गर्भवती महिलाओं की हाईपोथायरायड की जांच के साथ उपचार भी होगा मुफ्त
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य बेहतरी के लियें एक बड़ा कदम
राजसमंद, 7 मई। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के सुदृढीकरण हेतु अब गर्भवती महिलायें हाईपोथायराडिज्म से ग्रस्त होने पर उनकी निःशुल्क जांच कर उपचार किया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गौड़ ने दी।
डॉ गौड़ ने बताया की गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला में अनेक प्रकार की जटिलताऐं उपत्पन्न होने की सम्भावना रहती है। ंइन जटिलताओं में हाइपोथायराडिज्म एक प्रमुख कारण है जिससे ग्रसित होने पर गर्भवती महिला तथा गर्भस्थ शिशु में अनेक प्रकार के दुष्परिणाम का खतरा बना रहता है।
उन्होंने बताया की आर.के.राजकीय जिला चिकित्सालय एवं सामान्य चिकित्सालय नाथद्वारा पर हाइपोथायरायडिज्म हेतु टी3, टी4 व टीएसएच की जांचे उपलब्ध है साथ ही उपचार हेतु उपयोग में आने वाली दवायें भी जिला व सामान्य चिकित्सालय में उपलब्ध करवायी गई है।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया की गर्भवती महिलाओं में हाईपोथायरायडिज्म के कारण अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट, चिड़चिड़ेपन के साथ ही कई शारिरीक और मानसिक समस्यायें हो सकती है, समस्या अधिक होने तथा समय पर उपचार नहीं मिलने पर गर्भपात तक हो जाता है। गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म के कारण होने वाले शिशु के शारिरीक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलियें गर्भवती महिलाओं को प्रसव पुर्व जांच के दौरान लक्षणों के आधार पर हाईपोथायरायडिज्म की निःशुल्क जांच व उपचार उपलब्ध होने से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य दोनो ही दृष्टी से अच्छा होगा।
जिला स्तर से सभी राजकीय चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया गया है की वे प्रति माह 9 तारिख को चिकित्सा संस्थानो पर आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान तथा सुरक्षित मातृत्व दिवस के दौरान गर्भवती महिलाओं में हाइपोथायराडिज्म के लक्षण पायें जाने पर जिला एवं सामान्य अस्पताल में रेफर करें एवं आवश्यक जांच तथा उपचार सुनिश्चित करते हुयें फॅालोअप भी करें।
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