बिमारीयो से बचाव के लिये शीघ्र जांच और तुरंत उपचार देना सुनिश्चित करे - डॉ तरूण चौधरी राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य
जिले में मौसमी बिमारीयों की समीक्षा एवं प्रबंधन की वस्तुस्थिती जांचने पहुंची राज्य स्तर से टीम
राजसमंद, 21 अक्टूबर। मौसमी बिमारीयों की प्रभावी रोकथाम के लिये आवश्यक है की क्षैत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशाओं के माध्यम से तुरंत घर - घर सर्वे की जाये तथा सर्वे के दौरान आमजन को मौसमी बिमारीयों को लेकर जागरूक करें। जिससे मरीज समय पर चिकित्सा संस्थानो पर पहुंचे और उनकी जांच हो सके तथा तुरंत उपचार मिल सके। यह निर्देश राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चौधरी ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित मौसमी बिमारीयो की रोकथाम एवं प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में दिये।
उन्होंने कहा की चिकित्सा संस्थानो पर मौसमी बिमारीयो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाईफस के उपचार में आने वाली सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता के साथ ही जांच में उपयोगी सभी उपकरणो के कार्यशीलता को भी सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया की बिना पूर्व अनुमती के कोई भी अपना मुख्यालय नही छोड़े तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ एवं आशाओं के साथ - साथ एक व्हाट्सऐप नम्बर को आमजन के लिये जारी करे जिससे मौसमी बिमारीयो से सम्बन्धित कोई भी सूचना आमजन साझा कर सके। उन्होंने कहा की घर - घर सर्वे के दौरान आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के माध्यम से मकान के बाहर पर चौक के माध्यम से सर्वे का अंकन करे जिससे यह सुनिश्चित हो सके सम्बन्धित घर का मौसमी बिमारीयो से सम्बन्धित सर्वे कार्य हो गया है।
उन्होंने कहा की बरसात के बाद राजसमंद की भौगोलिक स्थिती के कारण बड़ी संख्या में कई छोटी - बड़ी वॉटर बॉडी बन जाती है जिनमें बड़ी संख्या में मच्छर पैदा होते है। आवश्यक है की हम अपने - अपने सैक्टर पर वॉटर बॉडी की मेपिंग करे तथा एन्टीलार्वा गतिविधी सम्पादित करें। उन्होंने बताया की डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है जो साफ पानी में पनपता है। इसके लिये आशाओं के माध्यम से घर - घर संपर्क दौरान आमजन को घर के अन्दर पानी के बर्तनो एवं टंकियो को प्रति सप्ताह खाली कर सूखाने के लिये जागरूक करें।
समीक्षा के दौरान सामने आया की इस वर्ष जिले में अब तक स्क्रब टाईफस के 303 केस, मलेरिया पी.वी के 47 एवं मलेरिया पी.एफ के 3, डेंगु के 63 केस रिपोर्ट हुए है। डेंगू के सर्वाधिक 20 केस राजसमंद शहर में, 19 राजसमंद ग्रामीण में, खमनोर में 14, रेलमगरा में 5, नाथद्वारा शहर में 2, कुम्भलगढ़ में 1, आमेट में 2 मिले है। वहीं स्क्रब टाइफस के 12 केस आमेट में, 7 केस भीम में, देवगढ़ में 9, कुम्भलगढ़ में 22, खमनोर में 89, रेलमगरा में 49, राजसमंद में 80, राजसमंद शहर में 31, नाथद्वारा शहर में 13 केस मिले है।
टीम के सदस्य आर.एन.टी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर (मेडिसिन) डॉ आर.एल. मीणा ने सभी चिकित्सा अधिकारीयो को डेंगु केस के चिकित्सकीय प्रबंधन को लेकर विस्तार से जानकारी दी तथा बताया की 80 फिसदी डेंगु के केस को स्थानिय चिकित्सा संस्थानो पर ही समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन से ठीक किया जा सकता है। जिससे उच्च चिकित्सा संस्थानो पर अनावश्यक भार ना पडे़।
टीम की सदस्या आर.एन.टी मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर (पीएसएम) डॉ किर्ती सिंह ने चिकित्सा अधिकारीयों को मौसमी बिमारीयों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये समुदाय आधारित गतिविधियों को एक निश्चित समय अंतराल पर करने तथा एन्टीलार्वा गतिविधियों का डॉक्यूमेंटेशन करने को लेकर विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने टीम सदस्यो ने जिले में मौसमी बिमारीयों के प्रबंधन के लिये की गई तैयारियों, चिकित्सा संस्थानो पर दवाईयों एवं उपकरणो की उपलब्धता, मानव संसाधन की उपलब्धता, जिले में संचालित एन्टीलार्वा गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आर.के राजकीय जिला चिकित्सालय डॉ ललित पुरोहित, उपजिला चिकित्सालय नाथद्वारा के डॉ कैलाश भारद्वाज, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा, डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ ताराचंद गुप्ता सहित सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी व एपिडिमियोलोजिस्ट हरिश कुमार, डेटा मैनेजर मोहित शोरी उपस्थित थे।
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