूलो एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर आयरन सिरप एवं आयरन टेबलेट उपलब्ध करवा दी गई है।
उन्होंने बताया की एनिमिया अभियान के सफल संचालन के लियें शिक्षा विभाग के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की भी महत्वपुर्ण भुमिका होगी वहीं नशा मुक्त अभियान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, स्थानिय निकाय एवं स्वायत्त शासन विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की महत्वपुर्ण भुमिका होगी। अभियान के प्रभावी संचालन के लियें सभी विभागो का सहयोग लिया जायेगा।  
उन्होंने बताया की अभियान के तहत 6 माह से 59 माह के बच्चों को आईएफए सिरप, 10 से 19 वर्ष के तक के किशोर - किशोरीयों को अर्थात कक्षा 6 से 12 कक्षा के विद्यार्थिंयो को आईएफए ब्लू टेबलेट , 5 से 9 वर्ष तक के बच्चों को अर्थात कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को आईएफए गुलाबी टेबलेट, 20 से 24 वर्ष तक की महिलाओं , 15 से 49 वर्ष तक की गर्भवती महिलाओं एवं सभी धात्री महिलाओं को भी टेबलेट दी जायेगी। अभियान की रिपोर्ट जिला स्तर से एनिमिया मुक्त भारत के पोर्टल पर करनी होगी। 
उन्होंने बताया की एनिमिया का मुख्य कारण शरीर में फोलिक एसिड, आयरन व विटामिन बी 12 की कमी से होता है। जिसके कारण शरीर में रेड ब्लड सेल्स का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। इस रोग का सबसे बड़ा कारण है शरीर में खून में कमी होना है । 
अभियान के तहत आमजन की खान पान की आदतों में बदलाव करने के लियें भी प्रचार प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से आयरन के महत्व, घरेलू उपायों के बारें में अधिक से अधिक जानकारी दी जायेगी तथा तम्बाकू के दुष्प्रभावों की जानकारी आमजन को दी जायेगी।
प्रेस वार्ता में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण डॉ मीठालाल मीणा, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ दीपक दत्त आचार्य उपस्थित थें।  

Monday, 7 January 2019


चिकित्सा के मंदिर में मिले सम्पुर्ण उपचार - डॉ समीत शर्मा विशिष्ठ शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
चिकित्सा़ विभाग के अधिकारीयों एवं कार्मिको को विडियों कॉन्फ्रेन्स में दिये निर्देश

राजसमंद, 7 जनवरी। प्रत्येक स्तर के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में संस्थान के स्तर के अनुरूप मरीज की भावना के अनुसार सम्पूर्ण उपचार मिलें। चिकित्सा संस्थान में मरीज बेहतर उपचार के साथ स्वस्थ होने की कामना लेकर आता है जिसें हम एक बेहतर प्रबंधन, अनुशासन और व्यवहार के द्वारा ही पुरा कर सकतें है। यह निर्देश विशिष्ठ शासन सचिव डॉ समीत शर्मा ने विडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला स्तर के आला अधिकारीयों एवं चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों एवं कार्मिको को दियें।
उन्होंने निर्देशित किया की निःशुल्क दवा योजना के तहत निर्धारीत आवश्यक दवाईयां समुचित मात्रा में उपलब्ध हो और दवाईयां चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध होने के साथ ही मरीज को मिले यह सुनिश्चित करें।
उन्होंने विडियो कॉन्फ्रेस में सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को बताया की निःशुल्क योजना के तहत चिकित्सा संस्थान पर भिजवाई जा रही दवाईयां अर्न्तराष्ट्रीय मानको पर जांची परखी है और ये श्रेष्ठ गुणवत्ता की है। इसलियें सभी डॉक्टर्स यह सुनिश्चत करें की मरीजो को निःशुल्क दवाईयां लेने के लियें ही सलाह देंवे, अतिआवश्यक हो तभी बाहर की दवाओं की सलाह देवें।
उन्होनंे विडियो कॉन्फ्रेन्स में बताया की वर्तमान में उपस्वास्थ्य केन्द्र पर 33 तरह की, पीएचसी पर 245 तरह की , सीएचसी पर 447 तरह की, जिला चिकित्सालय में 563 तरह की एवं मेडिकल कॉलेज स्तर पर 608 तरह की निःशुल्क दवॉयें उपलब्ध करवाई जा रही है जो मरीजों को मिलनी चाहियें। 
उन्होंने योजना के तहत सभी चिकित्सा संस्थानों में नियोजित फॉर्मासिस्ट को निर्देशित किया की यह सुनिश्चित करें की अस्पताल में दवॉयें उपलब्ध होने पर कोई भी मरीज बिना दवाईयों के अस्पताल से नही जाना चाहियें। उन्होंने कहा की फार्मासिस्ट प्रति सोमवार अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर्स को उपलब्ध दवाओं की लिस्ट देवे जिससें डॉक्टरर्स को दवा लिखने में आसानी हो।
उन्होनेें निःशुल्क जांच योजना के बारें में जानकारी देते हुयें बताया की पीएचसी स्तर पर 15, सीएचसी स्तर पर 37, जिला चिकित्सालय स्तर पर 56 एवं मेडिकल कॉलेज स्तर पर 70 तरह की जांचे मरीज को निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने योजना के तहत पीएचसी स्तर एवं सीएचसी स्तर पर जांचो की संख्या बढ़ाने को लेकर भी चिकित्सा अधिकारीयों से सुझााव मांगे।
उन्होंने कहा की चिकित्सा संस्थानो में जांच के उपकरण हर हाल में कार्यशील होने चाहियें। उपकरणो के खराब होने पर तत्काल सूचना करें जिससें 7 दिन भीतर उपकरणों को सही किया जा सकें। 
उन्होंने बताया की औचक निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है की बिना किसी लिखीत सूचना के चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य स्टॉफ अनुपस्थित रहते है जिसको बर्दाश्त नही किया जायेगा तथा उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। इससें पहले अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथूर ने स्वाईन फ्लू रोकथाम एवं उपचार एवं जागरूकता के लियें चिकित्सा अधिकारीयों को आवश्यक निर्देश दियें। 
विडियों कॉन्फ्रेन्स में जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र पालीवाल, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एम एल मीणा, जिला औषधी भण्डार के प्रभारी अधिकारी डॉ अनिल जैन, जिले के सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं निःशुल्क दवा एवं जांच योजना से जुड़े कार्मिक उपस्थित थें। 

