Friday, 28 September 2018



बेटीयों को बचाने में समुदाय की भागीदारी जरूरी - सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़
पिपलांत्री में आयोजित बेटी पंचायत में सीएमएचओं ने दी जानकारी 
जिलें में 61 ग्राम पंचायत में आयोजित हुई बेटी पंचायत

राजसमंद, 28 सितम्बर। बेटे की चाह में कन्या भ्रुण हत्या जैसे अपराध में शहर ही नहीं बल्की गांव के लोग भी शामिल हो रहें है। इसलियें आवश्यक है की गांव हो या शहर बेटीयों को बचाने के लियें पुरे समुदाय को आगे आना होगा तथा बेटीयों को लेकर समाज में व्याप्त भ्रामक धारणाओं को हटाना होगा। यह विचार सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने पिपलांत्री गांव के अटल सेवा केन्द्र में आयोजित बेटी पंचायत में व्यक्त कियें।  
  उन्होंने कहा की पिपलांत्री गांव ने पुरे देश में बेटीयां बचाने के लियें सामुदायिक सहभागिता का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है जहां किसी के घर में बेटी के जन्म पर 25 हजार की एक निश्चित धन राशि बेंक में फिक्स करवाई जाती है जो वयस्क होने पर बेटी को बढ़ी हुई धनराशि रूप में मिल जाती है तथा प्रत्येक बेटी के जन्म पर 108 पौधो का रोपण गांव में किया जाता है। बेटी केवल परिवार की नहीं पुरें समुदाय की हो जायंे ऐसी भावना जब हर गांव में हो जायें तभी कन्या भ्रुूण हत्या पर प्रभावी रोकथाम लग सकेगी। 
उन्होंने सरकार द्वारा संचालित राज श्री योजना, मुख्यमंत्री बधाई संदेश की जानकारी दी तथा बताया सरकार जहां बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने के लियें योजनाओं का संचालन कर रही है। वहीं मुखबीर योजना , लिंग परिक्षण सम्बन्धी शिकायत प्राप्त करने के लियें निःशुल्क टोल फ्री नम्बर 104/108 का संचालन एवं डिकॉय के माध्यम से लिंग परिक्षण में लिप्त चिकित्सको, दलालो को भी पकड़ रही है। 
बेटी पंचायत में पिपलांत्री गांव में पर्यावरण एवं बेटीयों को बचाने में ग्रामीणो को जागरूक करने में अहम भुमिका निभाने वाले, स्टेट रिसोर्स पर्सन जलग्रहण श्री श्याम सुंदर पालीवाल ने बताया की गांव में बेटीयों की आर्थिक सुरक्षा के लियें किरण निधी योजना संचालित है जो ग्रामीणो के सहयोग से काफी अच्छी तरह संचालित हो रही है। उन्होंने बेटीयां अनमोल है अभियान के तहत बेटी पंचायत की प्रशंसा करते हुयें कहा की बेटीयों की महत्व को स्थापित करने में यह कार्यक्रम काफी कारगर है, लगातार संवाद से ही समाज में परिवर्तन होगा। 
कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी डॉ लोकेश यादव ने सभी ग्रामीणो को प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर हुई डिकॉय कार्यवाहीयों के साथ ही कन्या भ्रुण हत्या की हानियां बताते हुयें बताया की यह एक कानूनी अपराध है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में 61 ग्राम पंचायतो में डॉटर्स आर प्रीशियस का आयोजन किया गया जिसमें 3 हजार से अधिक ग्रामीणो ने भाग लिया। उन्होंने बताया की सितम्बर माह में दिनांक 7, 14, 25 व 28 को आयोजित बेटी पंचायत जिलें की 207 ग्राम पंचायतो में आयोजित की गई जिसमें 15 हजार से अधिक ग्रामीणो ने भाग लिया तथा बेटी बचाने को लेकर जागरूक हुयें है। 

Thursday, 27 September 2018







घर - घर पहुंचायी जा रही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी
1 लाख 97 हजार 503 परिवारों में वितरीत हो रही पॉलिसी

