Monday, 26 November 2018





जन्मजात विकृतियों को पहचान आरबीएसके में उपचार करावें - डॉ सुरेश मीणा आरसीएचओं
डिलीवरी पोईन्ट पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी - कार्मिको का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
राजसमंद, 26 नवम्बर। जन्म के तुरंत बाद शिशु में जन्मजात विकृतियां एवं बिमारीयों को पहचान कर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में उपचार हेतु उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर करें। जिससे शिशुओं की जन्मजात विकृतियोें एवं बिमारीयों का उपचार समय पर ही हो जायें तथा वे शिघ्र स्वस्थ होकर एक सामान्य जीवन जी सकें। यह निर्देश जिला प्रजनन एवं शिशु 
स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने स्वास्थ्य भवन में आरबीएसके के तहत आयोजित डिलीवरी पोईन्ट पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारीयों एवं कार्मिको के एक दिवसीय प्रशिक्षण में व्यक्त कियें। 
उन्होंने बताया की मोबाईल हैल्थ टीमो द्वारा विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जहां बच्चों में जन्मजात विकृतियों एवं बिमारीयों के होने पर उनको उच्च चिकित्सा संस्थान पर भिजवा निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत सुविधा है की हम शिशुओं को प्रसव वाले चिकित्सा संस्थान से ही सीधें उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर करें जिससें समय पर ही उनका ईलाज हो जायें और वे शिघ्र स्वस्थ हो सकें।
प्रशिक्षण में अतिरिक्त जिला नोडल अधिकारी डॉ दीपिका दाधीच ने बच्चों में होने वाली जन्मजात विकृतियों एवं बिमारीयों न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, डाउन सिन्ड्रोम, कटे - फटे होंठ एवं तालु, क्लब फूट, जन्मजात मोतियाबिंद, बहरापन, जन्मजात हद्य रोग, डेवलपमेन्टल डिस्प्लेजिया ऑफ हिप, रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरीटी के बारें में विस्तार से जानकारी देते हुयें शिशु मंे विकृतियों के चिन्ह एवं लक्षण बतायें। उन्होंने कार्यक्रम के तहत बच्चों को रेफर करने एवं शिशु के निःशुल्क उपचार की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी है। 
प्रशिक्षण में जिला दक्षता मेन्टर डॉ दीपशिखा ने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के उदे्श्य से संचालित दक्षता कार्यक्रम के तहत प्रसव कक्ष में संक्रमण रोकथाम के लियें आवश्यक उपायों पर चर्चा की तथा प्रसव पश्चात अत्यधिक रक्तस्त्राव के प्रबंधन एवं उपचार, प्रसव पुर्व उच्च रक्तचाप के लक्षण बताते हुयें उसके उपचार की जानकारी दी।  
डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण डॉ एम.एल मीणा ने पीपीआईयूसीडी निवेशन की रिपोर्टींग में अंतर को संस्थान वार समीक्षा की तथा बताया की अधिक से अधिक महिलाओं को प्रसव पश्चात सीमित परिवार हेतु परिवार कल्याण कार्यक्रम से लाभान्वित होने के लियें प्रेरीत करें। 




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