Monday, 15 October 2018





सास - बहुओं ने मिलकर बुना खुशहाल परिवार का ताना - बाना
मिशन परिवार विकास के तहत पहले चरण में 292 गांवों आयोजित हुए सास -बहु सम्मेलन
राजसमंद, 15 अक्टूबर। मिशन परिवार के तहत गांवो में इन दिनों सास -बहु सम्मेलन आयोजित कियें जा रहें है। जिसमें गांव की आशा एवं एएनएम सास - बहु को साथ बिठाकर छोटा परिवार के लाभ बताने के साथ ही विभिन्न खेल, गीत एवं मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से संवाद कर परिवार कल्याण कार्यक्रम की जानकारी दी गई। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की गांवो में बड़ी संख्या में उत्साह सें सास - बहुओं ने इन सम्मेलनों में भाग लियां। उन्होंने बताया की सम्मेलनों में शादी की सही उम्र,  पहले बच्चें में जल्दी नहीं करने, दो बच्चों में तीन साल का अन्तर रखनें, बेटे - बेटी एक समान महत्व देने, ज्यादा बच्चें होने के नुकसान, कम बच्चें होने के फायदें, विभिन्न अस्थाई गर्भनिरोधक साधनो तथा परिवार पुरा हाने पर स्थाई गर्भनिरोधक साधन पुरूष नसबंदी, महिला नसबंदी के बारें में चर्चा की गई।
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम.एल. मीणा ने बताया की पहला चरण 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक संचालित किया गया जिसकें तहत 292 गांवों में सास - बहु सम्मेलन आयोजित कियें गयें , सम्मेलनों में 5 हजार 880 महिलाओं ने भाग लिया। जिलें में दूसरा चरण जनवरी माह में आयोजित किया जायेगा जिसमें शेष रहें गांवो में सम्मेलनो का आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने बताया की सास - बहु सम्मेलन जहां परिवार कल्याण साधनों के बारें में महिलाओं की जानकारी बढ़ानें में उपयोगी रहा है। वहीं इन सम्मेलनों के माध्यम से परिवार कल्याण कार्यक्रम से सम्बन्धित कई भ्रान्तियों के निवारण में सहायक हुआ है। सम्मेलनों में आसान गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के बारें में विशेष रूप सें जानकारी दी जा रही है। 

Tuesday, 9 October 2018




  गर्भवती महिलाओं की हुई चिकित्सकीय जांचे
पीएमएसएमए में 1479 महिलाएं उत्साह से पहुंची सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर  

राजसमंद, 9 अक्टूबर। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिलें के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का आयोजन किया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण जांच कर आवश्यक परामर्श एवं इलाज किया गया। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं के हिमोग्लोबीन की जांच, वजन, एचआईवी, सिफलिस, हाइपोथायराडिसम, सोनोग्राफी जैसी जांचो को कर कर संपूर्ण स्वास्थ्य जांच की जा रही है तथा निःशुल्क दवॉईयां एवं आवश्यकता होने पर उपचार किया जा रहा है। वहीं गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान देखभाल, गर्भावस्था में होने वाले खतरो के लक्षणो की पहचान, पोषक तत्वों की आवश्यकता, कैल्शियम सम्पुरकता, शिशु जन्म की तैयारी, रैफरल परिवहन के साधन का चयन, स्तनपान एवं 6 माह उपरांत ठोस आहार के बारें में भी संपूर्ण जानकारी दी जा रही है। 
जिलें में अभियान के तहत 1479 महिलाओं ने सरकारी चिकित्सा संस्थानों  पर जांच करवायी। अभियान के तहत आरसीएचओं डॉ सुरेश मीणा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री आशीष दाधीच ने पीएचसी सालोर, आकोदड़ा का निरीक्षण किया। वहीं खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे.पी बूनकर ने भी खमनोर ब्लॉक की सीएचसी व पीएचसी का निरीक्षण कर अभियान में दी जा रही सेवाओं का अवलोकन किया एवं आवश्यक निर्देश दियें। 
जिलें में सरकारी चिकित्सकों के साथ ही अभियान के तहत निजी चिकित्सकों ने भी ग्रामीण क्षैत्रों में जाकर गर्भवती महिलाओं की जांच कर आवश्यक परामर्श दिया। 




विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमो के संचालन को लेकर दियें निर्देश 
पीएचसी आशा सुपरवाईजर की एक दिवसीय समीक्षा बैठक 

राजसमंद, 9 अक्टूबर। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमो की सैक्टर स्तर पर क्रियान्वयन एवं मोनिटरींग को लेकर जिला स्वास्थ्य भवन में जिलें के सभी पीएचसी आशा सुपरवाईजर की एक दिवसीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। 
बैठक में डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण डॉ एम.एल.मीणा ने सभी पीएचसी आशा सुपरवाईजर को निर्देशित किया की आशाओं के माध्यम से ही सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आशाओं को गांव स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों में वांछित लक्ष्यों की जानकारी देना और  कार्य में मार्गदर्शन देना आवश्यक है। 
उन्होंने सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत आशाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की जानकारी देते हुयें बताया की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रतिमाह आशाओं की समीक्षा बैठक आयोजित कर विभिन्न कार्यक्रमों के बारें सतत जानकारी देवे। उन्होंन परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत गांव स्तर पर सास - बहु सम्मेलनो का गुणवत्तापूर्ण आयोजन करने एवं आशाओं के माध्यम से गर्भनिरोधक इन्जेक्शन अंतरा को अधिक से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करने के लियें निर्देशित किया।  
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम श्री आशीष दाधीच ने प्रदेश में जारी मिसाल कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुयें स्वास्थ्य सुचकांको के बारें बताया। जिला आशा समन्वयक हरिशंकर शर्मा ने आशा कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न परिपत्रों के बारें में जानकारी देते हुयंे लगातार विभिन्न सूचनाओं से अपडेट रहने के लियें निर्देशित किया। बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर कार्यरत सभी आशा सुपरवाईजर उपस्थित थें। 



Thursday, 4 October 2018





स्टेट टीम ने किया भीम व देवगढ़ ब्लॉक का निरीक्षण 
सक्रीय टी.बी रोग खोज अभियान के तहत गांव में भ्रमण कर देखी गतिविधियां

राजसमंद, 4 अक्टूबर। जिलें में गांव ढाणीयों में सक्रीय टी.बी रोगियों की खोज के लियें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर - घर जाकर संभावित रोगियों के बलगम के नमुने एकत्रित कर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रो पर पहुंचाने का कार्य जोरो - शोरो से संचालित किया जा रहा है। 
गांव -  ढाणियों में आशाओं के माध्यम से सक्रीय टी.बी रोगियों की खोज के लियें संचालित गतिविधियों का पर्यवेक्षण करनें एवं गांवो में टी.बी के मरीजो को निक्षय पोषण योजना में मिल रहें लाभ का फिड बैक लेने के लियें राज्य स्तर के क्षय अनुभाग से स्टेट आई.ई.सी ऑफीसर कमल पालीवाल एवं स्टेट पीपीएम कॉर्डिनेटर सी.पी मीणा ने दिवेर , छापली, ताल, लसानी ग्राम पंचायतो के विभिन्न गांवो का दौरा किया तथा टी.बी मरीजो से संपर्क किया। 
उन्होंने संशोधित राष्ट्रीय क्षय निवारण कार्यक्रम के तहत संचालित गतिविधियों एवं आशाओं को मिल रहीं प्रोत्साहन राशि के बारें में भी जानकारी ली। टीम के साथ ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक उत्तम मेवाड़ा एवं डीपीसी तरूण श्रीमाली साथ थें। 