राजसमंद, 27 सितम्बर। जिलें में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में पात्र परिवारों तक आशा के माध्यम से भामाशाह पॉलिसी पहुंचाई जा रही है। पॉलिसी में लाभार्थीयों को योजना की जानकारी के साथ ही भामाशाह कार्ड संख्या एवं पॉलिसी में कवर परिवार के सदस्यों के नाम भी मुद्रीत करवायें गयें है। जिससें इसको हॉस्पीटल में निःशुल्क ईलाज लेने के लियें दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल कर सकें। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की जिलें में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में कुल 1 लाख 97 हजार 503 परिवार सम्मिलित है जो भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी है। इन लाभार्थी परिवारों के घरों तक पॉलिसी पत्र पहुंचाने के लियें गांव स्तर पर कार्यरत आशा सहयोगिनी घर घर जाकर पॉलिसी का वितरण करेगी तथा परिवार के मुखिया या अन्य उपलब्ध सदस्य का प्राप्ती हस्ताक्षर भी लेगी। 
पॉलिसी पत्र के वितरण का एक मुख्य उदे्श्य लाभार्थी परिवारों को योजना के सम्बन्ध में जागरूक करना भी है। वितरण के लियें जिला स्तर से सभी ब्लॉक व सम्बन्धित सैक्टर पर पॉलिसी पत्र पहुंचायें गयें है तथा आशाओं ने शहर एवं गांवो में इसका वितरण भी शुरू कर दिया है जो आगामी दो - तीन दिन में पुरा हो जायेगा। 

Wednesday, 26 September 2018


सीमित परिवार के लियें जिलें में आयोजित होंगे सास - बहू सम्मेलन 
जिलें के 969 गांवो में सास - बहू साथ मिलकर करेगी परिवार नियोजन पर चर्चा 

राजसमंद, 26 सितम्बर। प्रदेश के उच्च प्रजनन दर वाले 14 जिले जिसमें राजसमंद भी शामिल है मिशन परिवार विकास कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत ही जिलें में गांव स्तर पर सास बहू सम्मेलन का आयोजन एएनएम एवं आशा मिलकर गांव में किसी उचित स्थान आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र अटल सेवा केन्द्र पर करेंगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी। 
उन्होंने बताया की जिलें मंे 969 गांवो में सास - बहू सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के पश्चात दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दुसरे बच्चे में 3 वर्ष का अंतराल रखने पर चर्चा करने, परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनो के बारें में सम्पूर्ण दी जायेगी  तथा नजदीकी संस्थान पर उपलब्ध परिवार कल्याण सेवाओं के बारें में बताया जायेगा। 
डिप्टी सीएमएचओं परिवार कल्याण डॉ एम.एल. मीणा ने बताया की जिलें में दो चरणों में  सास - बहु सम्मेलनो आयोजन किया जायेगा पहला चरण 15 अक्टूबर तक सम्पादित होगा तथा दूसरा चरण जनवरी एवं फरवरी माह में आयोजित किया जायेगा। 
उन्होंने बताया की सास - बहू सम्मेलन  को रोचक बनाने के लियें इनमें विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। आयोजन के संबंध में विस्तृत दिशा  निर्देश सभी ब्लॉक पर भिजवायें गयंे है, ब्लॉक स्तर से प्लान बनाकर सास - बहु सम्मेलनो का आयोजन किया जायेगा। 

Sunday, 9 September 2018



गर्भवती महिलाओं के लियें आज मनेगा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान 
पोषण माह के तहत इस बार अभियान में होगी विशेष गतिविधियां 