Thursday, 3 January 2019



 देवांश के दिल में छेद की हुई निःशुल्क सर्जरी
आरबीएसके ने फिर एक गरीब परिवार को खूशीयों की सौगात

राजसमंद, 3 जनवरी।  देवांश थोड़ा चलता तो सांस फूलने लगती, बार - बार बीमार होना और शरीर में कमजोरी ने तो जैसे देवांश को घर में ही कैद करके रख दिया न तो वो खेल पाता और न ही स्कूल में मन लगता। इन सब का कारण देवांश के दिल में जन्म से ही छेद होना था, लेकिन परिवार गरीबी के कारण सर्जरी करवाने में लाचार था। सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत देवांश के दिल में छेद की निःशुल्क सर्जरी हो गई तथा वह अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसका खोया बचपन वापस लौट आया है।  
  देवांश के माता - पिता उसमें बचपन की शरारते, चंचलता और उसकी मस्तीयां ढूंढते लेकिन देवांश तो हर समय सुस्त और निढाल सा रहता। एक दिन अचानक देवांश के सीने  में दर्द हुआ और उल्टीयां हुई, परिजन उदयपुर स्थित निजी हॉस्पीटल लेकर गयंे जहां जांच के बाद पता लगा की देवांश के दिल में छेद है। हार्ट की सर्जरी के लिये करीब ढाई लाख रूपयों का खर्च बताया गया जो एक गरीब परिवार के लिये खर्च कर पाना नामुमकिन था इसलिये कुछ दवाईयां लेकर परिवार जन देवांश को वापस घर ले आए। 
  इसी बीच देवांश के स्कूल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंचोली में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मोबाईल हैल्थ टीम पहुंची और बच्चों की स्वास्थ्य जांच के दौरान देवांश के दिल में असामान्य धड़कनो की पहचान कर टीम ने मां लीला देवी को स्कूल में बुला कर पुछताछ की तो लीला देवी ने बताया की बिमारी तो है लेकिन ऑपरेशन के लिए रूपयों का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है देवांश के पिता ऑपरेशन के लिए खेती की जमीन भी बेचने की कोशिश में लगे हुए है। 
मोबाईल हैल्थ टीम में आयुष चिकित्सक डॉ निशांत शर्मा और राजेश मित्तल ने देवांश की मां लीला देवी को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया की देवांश के हार्ट की सर्जरी बिल्कुल निःशुल्क हो जायेगी तथा देवांश को उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर कर दिया। 
अतिरिक्त जिला नोडल अधिकारी डॉ दीपिका दाधीच ने बताया की कार्यक्रम के तहत देवांश के हार्ट की निःशुल्क सर्जरी उदयपुर स्थित एक निजी हॉस्पीटल में बिल्कुल निःशुल्क हो गई है तथा देवांश को हॉस्पीटल से छुट्टी दे दी गई है। 
देवांश के पिता शांतिलाल ने बताया की वह एक टायर पंक्चर की दूकान पर नौकरी करते है तथा जैसे तैसे घर का गुजारा कर रहें है ऑपरेशन में लगने वाले इतने रूपयों का प्रबंध वह पुश्तेनी खेत को बेच कर करने की जुगत मे थें। लेकिन सरकार के इस कार्यक्रम के कारण उनका एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ और बेटे देंवाश की हार्ट सर्जरी भी हो गई।