परिवार कल्याण सेवाओं को पहुंचाने के लियें लगातार समीक्षा करें - सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़
मिशन परिवार विकास को लेकर डॉक्टर्स की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
राजसमंद, 24 नवम्बर। परिवार कल्याण सेवायें स्वास्थ्य के सभी महत्वपूर्ण सूचकांको को प्रभावित करती है। इसलियें आवश्यक है की गंभीरता पूर्वक क्षैत्र में सभी योग्य दम्पत्तियों तक अंतराल साधन एवं स्थायी साधनों की पहुंच सुनिश्चित की जाये। यह निर्देश सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने जिला स्तर पर परिवार कल्याण सेवाओं को लेकर चिकित्सा अधिकारीयों की कार्यशाला में व्यक्त कियें।
उन्होंने चिकित्सा अधिकारीयों से कहा की वे सैक्टर की एएनएम, आशा के साथ लगातार परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रगति के बारें में संवाद करें। जिससे जिला परिवार कल्याण कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कार्यशाला में परिवार कल्याण कार्यक्रम के महिला नसबंदी, पुरूष नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन में भौतिक उपब्लधी के अनुपात में वित्तीय प्रगति को तत्काल पुरा करने के लियें सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया।
कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण भीलवाड़ा डॉ मुश्ताक ने गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा को समुदाय में पहुंचाने के लियें विस्तार से जानकारी दी तथा बताया की अंतरा इंजेक्शन के कोई साईड इफेक्ट नहीं है तथा एक इंजेक्शन तीन माह तक प्रभावी रहता है। उन्होंने बताया की बच्चों में अंतर रखने के लियें यह एक बेहतर गर्भनिरोधक साधन है। महिलाओं की बेहतर काउन्सलिंग की जायंे तो महिलायें दूसरी बार वापस चलकर अंतरा लगवाने आयेंगी।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने सभी चिकित्सा अधिकारीयों से कहा की अंतरा के बारें में जानकारी देने के लियें ज्यादा चिकित्सकीय भाषा का प्रयोग नही करते सरल भाषा में पूरी जानकारी दे। उन्होंने मिसाल कार्यक्रम के बारें में जानकारी देते हुयें बताया की आदर्श पीएचसी पर रोगी पर्चियों, चिकित्सा संस्थान पर उपलब्ध दवाईयों एवं की जा रहीं जांचो को समय पर ऑनलाईन करने के लियें निर्देशित किया जिससें जिला राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।
कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण डॉ एम.एल मीणा ने संस्थान वार भौतिक एवं वित्तीय प्रगति को बताते हुयें कहा की परिवार कल्याण के लाभार्थीयों को तत्काल भुगतान करें। भुगतान नहीं करने के कारण समुचे कार्यक्रम पर विपरीत असर होता है। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को भुगतान में लापरवाही बरतने पर कार्यवाही के लियें चेतावनी दी।
कार्यशाला में यूएनएफपीए के संभागीय प्रबंधक मोहम्मद हुसैन बोहरा ने मिशन परिवार विकास के तक लाभार्थीयों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारें में जानकारी देते हुयें बताया की महिला नसबंदी पर 2 हजार, प्रसव के 7 दिन के भीतर महिला नसबंदी पर 3 हजार, पुरूष नसबंदी पर 3 हजार, प्रसवोपरांत आईयूसीडी निवेशन पर 300 रूपयें तथा आईयूसीडी निवेशन पर 20 रूपयें दियें जा रहें है।
कार्यशाला में राज्य स्तर से आयें कृष्ण गोपाल ने मिशन परिवार विकास के बारें में स्लाईड प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से मिशन परिवार के तहत संचालित गतिविधियों के बारें में जानकारी दी। कार्यशाला में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत वित्तीय प्रावधानो एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रो को लेकर जिला लेखा प्रबंधक एनएचएम श्री नरेश झावरीया ने संस्थान वार वस्तुस्तिथी के बारें में विस्तार से चर्चा की।
कार्यशाला में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी.बूनकर, डॉ प्रहलाद सिंह सोलंकी, डॉ आर.पी शर्मा, डॉ सी.पी सूर्या सहित सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी उपस्थित थें।
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