राजसमंद, 9 सितम्बर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जिला चिकित्सालय से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो तक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया जायेगा। जिसमें गर्भवती महिलों की स्वास्थ्य जांच सरकारी चिकित्सको के साथ ही निजी विशेषज्ञ चिकित्सको द्वारा की जायेगी। साथ ही सितम्बर माह को पोषण माह के रूप मनाया जा रहा है जिसके तहत आज प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण की जानकारी भी दी जायेगी। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने बताया की राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार इस बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के साथ - साथ स्वास्थ्य एवं पोषण शिविर भी आयोजित होंगे जिसमें चिकित्सा संस्थानो पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को मुरमुरे व चने का मिश्रण व केलो का वितरण किया जायेगा। साथ ही गर्भवती महिला व देखभालकर्ता को फल, सब्जी, दूध व अन्य खाद्य सामग्री के उपयोग एवं संतुलित आहार के बारें में विस्तार से जानकारी दी जायेगी। 
गर्भवती महिला व प्रसुता महिला व परिवार के सदस्यों में जागरूकता के लियें एवं शिशु के अच्छे स्वास्थ्य हेतु स्तनपान के महत्व को समझाया जाना सुनिश्चित करना है। जिसमें जन्म के एक घन्टे के अन्दर स्तनपान कराने, छः माह की आयु तक शिशुओं को केवल स्तनपान कराने एवं छः माह उपरान्त पर्याप्त पुरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखने के सम्बन्ध में विस्तार से बताया जायेगा। 
राष्ट्रीय पोषण माह के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पुरे माह नियमित गतिविधियों मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस, कुपोषण उपचार केन्द्रो एवं गृह आधारित शिशु देखभाल में पोषण पर विशेष ध्यान देगा जिससें बच्चा स्वस्थ हो। वहीं अनीमिया से मुक्ती के लियें जिलें के ग्रामीण व शहरी क्षैत्रो के विद्यालयों में बालक - बालिकाओं की हिमोग्लोबीन स्क्रीनिंग का आयोजन किया जायेगा।  

Friday, 7 September 2018





गॉंव - ढांणियों तक पहुंचा बेटीयां अनमोल है संदेश
बेटी चौपालो में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण, जाना बेटीयों के महत्व को
30 से अधिक गॉंवो में आयोजित हुई बेटी पंचायत

राजसमंद, 7 सितम्बर। डॉटर्स आर प्रेसीयस अभियान के तहत जिलें की विभिन्न ग्राम पंचायत मुख्यालयों के अटल सेवा केन्द्रो पर बेटी चौपालो का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणजन पहुंचे और घटता हुआ लिंगानुपात, प्रदेश में कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें की गई कार्यवाहीयों, फर्जी डॉक्टरर्स द्वारा लोगो की बेटे की चाह का गलत फायदा उठाने जैसी कई घटनाओं का जिक्र करते हुयंे, बेटीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त की गई सफलता की चर्चा की गई। 
जिलें के सभी खंड मंे ग्राम पंचायतो में प्रशिक्षित डेप रक्षको ने पहुंच कर प्रजेन्टेशन, विडियों फिल्मस् के माध्यम से आम जन को लिंग परिक्षण रोकथाम के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समाज में बेटीयां नहीं चाहने के पिछे की चार प्रमुख भ्रान्तियां सुरक्षा, धार्मिक कारण, बूढापे का सहारा, खानदान के नाम पर विस्तार से ग्रामीणों के मध्य ही चर्चा की गई तथा उनको विभिन्न वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से यह बताया गया की ये सभी कारण केवल भ्रान्ति है जो हमारे मन और मस्तिष्क से निकालनी होगी। 
बेटी पंचायत में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलायें पहुंची और इस कन्या भ्रुण हत्या के विषय पर डेप रक्षको से चर्चा की। पंचायत में बेटी जन्म के प्रोत्साहन के लियें राज श्री योजना, मुखबीर योजना और बधाई संदेश के बारें में आमजन को जानकारी दी गई। कार्यक्रमों में स्थानिय सरपंच, वार्ड सदस्य, ग्राम विकास अधिकारी, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा उपस्थित थें। 
बेटी पंचायत में लिंग परिक्षण रोकथाम के लियें अब तक पीसीपीएनडीटी ब्यूरो द्वारा की गई कार्यवाहीयों को विस्तार से बताया गया जिसमें प्रदेश के साथ - साथ बाहरी राज्यों में लिंग परिक्षण में लिप्त डॉक्टर, दलालो और झोला छाप डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर जेल भिजवाने की मामलो को बताया गया। आमजन को बताया गया की लिंग चयन एक कानूनी अपराध है तथा इसमें शामिल लोगो को गिरफ्तार किया जा रहा है। 
जन प्रतिनिधीयों ने बेटीयां अनमोल है कार्यक्रम की प्रस्तुती को गॉंव स्तर पर करने को एक नई पहल बताते हुयें कहा की बेटे - बेटीयों में भेद और बेटे को अधिक महत्व देना आम है जो आगे चलकर लिंग परिक्षण के रूप में कूकृत्य के रूप में सामने आ रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पहली बार ग्रामीणो ने बेटीयों के महत्व पर चर्चा की जो कार्यक्रम के साथ ही घर - घर पहुंची है। 
कार्यक्रमो में उपस्थित लोगो ने कन्या भ्रुण हत्या नहीं करने तथा ऐसे कार्य में शामिल नहीं होने की शपथ ली। 

