सबके सामुहिक प्रयासो से ही मिलेगी बच्चो को कुपोषण से मुक्ति - डॉ पंकज गौड़ सीएमएचओं
पोषण पर मिडिया की आमुखीकरण बैठक सम्पन्न
राजसमंद, 29 नवम्बर। बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के उदे्श्य से जिलें के 4 ब्लॉक में समेकित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम संचालित है। जिसमें 6 माह से 59 माह तक के बच्चों की घर - घर सर्वे कर अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण कर कार्यक्रम में नामांकन किया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने एक्शन अगेंस्ट हंगर द्वारा पोषण पर आयोजित मिडिया कर्मियों की आमुखीकरण बैठक में दी।
उन्होंने बताया की राजस्थान भारत का पहला ऐसा राज्य है, जहॉ राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन द्वारा गैर सरकारी संस्थानों के सहयोग से समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम 2015-16 में पोषण नाम से चलाया गया। इस कार्यक्रम के तहत 9664 बच्चों में से 9117 बच्चे कुपोषण मुक्त हुऐ, जिसकी सराहना उच्च स्तर पर हुई एवं अन्य राज्यों में भी इसकी शुरूआत हुई। बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लियें समाज के प्रत्येक वर्ग को अपनी भुमिका का निर्वहन करना होगा तभी हम जिलें व प्रदेश को कुपोषण मुक्त कर पायेंगे।
राजसमंद में भी पुर्व में कार्यक्रम के तहत कुम्भलगढ़, भीम व खमनोर ब्लॉक में सफलता के साथ बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया गया है। वर्तमान में इस कार्यक्रम का दूसरा चरण आमेट, देवगढ़, राजसमंद व रेलमगरा में संचालित है। पोषण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर अति गंभीर कुपोषित बच्चों की नियमानुसार स्वास्थ्य जांच एवं मेडिकल आंकलन किया जा रहा है। बच्चों को चिकित्सकीय खाद्य आहार (पोषण अमृत) दिया जा रहा है।
बैठक में एक्शन अगेंस्ट हंगर सस्था की ऐडवोकेसी विभाग की अध्यक्ष मौसमी गुप्ता ने बताया की कुपोषण से निपटने के लिऐ, मिडिया एक महत्वपुर्ण भुमिका अदा करता है। मिडिया समय समय पर सफलता की कहानी, कार्यक्रम के महत्व एवं स्वास्थ विभाग द्वारा कुपोषण को कम करने हेतु प्रयासों को छाप कर लोगो जागरुक कर सकती है एवं नीति निर्मताओं को इस कार्यक्रम के महत्व का एहसास दिलाकर, इस कार्यक्रम को नियमित कार्यक्रम बनानें में मदद कर सकती है।
संस्था के एैडवोकेसी विभाग के प्रबंधक संजय कुमार ने संपादको को कुपोषण से संबंधित और उससे जुडे विभिन्न तथ्यो की विस्तार से प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने कुपोषण के प्रकार बताते हुयें प्रदेश एवं जिलें में कुपोषण की वस्तुस्थिती से अवगत कराया। उन्होंने बताया की यह एक नियमित कार्यक्रम बने इसके लियें मिडिया एवं समाज में सजगता जरूरी है। बैठक में जिलें के मिडिया प्रतिनिधी एवं विभाग के कार्मिक उपस्थित थें।