Wednesday, 3 October 2018





टी.बी रोगियों की खोज अभियान का निरीक्षण करने पहुंची राज्य से टीम
खमनोर खंड मंे गांवो का दौरा कर किया पर्यवेक्षण 

राजसमंद, 3 अक्टूबर। जिलें में संचालित सक्रिय टी.बी खोज अभियान के तहत गांवों में गतिविधियों का निरीक्षण करने राज्य के टी बी अनुभाग से स्टेट आरएनटीसीपी आईईसी अधिकारी कमल पालीवाल एवं स्टेट पीपीएम कॉर्डिनेटर चन्द्र प्रकाश मीणा ने खमनोर ब्लॉक में विभिन्न गांवो का दौरा किया। 
उन्होंने ब्लॉक के सेमल, उनवास, कागमदारड़ा व खमनोर गांवो का दौरा किया तथा वहां स्वास्थ्य कार्मिको आशा, एएनएम द्वारा घर - घर जाकर टी.बी स्क्रीनिंग की गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने टी.बी रोगियों से मुलाकात कर निक्षय पोषण योजना के तहत टी.बी रोगियों को प्रतिमाह मिलने वाली पोषण राशि के बारें में जानकारी ली। 
जिलें में आगामी 12 अक्टूबर तक अभियान का संचालन किया जा रहा है। अभियान के तहत संभावित टी.बी रोगियों का बलगम लेकर नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर जांच करवायी जायेगी तथा टी.बी रोग होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जायेगा। 
स्टेट टीम के साथ डीपीसी तरूण श्रीमाली एवं एसटीएस श्यामलाल सैन थें। 

Monday, 1 October 2018





कुम्भलगढ़ ब्लॉक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो का हुआ औचक निरीक्षण 
सीएमएचओं एवं डिप्टी सीएमएचओं ने संयुक्त निरीक्षण कर चिकित्सा अधिकारीयों को दियें निर्देश

राजसमंद, 1 अक्टूबर। सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ एवं डिप्टी सीएमएचओं डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने कुम्भलगढ़ ब्लॉक में पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीप के तहत संचालित पीएचसी गजपुर एवं समीचा का औचक निरीक्षण किया तथा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमा का क्षैत्र में संचालन एवं अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने पीएचसी गजपुर में निःशुल्क दवा योजना के तहत दवाईयों की जानकारी ली तथा आवश्यक दवांये नही होने पर जिला औषधी भण्डार से तुरंत प्राप्त करने के लियें निर्देशित किया। उन्होंने गैर संक्रामक बिमारीयों की रिपोर्ट प्रति माह निश्चित प्रारूप में भिजवाने तथा संस्थागत प्रसव को बढानें के लियें निर्देशित किया। पीएचसी पर चिकित्सा अधिकारी डॉ नवीन जांगीड़, डॉ आशीष एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित था। 
सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ एवं डिप्टी सीएमएचओं डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने पीएचसी समीचा का भी औचक निरीक्षण किया । सीएमएचओं डॉ गौड़ ने समीचा के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी मस्तराम मीणा को सैक्टर में कार्य कर रहीें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कार्य को समय पर ऑनलाईन फिड करवाने के लियें निर्देशित किया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच, संस्थागत प्रसव , पूर्ण टीकाकरण , नसबंदी एंव पीपीआईयूसीडी की रिपोर्टींग पर विशेष ध्यान देकर सुधारने के लियें भी निर्देशित किया।
डिप्टी सीएमएचओं डॉ इकरामुद्दीन चुड़ीगर ने मौसमी बिमारीयों की रोकथाम के संबंध में गांव स्तर पर संचालित एण्टीलार्वा गतिविधियों को संचालन एवं अस्पताल में जांच की सुविधाओं का अवलोकन किया तथा चिकित्सा अधिकारीयों को आशा सहयोगिनीयों समन्वय कर गांवो में मौसमी बिमारीयों की रोकथाम के लियें कार्य करने के लियें निर्देशित किया।