Thursday, 6 September 2018




आज से ग्राम पंचायतो में आयोजित होगी बेटी पंचायत 
कन्या भ्रुण हत्या रोकने लिए ग्रामीण होंगे जागरूक 
स्वास्थ्य भवन में आयोजित हुआ डेप रक्षको का प्रशिक्षण 

राजसमंद , 6 सितम्बर। आज से ग्राम पंचायतो में डॉटर्स आर प्रेसीयस अभियान के तहत बेटी पंचायतो का आयोजन होगा। जिसमें समाज में हो रही कन्या भ्रुण हत्या के पीछे छीपे सामाजिक कारणों पर विस्तार से चर्चा करते हुयें भ्रान्तियों का निवारण किया जायेगा। साथ ही कन्या भ्रुण हत्या रोकथाम के लियें कियें जा रहें प्रयासों की जानकारी देते हुयें इस मुहिम में शामिल होने के लियें ग्रामीणों का आव्हान किया जायेगा। 
राज्य स्तर से दिनांक 7, 14, 25, 28 सितम्बर को ग्राम पंचायतो में अटल सेवा केन्द्रो एवं अन्य समुचित स्थानों पर बेटी बचाओं पंचायत का आयोजन किया जायेगा। ग्राम पंचायत स्तर पर आयाजित की जाने वाली इन पंचायतो पर आमजन से संवाद करने के लियें डॉटर्स आर प्रेसीयस रक्षको को स्वास्थ्य भवन में प्रशिक्षण दिया गया। 
प्रशिक्षण में सीएमएचओं डॉ पंकज गौड़ ने कहा की यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान है जिसको जन - जन का अभियान बनाना है। कन्या भ्रुण हत्या के कारण समाज में बेटीयों की कमी हो रही है जो भविष्य में एक बड़ी सामाजिक विसंगती लेकर आयेगी। उन्होंने बताया की ग्रामीणों को विभाग में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे राज श्री योजना, मुखबीर योजना एवं मुख्यमंत्री बधाई संदेश के बारें में भी विस्तार से जानकारी दे जिससे लोग बेटीयों को बोझ ना समझे और बेटीयों का स्वागत करें। कार्यक्रम समाज में बेटीयों के महत्व को रेखांकित करने के साथ ही घर घर में बेटीयों पर चर्चा करने का एक माध्यम बनेंगा। 
प्रशिक्षण में जिला आशा समन्वयक श्री हरिशंकर शर्मा ने गांव स्तर पर अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीणों को इस कार्यक्रम से लाभान्वित करने के लियें जानकारी दी की गांव स्तर पर कार्यरत विभाग की आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अभियान की जानकारी दे दी गई है तथा एक दिन पूर्व जाकर गांव स्तर अन्य लोक सेवको का सहयोग लेवे। 
पीसीपीएनडीटी समन्वयक श्री हार्दीक जोशी ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुयें कहा की कार्यक्रम का कोई निश्चित समय नहीं रखा गया है। इसलियें गांव में जब अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके ऐसे समय पर कार्यक्रम को प्रस्तुत करें। 
जिला आईईसी समन्वयक दिलीप श्रीमाली ने गांव स्तर संवाद के लियें तैयार प्रजेन्टेशन पर डेप रक्षको से चर्चा की तथा प्रत्येक कार्यक्रम की रिपोर्ट, फोटो एवं कार्यक्रम प्रस्तुती के लियें अन्य संसाधनो की उपलब्धता को लेकर विस्तार से जानकारी दी।