गॉंव - ढांणियों तक पहुंचा बेटीयां अनमोल है संदेश
बेटी चौपालो में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण, जाना बेटीयों के महत्व को
30 से अधिक गॉंवो में आयोजित हुई बेटी पंचायत
बेटी चौपालो में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण, जाना बेटीयों के महत्व को
30 से अधिक गॉंवो में आयोजित हुई बेटी पंचायत
राजसमंद, 7 सितम्बर। डॉटर्स आर प्रेसीयस अभियान के तहत जिलें की विभिन्न ग्राम पंचायत मुख्यालयों के अटल सेवा केन्द्रो पर बेटी चौपालो का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणजन पहुंचे और घटता हुआ लिंगानुपात, प्रदेश में कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें की गई कार्यवाहीयों, फर्जी डॉक्टरर्स द्वारा लोगो की बेटे की चाह का गलत फायदा उठाने जैसी कई घटनाओं का जिक्र करते हुयंे, बेटीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त की गई सफलता की चर्चा की गई।
जिलें के सभी खंड मंे ग्राम पंचायतो में प्रशिक्षित डेप रक्षको ने पहुंच कर प्रजेन्टेशन, विडियों फिल्मस् के माध्यम से आम जन को लिंग परिक्षण रोकथाम के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समाज में बेटीयां नहीं चाहने के पिछे की चार प्रमुख भ्रान्तियां सुरक्षा, धार्मिक कारण, बूढापे का सहारा, खानदान के नाम पर विस्तार से ग्रामीणों के मध्य ही चर्चा की गई तथा उनको विभिन्न वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से यह बताया गया की ये सभी कारण केवल भ्रान्ति है जो हमारे मन और मस्तिष्क से निकालनी होगी।
बेटी पंचायत में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलायें पहुंची और इस कन्या भ्रुण हत्या के विषय पर डेप रक्षको से चर्चा की। पंचायत में बेटी जन्म के प्रोत्साहन के लियें राज श्री योजना, मुखबीर योजना और बधाई संदेश के बारें में आमजन को जानकारी दी गई। कार्यक्रमों में स्थानिय सरपंच, वार्ड सदस्य, ग्राम विकास अधिकारी, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा उपस्थित थें।
बेटी पंचायत में लिंग परिक्षण रोकथाम के लियें अब तक पीसीपीएनडीटी ब्यूरो द्वारा की गई कार्यवाहीयों को विस्तार से बताया गया जिसमें प्रदेश के साथ - साथ बाहरी राज्यों में लिंग परिक्षण में लिप्त डॉक्टर, दलालो और झोला छाप डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर जेल भिजवाने की मामलो को बताया गया। आमजन को बताया गया की लिंग चयन एक कानूनी अपराध है तथा इसमें शामिल लोगो को गिरफ्तार किया जा रहा है।
जन प्रतिनिधीयों ने बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम की प्रस्तुती को गॉंव स्तर पर करने को एक नई पहल बताते हुयें कहा की बेटे - बेटीयों में भेद और बेटे को अधिक महत्व देना आम है जो आगे चलकर लिंग परिक्षण के रूप में कूकृत्य के रूप में सामने आ रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पहली बार ग्रामीणो ने बेटीयों के महत्व पर चर्चा की जो कार्यक्रम के साथ ही घर - घर पहुंची है।
कार्यक्रमो में उपस्थित लोगो ने कन्या भ्रुण हत्या नहीं करने तथा ऐसे कार्य में शामिल नहीं होने की शपथ ली।
No comments:
Post a Comment